Wednesday, February 27, 2019

मिर्ज़ा ग़ालिब के “काबा-ए-हिंदुस्तान” काशी में मनाई गयी उनकी पुण्य तिथि की 150वीं वर्षगाठ

मिर्ज़ा ग़ालिब के “काबा-ए-हिंदुस्तान” काशी में मनाई गयी उनकी पुण्य तिथि की 150वीं वर्षगाठ
·       पदमश्री राजेश्वर आचार्य जी को काशी का गौरव व मान बढ़ाने के लिए उन्हें दिया गया “जनमित्र सम्मान”
·       यातना से संघर्षरत 7 पीडितो को किया गया सम्मानित
·       वाराणसी के 20 मदरसों में वितरित की गयी लाईब्रेरी की किताबे, आलमारी, कुर्सी व टेबल 

वाराणसी, 25 फरवरी, 2019 उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के पुण्य तिथि की 150वी वर्षगाठ के उपलक्ष्य में पराड़कर स्मृति भवन, मैदागिन पर एक गोष्ठी का आयोजन मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR), जनमित्र न्यास (JMN), ग्लोबल इंगेजमेंट, जर्मन सरकार व इण्डो जर्मन सोसाईटी (DIG) रेमसाईड, जर्मनी, इन्सेक (INSEC), नोरेक (NOREC), शांति सद्भावना मंच, सेंटर फॉर हारमोनी एंड पीस और यूनाइटेड नेशन वोलंटरी ट्रस्ट फण्ड फॉर टार्चर विक्टिम (UNVFVT) के संयुक्त तत्वाधान में किया गया |
कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत व कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए मानवाधिकार जननिगरानी समिति के सीईओ डा0 लेनिन रघुवंशी ने बताया कि 19वीं सदी के भारतीय साहित्य में सबसे बड़े और महान शायर के रूप में पहचान बनाया है | बनारस में रहकर बनारस के बनारसी मिजाज़ से वह इतना प्रभावित हुए कि चार सप्ताह तक रुकने के लिए मजबूर हो गए | साथ ही उन्होंने यहाँ की गंगा जमुनी तहजीब को देखते और महसूस करते हुए काशी को “काबा-ए-हिंदुस्तान” की उपाधि दे डाली | आज उनकी पुण्य तिथि की 150वी वर्षगाठ पर यह कार्यक्रम आयोजित कर उनके द्वारा जो साझा संस्कृति और साझी विरासत को कायम रखने का जो उन्होंने प्रयास किया था उसी को हम आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे है |
इस कार्यक्रम में पदमश्री राजेश्वर आचार्य जी को उनके शास्त्रीय संगीत में अपना उत्कृष्ट योगदान देने और काशी का गौरव व मान बढ़ाने के लिए उन्हें “जनमित्र सम्मान” से नवाज़ा गया | उन्हें मानवाधिकार जाननिगरानी के ट्रस्टी डा0 महेंद्र प्रताप द्वारा प्रशस्तिपत्र व शाल भेट कर उनको सम्मानित किया | आचार्य मृत्युंजय त्रिपाठी ने अभिनन्दन पत्र देकर काशी गौरव पदमश्री राजेश्वर आचार्य का सम्मान किया |  
पदमश्री राजेश्वर आचार्य जी ने कहा कि ग़ालिब का यह सपना था कि हिन्दुस्तान में जो विभिन्न सम्प्रदायों की संस्कृति की जो मिली जुली एक एकता है व अनवरत ऐसे ही कायम रहे इसके लिए वह सतत अपनी ग़ज़ल और शायरी के माध्यम से उसको आगे बढ़ाते रहे |
कार्यक्रम में आगे आचार्य मृत्युंजय त्रिपाठी जी ने कहा कि ग़ालिब ही एकमात्र ऐसे शायर है जो किसी एक सम्प्रदाय विशेष के न होकर सभी सम्प्रदायों पर अपनी अमिट छाप छोड़ते है | हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व को ऐसे ही बनाना चाहिए | 
मौलाना हारून रशीद जी ने कहा कि 'बेदिल' से प्रभावित गालिब फारसी में शायरी करते थे | उर्दू शायरी के भीतर एक नई परंपरा की बुनियाद डाली | गालिब अपने जीवन में ही नहीं बल्कि शायरी में भी इंसानी रिश्तों को जीते हैं |
प्रोफ़ेसर शाहिना रिज़वी ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रसिद्ध मसनवी 'चराग-ए-दैर' (मंदिर का दीप) में बनारस की आध्यात्मिकतापवित्रता और सौंदर्य को बेहद खास अंदाज में चित्रित करते हुए इसे 'काबा-ए-हिंदोस्तानकहा है । गालिब का मानना था कि बनारस की हवा में उन्हें शक्ति की अनुभूति होती है जो मृत शरीर को भी जीवित कर देती है।
डॉ0 मोहम्मद आरिफ ने कहा कि ग़ालिब उर्दू साहित्य और साझी विरासत के सिरमौर है | भविष्य का भारत कैसा हो इसकी परिकल्पना ग़ालिब ने बनारस में बैठ कर ही महसूस की थी और 'चराग-ए-दैर' लिखकर उसे साकार किया है |  
इसके बाद कार्यक्रम में यातना से संघर्षरत पीडितो ने सबके सामने अपनी स्व व्यथा कथा रखी और अपने संघर्षो के बारे में विस्तार से लोगो को बताया कि कितने संघर्षो व मानसिक यातनाओ के उपरांत उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है | ऐसे ही यातना से संघर्षरत 7 पीडितो को उनकी टेस्टीमनी और एक शाल देकर उनको सम्मानित किया गया |
इसी अवसर पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने बताया कि ग्लोबल इंगेजमेंट, जर्मन सरकार व इण्डो जर्मन सोसाईटी (DIG), रेमसाईड, जर्मनी के आर्थिक सहयोग से मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत करने के लिए वाराणसी के बजरडीहा व लोहता के 20 मदरसों में लाईब्रेरी स्थापित करने के लिए लाईब्रेरी की किताबे वितरित की गयी | जिससे बच्चो को पाठ्य पुस्तक के अलावा अन्य माध्यम से पढ़ने लिखने का अवसर भी मिल सके जिससे उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके | इसके साथ ही 10 मदरसों में किताबो की रख-रखाव के लिए आलमारी के साथ कुर्सी और मेज भी वितरित किया गया |
इस अवसर पर मदरसों के मैनेजमेंट सदस्य व प्रधानाचार्य के साथ ही समुदाय के भी लगभग 250 लोग उपस्थित रहे |
इस कार्यक्रम का सञ्चालन मानवाधिकार जननिगरानी समिति के सीईओ डा0 लेनिन रघुवंशी ने किया और धन्यवाद मानवाधिकार जननिगरानी समिति के ट्रस्टी डा0 महेंद्र प्रताप ने किया |


