मानवाधिकार
जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास के बैनर तले अंतर्राष्ट्रीय
यातना मुक्ति दिवस-26 जून की पूर्व संध्या पर आज 25 जून, 2015 को वाराणसी के ऐतिहासिक मूलगादी कबीर मठ में “अंतर्राष्ट्रीय
यातना मुक्ति दिवस-26 जून” मनाया गया| जिसमे
एक बार फिर बनारस व आस—आस के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जमीनी जनप्रतिनिधियों एवं
शिक्षा जगत के लोगों के साथ ही विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओ का जमवाड़ा हुआ |
जिसमे सभी सम्मानित प्रतिभागियों ने अंतर्राष्ट्रीय यातना मुक्ति
दिवस-26 जून पर राज्य सभा में लंबित यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने की पुरजोर
अपील एवं हस्ताक्षर अभियान द्वारा इसे जल्द से जल्द लागू कराये जाने के लिए
प्रधानमंत्री एवं महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपने का निश्चय किया | जिसमे काशी के गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूती प्रदान करने के लिए सर्वधर्म
सम्भाव के तहत रोज़ा अफ़्तार का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया |
कार्यक्रम की
रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए संस्था के महासचिव डा० लेनिन रघुवंशी ने कहा कि समाज में मानवाधिकार संरक्षण एवं मज़बूतीकरण के लिये पूरे विश्व में यातना मुक्ति हेतू 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय यातना मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है |
संस्था की
मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमती श्रुति नागवंशी ने कहा कि भारत में बढ़ते हुए मानवाधिकार हनन की घटनाओं एवं विभिन्न हिंसात्मक
गतिविधियों से प्रभावित पीड़ित लोगों को जोड़ते हुए हम लोग यह वर्ष “यातना मुक्ति एवं सामाजिक एकता व अंतर्धार्मिक
सौहार्द स्थापना वर्ष” के रूप में मना रहे है |
वरिष्ठ सामाजिक
कार्यकर्त्ता डा० मोहम्मद आरिफ़ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के यातना विरोधी कन्वेंशन (UNCAT) पर हस्ताक्षर तो किया गया है, किन्तु “यातना विरोधी बिल” राज्य सभा में
लम्बित है | जिसके कारण भारत में यातना के
विभिन्न स्वरूप से रोकथाम एवं पुनर्वास का कोई मज़बूत व प्रभावशाली नीति-नियम नहीं
है | जिसे राज्य सभा में लागू कराये जाने के लिए हमारा यह
अभियान जारी रहेगा |
समाजसेवी
श्री मूल चन्द्र सोनकर ने कहा कि पुलिस व संगठित यातना जैसे गंभीर मुद्दे पर यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने हेतू सभी
राजनैतिक पार्टियों से अपील की है | उन्होंने
कहा कि रोज़ा अफ़्तार जैसे पवित्र कार्यक्रम से इसकी शुरुआत निश्चय ही फलदायक होगी |
कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि मुफ़्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि ज़ुल्म व ज्यादती का कोई भी तरीका इंसानी हक़
व हुकूक को पामाल करता है और आज के दौर में अकलियत
तबके के लोग इसके
सबसे ज्यादा शिकार है | आज मुल्क के सभी जेलों में मुस्लिमों
व दलित कैदियों की तादाद सबसे ज्यादा है | ऐसे में यातना
विरोधी बिल जैसे अहम विधेयक के लागू होने से जम्हूरियत व इंसाफ पसंदी को मज़बूती
मिलेगी |
वरिष्ठ इस्लामिक
विद्वान एवं मुफ़्ती मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने कहा कि आज जरूरत है कि कौमी यकजहती और भाईचारा के नज़रिए सेयातना विरोधी बिल को अवाम के हक़ में जल्द ब जल्द लागू किया जाए | ताकि ग़रीब,मज़लूमों के साथ इंसाफ हो सके
और बनारस इस तरह के पहल के लिए हमेशा आगे रहा है |
माननीय उच्च
न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद सिद्दीक़ी ने आम जनमानस के परिपेक्ष्य में यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने की उपयोगिता व
महत्त्व को रेखांकित किया और मौजूदा समय में बढ़ते मानवाधिकार हनन की घटनाओं की
रोकथाम में इस विधेयक को प्रासंगित बताया |
बौद्ध धर्म गुरु
भंते कीर्तिरतन ने कहा कि समाज के सभी वर्ग के बुद्धिजीवियों के संयुक्त प्रयास से
एक सामूहिक हस्ताक्षर अभियान व अपील कार्यक्रम चलाया जा रहा है | जिससे की क़ानून के अंतर्गत यातना के विभिन्न खतरनाक स्वरूप को
समाप्त कर मानवाधिकार संपन्न समाज का निर्माण किया जाए| इस
कार्यक्रम के अंतर्गत शाम को पवित्र रमज़ान माह के रोज़ा अफ़्तार कार्यक्रम का भी
आयोजन किया जा रहा है |
लोकप्रिय जनप्रतिनिधि हाजी
नासिर जमाल ने कहा कि यातना मुक्त समाज निर्माण हेतू सरकार को अधिक यातना विरोधी क़ानून बनाकर
जवाबदेह एवं संवेदनशील बनाया जाना चाहिये | विधायक अजय राय जी ने कहा कि यातना
विरोधी कन्वेंशन (UNCAT/PTB) क़ानून को भारत में अविलम्ब
लागू कराने में सभी राजनैतिक पार्टियों को अपनी महती भूमिका अदा करना चाहिये | इस कार्यक्रम के सफ़लता के लिए
कबीर मठ के आचार्य महंत विवेक दास जी ने अपनी
हार्दिक शुभकामनाएं दिया | इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ
समाजसेवी डा० मोहम्मद आरिफ़ जी ने किया | जिसमे डा०एम०पी० सिंह, शाहीना रिज़वी, मुनीज़ा रफ़ीक खान, बिशप, वल्लभाचार्य
पाण्डेय, लाल बहादुर राम, अशोक आनंद,
फादर दिलराज, प्रो० ईनाम शास्त्री, हाजी इश्तेयाक, अब्दुल्ला खान, डा० संजय, प्रो० राम प्रकाश द्रिवेदी एवं विभिन्न
मदरसों के शिक्षक व प्रबंधक शामिल रहे |इसके अलावा
मानवाधिकार जननिगरानी समिति से डा० राजिव सिंह, अनूप कुमार
श्रीवास्तव, सुश्री शिरीन शबाना खान,अजय
सिंह, उमेश, छाया, आनंद, रोहित, अरविन्द शामिल रहे
| अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्था के कार्यकर्त्ता इरशाद अहमद
ने किया |
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