Victim
Victim Name | SURESH MUSAHAR S/O CHANDRAMA MUSAHAR AND SUNIL S/O SURESH MUSAHAR | Gender | Male |
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Religion | Hindu | Cast | Scheduled Caste |
Address | VILLAGE. MADNI, MAHASIPUR, PS. CHAUBEYPUR, | ||
District | VARANASI | State | UTTAR PRADESH |
Diary No | 24903/CR/2018 | Section | M-4 |
Language | HINDI | Mode | |
Received Date | 09/02/2018 | Complaint Date | 05/02/2018 |
‘’तुम्हारी इतनी औकात नही है की तुम मुझसे लड़ सको’’
मेरा नाम सुरेश मुसहर है मेरी उम्र लगभग 40 वर्ष है| मेरे पिता चन्द्रमा मुसहर
है| मै ग्राम-मढ़नी महासिपूर, थाना- चौबेपुर, जिला- वाराणसी का मूल निवासी हूँ| मै अशिक्षित
हूँ| मै ईट भट्टो पर मजदूरी करता हूँ|
आज भी मालिक मुन्ना सिंह हमसे
सुलह करने के लिए लगातार हम पर दबाव बना रहे है|वह मेरे भाई राजेन्द्र के मोबाईल
पर बार-बार फोन कर मुझे बुला रहे है| मुझे इस बात का डर है कि वह मुझसे सुलह करने
के लिए मेरे साथ कुछ भी कर सकते है| घटना के कुछ दिन बाद 11 फरवरी 2018 को मै जब
अपने गाव राशन लेने गया था तो रस्ते में मुन्ना सिंह मिले मुझसे कहा घबराओ मत अभी
तुम्हे और बुरी तरह मारेंगे| उनकी यह बात सुनकर उस दिन के बाद से मेरी हिम्मत नही
हुई कि मै गाव जाऊं| मैने हिम्मत कर उनके खिलाफ सभी सम्बन्धित अधिकारियो को चिट्ठी
दी जहाँ से मुझे मदद भी मिली|
` अभी कुछ दिन पहले मुन्ना
सिंह मुझे फिर बाजार में मिल गये और मुझे धमकी दी कि ‘’तुम्हारी इतनी औकात
नही है की तुम मुझसे लड़ सको’’ उनकी इस बात को सुनकर मुझे बहुत तकलीफ हुई|
आज उन्ही के वजह से मै दो साल से अपने परिवार के साथ दर बदर ईट भट्टो पर जीवन
गुजार रहा हूँ|
मै उस दिन को जीते जी नही भूल
सकता 20 जनवरी 2018 की सुबह के आठ बज रहे थे मेरे बेटे सुनील को तेज बुखार था वह
मढ़ई में सो रहा था| मै रोटी बनाकर सब्जी छौक रहा था तभी मेरी मढ़ई के बाहर ईट
भट्टा मालिक सुरेन्द्र सिंह के साले मालिक मुन्ना सिंह दो पहिया गाड़ी से आकर मेरे
बेटे को तेज आवाज में बुलाने लगे| मै उनकी आवाज सुनकर बाहर आया तो वह बोले सुनील
कहा है मैंने कहा मालिक उसे तेज बुखार है |इस पर वह मेरे मढ़ई में घुसकर मेरे बेटे
का हाथ तेजी से खीचकर बाहर ले आये, मैंने कहा मालिक उसकी तबियत ठीक नही है वह आज
नही कल जायेगा| यह सुनते ही वह बोले यह अब तुम्हारा लड़का नही है मैंने कहा मालिक
यह मेरा लड़का नही, तो किसका यह सुनते ही वह बोले तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुम
मुझसे जबान चला रहे हो यह कहते हुए मुन्ना सिंह मुझे माँ-बहन की गंदी-गंदी गालिया
देते हुए मुझे लात घुसो और घर के बाहर पड़ी लकड़ी और चइले से मुझे बुरी तरह मारने
लगे| उनकी मार से मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था मै उनसे रोने गिडगिडाने
लगा मालिक मुझे मत मारो लेकिन वह तब तक मारते रहे जब तक मै गिर नही गया| उनके मारने
से मेरे दाहिने हाथ से खून निकलने लगा|
मेरी हालत देखकर मेरे दोनों
भाई राजेन्द्र और सचेन्द्र दौड़कर आये और मुझे उठाकर थाने ले गये| थाने में मैंने
