Sunday, November 29, 2015

Dalits Walk Tall

A decade long movement leads to Dalit empowerment in Varanasi. Two authors, Dr. Archana Kaushik, a social work educator, teaching Social Work at the University of Delhi and Shruti Nagvanshi, a field practitioner and co-founder of PVCHR, work together to document the strife and struggle of Dalits and their empowerment. This is just a beginning, says, Shruti, one of the authors, in this discourse.


The book, Margins to Centre Stage: Empowering Dalits in India by Prof Archana Kaushik and Shruti Nagvanshi, is published by Frontpage Publication, London, UK. It was inaugurated by the guests at South Asian Conference on Ending Torture: Collective, at Mahatama Gandhi Kashi Vidyapeeth, Varanasi, recently.
Please read full article published in Different Truth:


#dalit #neodalit #torture #endimpunity #varanasi

Friday, November 27, 2015

PVCHR needs your kind support:

PVCHR constructed six community centres, school buildings and ICDS (Kindergarten) Centre with two pumping sets, which owned by Communities and Government. PVCHR is trying to build own office space. It is important for independent and sustainability of PVCHR. PVCHR faced attacked by non-state and state actors recently. It is our hard time but we are working more hard and chanting we shall overcome. 




4)   The Politician place in a therapeutic process, Master thesis, University of Aarhus, Denmark   https://www.scribd.com/doc/240769026/The-Politician-s-place-in-Therapeutic-Practice

6)   Change is possible: We can

7).Children of Lesser God: ISBN – 9788193054321

We are also facing financial crunch too. Please support us. Please find out about recent social audit in Hindi: https://www.saddahaq.com/story-7954

Details of   our account as follows:
Name of bank UCO bank
Address of Bank Pandeypur, Varanasi, U.P India
Bank account number
Foreign contribution 20110100001170
National Contribution 20110100000768
Bank account name/beneficiary Jan Mitra Nyas
SWIFT No: UCBAINBB106 (mention please transfer to account no. 1170, UCO Bank Pandeypur, Varanasi)
IFSC No. UCBA0002011
Address of Bank Pandeypur, Varanasi, U.P India

Thanks in advance for your kindest support.

With kindest regards,
Lenin Raghuvanshi
Founder and CEO, PVCHR
Gwangju Human Rights Award – 2007
Association of Cultural Harmony in Asia (ACHA) Star Peace Award – 2008
International Human Rights Award of Weimar (Germany) - 2010


#pvchr #india #varanasi #dalit #endimpunity

Wednesday, November 25, 2015

Can the Neo-Dalit Movement Eradicate Emerging Facism in India?

The vast poor majority remains oppressed to the emerging fascist forces. They are brutalised by the caste system, the ‘culture of impunity’ and the hydra-headed tortures. Dr. Lenin Raghuvanshi shows how the Neo-Dalit Movement needs to emerge and eradicate the age old problem, following the Mandela model.Please read follows as cover story of Different Truth:



#endimpunity #neodalit #Dignity #pvchr

Wednesday, November 18, 2015

“यातना का अंत-सामूहिक सरोकार” विषयक अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन

मानवाधिकार जननिगरानी समिति और समाजकार्य विभाग,  काशी विद्यापीठवाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय (15-16 नवम्बर, 2015) यातना का अंत-सामूहिक  सरोकार”  विषयक अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन गाँधी अध्ययन पीठ वाराणसी उत्तर प्रदेश में किया गया है | जिसमे नेपाल व भारत के उत्तर प्रदेश सहित बिहार, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, मणिपुर, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक से प्रतिनिधि शामिल हुए |

