Tuesday, September 10, 2024

Parvati Devi's Kitchen Garden Story: The Secret to a Healthy Family


 Parvati Devi, a 65-year-old grandmother, resides in Ayar Gram Panchayat, Ayar Nai Basti, Harhua Block in Varanasi, with her son Sandeep, daughter-in-law Kajal, and grandson Shivansh. Prioritizing her family's health, Parvati Devi decided to set up a kitchen garden with the support of JanMitra Nyas.

The green vegetables grown in this garden provided fresh and nutritious food to the family. During her daughter-in-law Kajal’s pregnancy, Parvati ensured she had a steady diet of greens, resulting in Kajal staying healthy and giving birth to a baby weighing 3.1 kg. Now, 10 months later, Shivansh weighs 7.15 kg, which is in the healthy range for his age.

Parvati Devi believes that the kitchen garden, with support from JanMitra Nyas, has played a crucial role in improving her family's health. She encourages everyone to grow kitchen gardens to ensure all family members stay healthy. Her family regularly consumes vegetables like Satputia, Taro, Nenua, and Chichinda from their garden.

Analysis:

Parvati Devi’s kitchen garden story is not just about improving a family's health; it is an inspiring example of self-reliance and prioritizing well-being in rural society. The kitchen garden model directly supports the United Nations' Sustainable Development Goals (SDGs) 2 - "Zero Hunger" and SDG 3 - "Good Health and Well-being." It helps tackle malnutrition and promotes better family health, which is critical for national development.


This story highlights the transformative impact small, sustainable practices like kitchen gardening can have on health, well-being, and the broader goals of nation-building through community empowerment and food security.

पार्वती देवी की किचन गार्डन कहानी: स्वस्थ परिवार का राज

पार्वती देवी, 65 वर्षीय एक दादी, हरहुआ ब्लॉक के आयर ग्राम पंचायत, आयर नई बस्ती में रहती हैं। उनके साथ उनके बेटे संदीप, बहु काजल, और उनका पोता शिवांश भी हैं। पार्वती देवी ने अपने परिवार की सेहत को प्राथमिकता देते हुए जनमित्र न्यास के सहयोग से अपने घर में किचन गार्डन लगाने का फैसला किया।

इस किचन गार्डन में उगाए गए हरी साग सब्जियों ने परिवार को ताज़ा और पौष्टिक आहार प्रदान किया। जब उनकी बहु काजल गर्भवती हुई, तो पार्वती देवी ने उसे खूब साग सब्जी खिलाई। इसका परिणाम यह हुआ कि काजल स्वस्थ रही और उनके बच्चे का जन्म वजन 3 किलो 100 ग्राम था। अब, 10 महीने बाद, शिवांश का वजन 7 किलो 150 ग्राम है, जो सामान्य और स्वस्थ श्रेणी में आता है।

पार्वती देवी का मानना है कि जनमित्र न्यास के सहयोग और उनके खुद के किचन गार्डन की वजह से उनके परिवार का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है। वह सभी से आग्रह करती हैं कि वे भी अपने घर में किचन गार्डन लगाएं ताकि परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहें। उनके परिवार के लोग रोज़ाना सतपुतिया, तरोई, नेनुआ, और चिचिंडा जैसी सब्जियों का उपयोग कर रहे हैं।

विश्लेषण:

पार्वती देवी की किचन गार्डन कहानी न केवल एक परिवार के स्वास्थ्य में सुधार की कहानी है, बल्कि यह ग्रामीण समाज में स्वावलंबन और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। किचन गार्डन का यह मॉडल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 2 - "शून्य भूख" और SDG 3 - "अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण" को सीधा समर्थन करता है। इससे न केवल कुपोषण की समस्या से निपटने में मदद मिलती है, बल्कि परिवार के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है, जो राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक है।

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