दीवान जी से सारी बात बतायी दीवान जी बोले तुम झूठ बोल रहे हो जाओ पहले इलाज कराओ|
उनकी यह बात सुनकर मुझे बहुत तकलीफ हुई| मै उस समय दर्द से कराह रहा था| मेरा दर्द
देखकर मेरे घर वालो ने बनारस की संस्था मानवाधिकार जन निगरानी समिति, दौलतपुर,
पांडेयपुर में फोन कर मदद मांगी| वही की मदद से मेरा इलाज दिनदयाल अस्पताल में
कराया गया| जहा पता चला की मुन्ना सिंह की मार से मेरे दाहिने हाथ की कलाई
फ्रैक्चर हो गयी है |
मै दो सीजन से बभनपुरा के
श्री महेंद्र सिंह मेसर्स एन०एस०मार्का के ईट भट्टे पर ईट पथाई का काम करता था|
उन्ही के भट्टे पर उनके साले मुन्ना सिंह का दो ट्रैक्टर चलता था| मुन्ना सिंह
पिछले कुछ महीनों से मेरे बेटे को जबरदस्ती ले जाकर ट्रैक्टर पर माल लोडिंग करवाते
थे| वह मेरे बेटे को भोर सुबह 4 बजे से देर रात तक काम करवाते| मै जब भी कहता साहब
बच्चा है इससे काम मत करवाइए इस पर वह मुझे गंदी-गंदी गालिया देते हुए कहते जब यहा
रहना है तो बच्चे और बड़े सभी काम करेंगे| जो भी ईट की निकासी होती थी वह मुन्ना
सिंह के ट्रैक्टर पर मेरा बेटा लादता और ले जाकर जगह-जगह उतारता था| हम गरीब मजदूर
लोग है,हम चाह कर भी अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से नही जी सकते| मै कई बार मालिक से
हिम्मत कर अपने बेटे से दिन रात मजदूरी का विरोध करता, मालिक हमे मार की धमकी देकर
चुप करवा देता|बच्चो के दो जून की रोटी के लिए मै चुपचाप सब कुछ देखता रहा हम
अशिक्षित है हमे ईट पाथने और बनी मजदूरी के अलावा कुछ नही आता है| इसी का फायदा
उठाकर मालिक हमें जानवरों की तरह दिन रात खटाता है|
आज लगभग दो
साल से ज्यादा वक्त गुजर गया है|मै मालिक के डर से छिपकर अपने केस की पैरवी कर रहा
हूँ मुझे डर है कि वह बढ़े लोग है वह अपने स्वार्थ के लिए कभी भी हमे नुकसान पहुचा
सकते है| जब भी मै बाहर निकलता हूँ,पैरवी में जाता हूँ तो हमेशा मन में एक दहशत और
डर बना रहता है| आज भी रात को जब मै सोता हूँ तो वही सब बाते मेरे आँखों के सामने
नजर आती है| मन में एक डर सा समाया हुआ है लेकिन मै कभी भी सुलह नही करूंगा अभी तक
मालिक के खिलाफ जो भी कार्यवाही हुई है उससे मै खुश हूँ| इससे मुझे और हिम्मत भी मिली
है| संस्था की लिखा पढ़ी से श्रम विभाग से मेरे पुनर्वासन के लिए कुछ आर्थिक
सहायता मिली है|
मै कभी भी
सुलह नही करूंगा मुझे इस बात का अफ़सोस है कि मालिक ने मेरे बीमार बच्चे से मजदूरी
के विरोध पर मुझे जानवरों की तरह मारा पिटा|
मै चाहता
हूँ कि मालिक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय जिससे भविष्य में वह किसी
गरीब मजदूर के साथ कोई अत्याचार नही करे| संस्था की लिखा पढ़ी से श्रम विभाग से
मेरे पुनर्वासन के लिए कुछ आर्थिक सहायता मिली है|
Freedom from Labour Bondage—A Case of Dalit Empowerment from Varanasi, Uttar Pradesh, India written by Prof. Archana Kaushik
Legal action, rescue and rehabilitation of bonded labour Suresh Musahar and his son by pvchr.india9214 on Scribd
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