जिसके  बाद आज आखिरी दिन 16 नवम्बर, 2015 को प्रेस वार्ता गाँधी अध्ययन पीठ में आयोजित की गयी जिसको प्रोफ़ेसर अहमद सगीर इनाम शास्त्री, डा० महेंद्र प्रताप सिंह, इतिहासकार, डा0 लेनिन रघुवंशी, महासचिव, मानवाधिकार जननिगरानी समिति,श्रुति नागवंशी, मैनेजिंग ट्रस्टी मानवाधिकार जननिगरानी समिति, ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जिसमे दो दिवसीय चले इस सम्मलेन की रिपोर्ट मीडिया के समक्ष रखते हुए बताया कि मानवाधिकार मूल्यों के परिपेक्ष्य में राज्य और आम ग़रीब नागरिकों के बीच बढ़ते अंतरराज्य द्वारा यातना रोकथाम एवं यातना के स्वरूप के पहचान न होने के कारण पूर्ण उदासीनता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होती है | आज यह बात साबित हो गयी है कि किसी समुदाय या वर्ग को प्रभाव व दबाव में लेने के लिए यातना व हिंसा का सहारा लिया जाता है जिसके फलस्वरूप पीड़ित व समुदाय तनाव अवसाद हिंसा आत्मह्त्या,  चिंता व अनिद्रा जैसी भयंकर मनोवैज्ञानिक एवं मनोसामाजिक समस्याओं से जूझता है समाज के सभी तबके, समुदाय और शिक्षित, बुद्धिजीवी वर्ग में यातना के विभिन्न स्वरूप के रोक थाम के लिए सरकार एवं मानवाधिकार संस्थानों द्वारा अविलम्ब पहल करने की आवश्यकता है |



      इस दो दिवसीय संगोष्ठी में बुद्धिजीवियों एवं मानवधिकार कार्यकर्ताओं के द्वारा गहन चिंतन और मनन के बाद इस बात पर जोर दिया कि यातना सिर्फ़ शारीरिक नहीं होती है बल्कि बहुत ही गंभीर रूप में यह मानसिक मनोवैज्ञानिक एवं सांवेगिक रूप में होती है | यातना को ख़त्म करने व यातना मुक्त समाज की स्थापना के लिए कई बिन्दुओ पर चर्चा के बाद मुख्य सिफारिशे इस प्रकार रहे -
  • भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र यातना विरोधी कन्वेंशन (UNCAT) का अनुमोदन करे, साथ ही जिनेवा कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करते हुए अनुमोदन करे  |
  • राज्य सभा में लम्बित यातना रोकथाम क़ानून को पारित कर लागू किया जाय |
  • साउथ एशिया ह्युमन राईट्स व्यवस्था (Mechanism ) सार्क के स्तर पर किया जाय |
  • पुलिस सुधार व जेल सुधार की सिफ़ारिशो को लागू किया जाय |
  • सभी शिक्षण संस्थानों में मानवाधिकार शिक्षा को एक विषय के रूप में लागू किया जाय |
  • माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले, भारत सरकार की विभिन्न कमेटियो की सिफारिशो एवं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत आर्म्स फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) गैर कानूनी और अमानवीय है जिस आधार पर भारत के विभिन्न राज्यों में लागू आर्म्स फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को हटाते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ती इरोम शर्मिला का उपवास अविलम्ब समाप्त कराया जाय |
  • 9 अगस्त 2014 बनारस सम्मलेन में तय किये गए “बनारस घोषणा पत्र” को लागू किया जाय |
  • संसद में महिलाओ को 33% आरक्षण लागू किया जाय |
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के ह्यूमन राईट डिफेंडर डेस्क को सक्रिय, मजबूत एवं प्रभावी बनाया जाय |
  • क़ानून के राज के तहत निष्पक्ष, सक्रिय व प्रभावी न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाय जिससे न्याय व्यवस्था, मानवाधिकार संरक्षण के लिए सम्बंधित संस्थान सक्रिय हो सके |
  • पीडितो एवं गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का क़ानून पारित कर लागू किया जाय |
  • जेल में बन्द ऐसे बंदियों के लिए जिनके जमानतदार एवं जमानत राशि के अभाव में बन्द कैदियों को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से उन्हें मुक्त कराया जाय | 
  • जेल में महिला बंदी एवं उनके बच्चो को अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण कार्यक्रम सुनिश्चित किया जाय |
  • भारत - नेपाल के रिश्ते को मानवीय, स्थायी करने के लिए अविलम्ब अति आवश्यक सामग्री यथा राशन, ईंधन, दवा की सप्लाई नेपाल को की जाय |
  • विस्थापन करने से पूर्व वहां के निवासियों की स्थिति का आकलन व उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति करते हुए उनका पुनर्वासन किया जाय |  
  • यातना के रोकथाम व यातना कानूनी पीड़ित के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक व पुनर्वासन की योजना भारत सरकार द्वारा शुरू किया जाय |