Wednesday, February 06, 2019

Bambini scattano un selfie usando una pantofola

l tema della povertà soprattutto infantile è all’ordine del giorno in India, e in particolare nello stato dello Uttar Pradesh, dove alla fine dello scorso anno la ong Peoples’ Vigilance Committee on Human Rights (Pvchr) ha lanciato un vero e proprio appello “per sostenere i minori più poveri che rischiano di morire, patiscono fame, torture e trasferimenti forzati come sfollati interni”. Tuttavia, la foto è stata condivisa milioni di volte anche al di fuori del paese asiatico: “Questa è assolutamente l’immagine del giorno. La felicità è uno stato d’animo”.


#PVCHR #ChildPoverty #Happiness #U4HumanRights #Stands4HumanRights

Saturday, February 02, 2019

Compensation in one year ((141500.57 USD))

-->
S.N
Case N.
Name
Amount
1
32927/24/72/2016
Shiv kumar
2,00,000
2
194/33/5/2012-ad
MONTU
5,00,000
3
24179/24/13/2011-ad
Gaya Prasad
5,00,000
4
36051/24/72/2013
Vikaram
1,00,000
5
219/10/12/2012
Hasan
8,93,485
6
1134/4/14/2012-afe
Matli devi
5,00,000
7
1438/7/15/2012
Ritu
50,000
8
43290/24/56/2011
fatima
1,00,000
9
30041/24/72/2017
Nizamuddin
5,00,000
10
1405/34/18/2013-wc
Soru
1,00,000
11
20381/24/72/2013
Sahil
1,00,000
12
31042/24/3/2013
shahnwaj s/o wasid ali
1,00,000/-
13
28617/24/18/2016
13 YEAR OLD GIRL AND HER MOTHER
21,00,000
14
2910/13/16/2013-AD
Manoj Salve
5,00,000
15
963/10/1/2014
Santosh
1,25,000/- and 25000 for medical expenses
16
46982/24/72/2015
sunita devi
2,00,000
17
1366/4/28/2012-ad
shankar choudhary
5,00,000
18
3681/24/47/2010-ad
shobha ram
5,00,000
19
36932/24/39/2013-BL
seema and others
800000
20
1440/24/72/2016
Rani munni
25,000 and 1,40,000
21
34623/24/72/2013
Piyari Musahar
60,000
22
45784/24/72/2015
Shankar Yadav and Balram Yadav
2,00,000
23
5837/24/72/2014
Sushila
25000
24
514/33/12/2016-AR
A 25 YEARS OLD WOMAN
2,00,000
25
10920/24/72/2015
Savitri
25000
26
13661/30/9/2014
Amir khan
500000
27
3032/24/30/2018
Jitendra Yadav
500000
28
25477/24/69/2017
Gulpathi devi
25000
29

Total
1,00,93,485

The Uttar Pradesh Government had taken unique action to pay the compensation to the survivor through deducting from the salary of the concerned police officials through issuing GOs. In one year, 10093485 INR (141500.57 USD) was awarded in 28 cases of human rights violation. 

#PVCHR #Compensation #U4HumanRights 

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