प्रिय साथी,
क्रांतिकारी अभिवादन।
साऊथ कोरिया के ग्वांगजू शहर मे १८ मई १९८० मे सैनिक शासन के खिलाफ वहाँ की जनता ने बगावत कर दिया।जिसमे एक हजार से ऊपर लोग शहीद हुवे। किन्तु सरकार तकरीबन २०० लोगो की शहादत को मानती है। उनकी याद मे मई १८ फाउंडेशन की स्थापना की गयी है। जिसने २००० सन से ग्वांगजू ह्यूमन राइट्स पुरस्कार की शुरुवात की है।यह पुरस्कार ईस्ट तिमोर के राष्ट्रपति, एशियन ह्यूमन राइट्स कमीशन के बासिल फ़र्नांडो, बर्मा मे आज़ादी की जंग लड़ रही आन् सु की को मिला है। २००७ ग्वांगजू ह्यूमन राइट्स अवार्ड्स हमारे संगठन के लेनिन रघुवंशी को मणिपुर मे संघर्ष कर रही इरोम शर्मीला के साथ मिला है। लेनिन को यह पुरस्कार भारत मे
दलित के अधिकार पर काम के लिए मिला . shruti