Wednesday, November 29, 2023

Our story on Musahar community in current issue of nutrition partners' e-newsletter WeConnect

 https://myemail.constantcontact.com/WeConnect-Vol-18-.html?soid=1102827911616&aid=mwZLIgaiROQ



https://www.scribd.com/document/688348759/Empowering-Musahar-Community-Women-Through-Kitchen-Gardens

Empowering Musahar Community Women through Kitchen Gardens: A Solution to Malnutrition in Uttar Pradesh


Amid India's battle against malnutrition and hunger, the Musahar community in Varanasi, Uttar Pradesh (UP) stands as a testament to resilience and transformation. Their journey from vulnerability to empowerment is a result of an innovative approach – kitchen gardens. Spearheaded by the People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR), these gardens have become a symbol of hope, addressing malnutrition at its core and empowering women to rewrite their destinies.


For years, the Musahar community endured both societal discrimination and malnutrition. The plight of girls and women was particularly alarming, as they bore the brunt of insufficient diets and inadequate care. The consequences were far-reaching, perpetuating a cycle of ill health and deprivation that transcended generations.

Enter the PVCHR's kitchen garden initiative – a groundbreaking endeavor that harnessed vacant plots within the Musahar communities of Varanasi. These gardens were not just about cultivating crops; they were about cultivating empowerment. Guided by PVCHR's teachings, families learned the art of vegetable cultivation, from soil preparation to nurturing seedlings, ensuring proper drainage, and harnessing sunlight effectively.


 From Newsletter:

We are happy to connect with you through the current issue of nutrition partners' e-newsletter WeConnect - a dose of recent news, views, events, and stories from the nutrition space in India.

We would like to thank the National Institute of Health and Family Welfare (NIHFW), National Center of Excellence Advanced Research on Anemia (NCEAR-A), AIIMS-Delhi, UNICEF India, Piramal Foundation-Bihar, UNICEF-Bihar, People’s Vigilance Committee on Human Rights-Uttar Pradesh for their contribution to the current issue.

 

About this Issue


In this issue, Dr Suneela Garg authored the expert column on strengthening MIYCN in the medical education and health facility level, a Roundtable on MIYCN organized by Indian Association of Preventive and Social Medicine(IAPSM) and AIIMS-New Delhi to address knowledge gaps and strengthening practice in health facility and community settings, Panchayati Raj Institution members supported by Piramal Foundation strengthening health and nutrition in Bihar, Empowering Musahar community women through kitchen gardens in UP, Bottle-Free Campaign- beginning of a social transformation journey in Bihar and Do Not Miss the POSHAN Weekly recent issues. Happy Reading!

#PVCHR #JanMitraNyas #JMN #Musahar #KitchenGarden

Empowering Musahar Community Women Through Kitchen Gardens by pvchr.india9214 on Scribd

Tuesday, November 28, 2023

यूपी के जौनपुर-मेरठ में एमपी के सीधी जैसी घटना, दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार

 दलित हितों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट डॉ.लेनिन ने कहा है कि "दलित समुदाय के लोगों के साथ मारपीट और मुंह पर पेशब किए जाने की घटना बेहद शर्मनाक है। ये घटनाएं दलित विरोधी और सामंती मानसिकता की द्योतक हैं। इस तरह की घटनाएं योगी सरकार की इमेज पर बट्टा लगा रही हैं। सरकार को चाहिए कि वो अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति तत्काल रोके। ग्राम पंचायतों की बैठक में दलित समुदाय के हितों के बनाए गए कानूनों और योजनाओं का संवेदीकरण किया जाए। जातिवाद का कलंक मिटाने के लिए शिक्षण संस्थाओं में कहानियों के साथ पिछड़े, दलित और आदिवासी समुदाय के समाजसेवियों, साहित्याकारों व महान पुरुषों की जीवनगाथा पढ़ाई जानी चाहिए। जनमानस को यह भी बताया जाना चाहिए कि शिवाजी का स्वराज और उत्कृष्ट मौर्य व गुप्त काल बहुजन समाज की देन है।"

https://hindi.newsclick.in/Incident-like-MP-Sidhi-in-UP-Jaunpur-Meerut-inhuman-treatment-of-Dalits