विदित हो कि जुलाई 2012 में दिल्ली में मानवाधिकार जननिगरानी समिति, यूरोपियन यूनियन और डिग्निटी: डेनिश इंस्टीटयूट अगेंस्ट टार्चर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष माननीय के.जी. बालाकृष्णन जी ने भी भारत सरकार को UNCAT के अविलम्ब अनुमोदन के लिए अपील की थी | 

भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार परिषद् की दो यूनिवर्सल पीरियाडिक रिपोर्ट (UPR) रिपोर्ट में यह कहा है की वो UNCAT का अनुमोदन करेगी और तीसरी UPR रिपोर्ट अगले वर्ष से शुरू होने वाली है |   

आज की संगोष्ठी के आखिरी सत्र संगठित हिंसा, यातना के खिलाफ विभिन्न अभियानों के सन्दर्भ में चर्चा में प्रमुख रूप से उदय दशरा संस्था, संध्या-शिक्षर प्रशिक्षण संस्थान, प्रोफ़ेसर महेश विक्रम, प्रोफ़ेसर संजय, डा0 भावना वर्मा, डा0 शैला परवीन, डा0 भारती कुरील (महात्मा गांधी काशी विद्या पीठ), संतोष उपाध्याय-बंदी अधिकार आन्दोलन, ओवैस सुल्तान खान, डा0 महेंद्र प्रताप, नम्दीथियु पामेयी, ज्योति स्वरुप पाण्डेय –पूर्व पुलिस महानिदेशक, रागिब अली व डा0 इफ़्तेख़ार खान, शामिल रहे | इस सत्र का संचालन डा0 मोहम्मद आरिफ ने किया |   

इस दो दिवसीय चर्चा परिचर्चा से निकले सुझाव का संस्तुति पत्र स्थानीय निकाय, राज्य सरकार व भारत सरकार को भेजा जाएगा और पैरवी किया जायेगा | साथ ही आने वाले चुनाव में इन मुद्दों को हर पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करने व लागू करने के लिए जन दबाव बनाया जाएगा | इस आशा के साथ कि समाज को यातना मुक्त बनाया जाय और सरकार UNCAT का अनुमोदन जल्द से जल्द करे जिससे समाज का हर व्यक्ति सम्मान के साथ गरिमापूर्ण जीवन यापन कर सके | इसके साथ ही पूरे विश्व में बढ़ रही हिंसा के क्रम में जो हाल में पेरिस, सीरिया, लेबनान व एनी देशो में हुए हिंसात्मक अमानवीय घटना में मारे गए लोगो के लिए 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना के साथ यह भी प्रार्थना किया गया की आगे से ऐसी हिंसक घटनाये न हो |   

Thursday, November 05, 2015

जिला-वाराणसी में मुसहर जाति की महिला के साथ मारपीट, छेड़खानी और उसका घर जलाने के बावजूद पुलिस द्वारा FIR दर्ज न करने और दबंगों द्वारा लगातार धमकी दिए जाने के मामले में मुख्यमंत्री ने दिया जाँच का आदेश

 
कम्प्यूटर सँख्या : PG05604362 , प्रेषित तिथि 09/04/2015, पत्रांक : -PG05604362/लो.शि.-2/2015
विषय : 0प्र0 के विश्‍वनाथपुर गॉंव तह0-पिण्‍डारा,थाना-फूलपुर,जनपद-वाराणसी मुसहर जाति की महिला के साथ मारपीट,छेड़खानी और उसका घर जलाने बावजूद पुलिस द्वारा एफ0आई0आर0 दर्ज न करने के संबंध में।
प्रेषक : डा.लेनिन रघुवंशी, महासचिव , मानवधिकार जननिगरानी समिति सा 4/2ए दौलतपुर , वाराणसी , उत्तर प्रदेश
प्रेषित : प्रमुख सचिव/सचिव, गृह एवं गोपन,कारागार, उत्तर प्रदेश शासन
संदर्भ प्रकार : आख्‍या
सन्दर्भ स्थिति - लम्बित/ अनिस्तारित
सम्बन्धित अधिकारी/विभाग द्वारा भरी गयी सूचना-
अध्यावधिक स्थिति : -
सम्बन्धित अनुभाग : POLICE 11
सम्बन्धित जनपद : वाराणसी
जवाब भेजे जाने की तिथि :
अभियुक्ति : वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक, वाराणसी से दिनांक 10 जून,2015 को आख्‍या मांगी गयी।
 

Anup Srivastava
Senior Member of Management Committee and Programme Manager
People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)
An initiative of Jan Mitra Nyas ISO 9001:2008
SA 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002 India
Mobile no.+91-9935599335
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---------- Forwarded message ----------
From: anup srivastava <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2015-03-20 17:16 GMT+05:30
Subject: उत्तर प्रदेश के विश्वनाथपुर गाँव, तहसील-पिण्डरा, थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी में मुसहर जाति की महिला के साथ मारपीट, छेड़खानी और उसका घर जलाने के बावजूद पुलिस द्वारा FIR दर्ज न करने और दबंगों द्वारा लगातार धमकी दिए जाने के संदर्भ में
To: cmup@nic.in, cmup@up.nic.in, yadavakhilesh@gmail.com
Cc: Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>, "Dr. Lenin Raghuvanshi" <lenin@pvchr.asia>


सेवा में,                                                20 मार्च, 2015

          माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
      उत्तर प्रदेश सरकार,
      लखनऊ |
विषय : उत्तर प्रदेश के विश्वनाथपुर गाँव, तहसील-पिण्डरा, थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी में मुसहर जाति की महिला के साथ मारपीट, छेड़खानी और उसका घर जलाने के बावजूद पुलिस द्वारा FIR दर्ज न करने और दबंगों द्वारा लगातार धमकी दिए जाने के संदर्भ में |
महोदय,
                आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि प्रार्थी सावित्री पत्नी कान्ता मुसहर,  विश्वनाथपुर, तहसील-पिण्डरा, थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी की मूल निवासी हूँ। पीडिता इस गाँव की मूल निवासी है और कई पीढियों से यहाँ रह रही है | इसी गाँव के बदमाश दबंग किस्म के जय प्रकाश पटेल पुत्र विश्वनाथ पटेल (प्रधान पति), सुबाष पटेल पुत्र सेवा लाल, किशोरी लाल पुत्र मिठाई लाल, अमरनाथ पुत्र मिठाई लाल जो कि मेरे घर जमीन को कब्जा करने के नियत से बार-बार परेशान करते रहे है | फरवरी माह 2015 में यह सभी लोग पीडिता का घर गिराने का प्रयास किये थे और उसका कपड़ा फाड दिये थे तथा उसे मारे-पीटे थे | लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से यह लोग कुछ दिन चुप रहे | लेकिन दिनांक 18 मार्च, 2015 को समय 9 बजे रात्रि यह सभी चारो लोग पीडिता के घर पर चढकर आये और जय प्रकाश पटेल पुत्र शिवनाथ ने ललकार कर इन तीनों को कहा कि इस मुसहरिन का घर जला दो तब सभी लोग घर से बारह निकल कर आये और तभी उपरोक्त चारो लोग मिलकर पीडिता का घर जला दिये जिसमे पूरे घर गृहस्ती का सारा सामान जलकर नष्ट हो गया इसकी तुरन्त सूचना पीडिता द्वारा द्वारा 100 नम्बर पर कई बार फोन किया गया लेकिन पुलिस नहीं आई फिर पीडिता के पड़ोस के कई लोगो ने 100 नम्बर पर फोन किया लेकिन फिर भी पुलिस नहीं आयी। पीडिता के सामने ही उपरोक्त चारों लोगो ने उसका घर जला दिया किसी प्रकार गाँव में भागकर पीडिता के परिवार के लोगो ने अपनी जान बचाई | दिनांक 19 मार्च 2015 को सुबह पीडिता जले मड़ई के पास पहुची तब वहा पहले से मौजूद चारो लोग पीडिता औए उसकी पुत्री लक्ष्मीना को मुसरहीन, कुतिया कह कर गाली देते हुए यह सभी चारो उपरोक्त लोग बुरी तरिके से पीडिता और उसकी बेटी को मारने लगे किसी प्रकार वे लोग जान बचा कर यहा से भागे । दूसरे पड़ोस के गाँव के लोगो ने उन्हें बचाया जब वे लोग थाने पर इस घटना की सूचना देने गए तो उपरोक्त चारो दबंग बदमाश थाने के बाहर पहले से मौजूद थे । वही पर इन लोगो को मारने लगे। जिससे पीडिता बहुत और उसके परिवार के लोग बहुत डर गए और वहाँ से भाग गए और सरकारी अस्पलात जाकर अपना दवा ईलाज कराये |  
                अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उपरोक्त चारो अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने व SC/ST एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही का आदेश देते हुए न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे | साथ ही पीडिता को उचित मुआवजा दिलाया जाय | साथ ही भारत सरकार पुलिस सुधार को लागू करते हुए यातना विरोधी क़ानून को अविलम्ब पारित करवाया जाय |
संलग्नक-
1.                   लक्ष्मीना की चिकित्सकीय रिपोर्ट की छायाप्रति।
2.                   वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय को पीडिता द्वारा भेजे गए पत्र की प्रति |
3.                   जमीन का कागज़
 