"दलित समुदाय के लोगों के साथ मारपीट और मुंह पर पेशब किए जाने की घटना बेहद शर्मनाक है। ये घटनाएं दलित विरोधी और सामंती मानसिकता की द्योतक हैं। इस तरह की घटनाएं योगी सरकार की इमेज पर बट्टा लगा रही हैं।"
dalits
प्रतीकात्मक तस्वीर।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में दलित किशोर और मेरठ में नौजवान के साथ मारपीट और दोनों को कथित रूप से पेशाब पिलाए जाने की अमानवीय घटनाओं के चलते योगी सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। वारदात को अंजाम देने वाले ऊंची जातियों के लोग हैं। जौनपुर में आरोपियों ने दलित किशोर की भौंहें भी काट दीं। पुलिस ने पीड़ित किशोर के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 354 (छेड़खानी) के तहत मामला दर्ज किया है। दलित किशोर के पिता बृजेश कुमार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने दबंग सवर्णों के इशारे पर उनके बेटे के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया है। इस मामले के तूल पकड़ने पर सुजानगंज थाना पुलिस ने दोनों पक्षों के एक-एक आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

जौनपुर के असरोपुर गांव के दलित किशोर की सवर्ण जाति के दो लोगों ने बुरी तरह से पिटाई की। आरोप है कि किशोर ने जब पानी मांगा तो उन्होंने किशोर के मुंह में पेशाब कर दिया। दलित किशोर से मारपीट करने वाले सवर्ण हैं। पीड़ित के पिता ने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सुजानगज पुलिस को अर्जी दी, लेकिन उसे थाने से भगा दिया गया। वारदात की रिपोर्ट तब दर्ज की गई जब पिता बृजेश कुमार ने 23 नवंबर 2023 को जौनपुर के पुलिस अधीक्षक को शिकायती-पत्र दिया। पीड़ित के पिता ने बताया कि सुजानगंज थाना पुलिस उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

पीड़ित के पिता बृजेश कुमार के मुताबिक 'उनका 14 साल का नाबालिग बेटा अपने दोस्त को पास के आमी गांव छोड़ने गया था। घर लौटते समय रास्ते में शेखपुर खुटहन गांव स्थित पेट्रोल पंप के पास किशोर को कुछ दबंगों ने रोक लिया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जमकर मारपीट शुरू कर दी। हालत गंभीर होने पर भी वो मारपीट करते रहे। बाद में उन्होंने पीड़ित को तालाब में डुबाकर मारने की कोशिश की। इसके बाद उसके मुंह में जबरिया पेशाब किया और तालाब का कीचड़ भर दिया।'

दलित किशोर के पिता बृजेश कुमार का आरोप है कि आरोपितों ने उनके बेटे की दाहिनी भौं पहले हाथ से उखाड़ी और बाद में ब्लेड से छील दिया। अभियुक्तों ने किशोर के पिता को फोन करके बुलाया और वह जब मौके पर पहुंचे तो उसे भी मारा-पीटा। साथ ही मां-बेटी को उठाने की धमकी दी। आरोप है कि इस मामले में इलाकाई थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लिया और पीड़ित का मेडिकल कराने के साथ ही रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। सुजानगंज थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504, 506, एससी-एसटी एक्ट 1989 (संशोधन 2015) के तहत धारा 3 (1) (ई) और 3 (2) (ई) के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। दूसरे पक्ष की ओर से भी पुलिस ने धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया है।

क्या कहती है पुलिस

बदलापुर के डिप्टी एसपी अशोक कुमार के मुताबिक, "दलित किशोर साइकिल से आ रहा था। फुटानी पेट्रोल पंप के पास उसे रोककर अभियुक्त उसे सेमरिया बाग में ले गए। वहां गांव के कुछ लोगों ने मिलकर उसके साथ मारपीट, गाली-गलौज और अपमानजनक हरकत को अंजाम दिया। दूसरे पक्ष ने पुलिस को एक अर्जी दी है कि उनकी बेटी एक महाविद्यालय में पढ़ने जा रही थी तो पीड़ितों ने छेड़खानी और अश्लील शब्दों का प्रयोग किया गया। दोनों पक्ष के एक-एक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।"