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
 
 

 



Wednesday, November 04, 2015

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के थाना कैंट के प्रभारी रतन सिंह यादव द्वारा दो व्यक्तियों को डी के बसु गाईड लाइन का उल्लंघन करते हुए 14 दिन तक दो व्यक्तियों को थाने में बंधक बनाये जाने के सन्दर्भ में

सेवा में,                                    4 नवम्बर, 2015

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के थाना कैंट के प्रभारी रतन सिंह यादव द्वारा दो व्यक्तियों को डी के बसु गाईड लाइन का उल्लंघन करते हुए 14 दिन तक दो व्यक्तियों को थाने में बंधक बनाये जाने के सन्दर्भ में |  

महोदय,

      आपका ध्यान 3 नवम्बर, 2015 की दैनिक समाचार पत्र "दैनिक जागरण" में छपी खबर "एस.एस.पी. के हस्तक्षेप पर छूटे सगे भाई" की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | वाराणसी के नदेसर स्थित अभिलाषा कालोनी में रहने वाले सगे भाईयो को कैंट थाने के प्रभारी रतन सिंह यादव द्वारा जबरदस्ती थाने में हथकड़ी लगाकर बैठाया गया और उन्हें प्रताणित किया गया | साथ ही उनके परिजनों को भी धमकाया जिससे वे थाने पर नहीं आते थे |

      अतः आपसे अनुरोध है कि पुलिस द्वारा किये गए डी के बसु गाईड लाइन के उल्लघन पर कानूनी कार्यवाही करते हुए उक्त थाना प्रभारी पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया जाय | साथ ही आपसे यह भी अनुरोध है कि वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश के सभी थानों के प्रभारी व अन्य अधिकारियों को माननीय आयोग द्वारा डी.के. बसु गाईड लाइन की कार्यशाला की जाय व मानवाधिकार मूल्यों के प्रति उन्हें संवेदित किया जाय और कडाई से पालन हेतु उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया जाय |

 

संलग्नक :

  1. दिनांक 3 नवम्बर, 2015 के दैनिक समाचार "दैनिक जागरण" अख़बार की खबर की प्रति |

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333