सुजानगंज के थाना प्रभारी रोहित कुमार मिश्रा ने न्यूजक्लिक से कहा कि दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पीड़ित किशोर के पिता ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है जिनमें आदित्य सिंह, उसके पिता बबलू सिंह और निलेश दुबे सहित दो अन्य लोग शामिल हैं। उनके मुताबिक, मुन्ना (बदला हुआ नाम) के परिवार की कोई लड़की रास्ते से जा रही थी और उसके खिलाफ दलित किशोर ने अश्लील शब्दों का प्रयोग किया। इसी बीच उसका भाई ट्रैक्टर लेकर मौके पर पहुंच गया और मारपीट हुई। दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। पीड़ित दलित पक्ष ने पुलिस के आरोपों को झूठा बताया है। पिता बृजेश का आरोप है कि सुजानगंज थाना पुलिस दबंग सवर्णों के साथ खड़ी है और उनका साथ दे रही है। उनका कहना है कि थानाध्यक्ष समूचे मामले में लीपापोती कर रहे हैं।

उधर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के मेडिकल थाना क्षेत्र में एक छात्र के मुंह पर पेशाब करने, उसके मुंह में पिस्टल डालने और जमकर मारपीट करने की घिनौनी वारदात सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट तब दर्ज की जब आरोपितों ने उसका वीडियो वायरल किया। मेडिकल थाना पुलिस ने रविवार को एक आरोपी आशीष मलिक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। वहीं पीड़ित छात्र के पिता का कहना है कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिलता है तो वह आत्मदाह करेंगे।

गंगानगर थाना क्षेत्र के रहने वाले छात्र ने पिछले साल 12वीं पास किया था। इन दिनों वह मेरठ शहर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। छात्र के पिता के मुताबिक 13 नवंबर की रात उनका बेटा मेडिकल के जागृति विहार में मौसी के घर गया था। वहां उसका दोस्त राजन मिल गया। वह उसे साथ ले गया। इसके बाद आशीष मलिक निवासी अजंता कॉलोनी, मोहित ठाकुर निवासी सोमदत्त विहार, अवि शर्मा निवासी जेल चुंगी और तीन अज्ञात ने उनके बेटे के साथ मारपीट शुरू कर दी। वे सभी शराब के नशे में थे। उन्होंने छात्र को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। उसके गले में बेल्ट डालकर मारा। मुंह में पिस्टल ठूंस दी। उसे जान से मारने की धमकी दी। उसके मुंह पर पेशाब किया, घटना का वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया।

अभियुक्त उसे अधमरा हालत में छोड़कर चले गए। 14 नवंबर की सुबह नौ बजे बदहवास बेटा घर पहुंचा तो परिजनों को मारपीट की जानकारी मिली। मेडिकल थाना पुलिस ने 16 नवंबर को आरोपियों के खिलाफ बलवा, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी और मारपीट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। छात्र के पिता ने बताया कि बेटे ने 14 नवंबर को पेशाब करने के बारे में नहीं बताया था। 19 नवंबर को उन्हें वीडियो के बारे में पता चला तो पेशाब किए जाने की जानकारी हुई। उन्होंने मेडिकल थाने में जानकारी दी। पुलिस ने मुकदमे में आईपीसी की धारा 294 जोड़ दी।

मेरठ के एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह के मुताबिक, मुख्य आरोपी आशीष मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फरार अभियुक्त अवि शर्मा, राजन, मोहित ठाकुर और अन्य युवकों की तलाश की जा रही है। जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

आत्मदाह की धमकी

छात्र के पिता का कहना है कि पुलिस को इस मामले में अपहरण की धारा भी लगानी चाहिए। इसको लेकर वे एसएसपी से मिलेंगे। अगर आरोपी जेल नहीं गए तो वे आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे। मेडिकल थाना प्रभारी सूर्य दीप सिंह का कहना है कि 'आरोपी आशीष मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 506 और 294 के अंतर्गत कार्रवाई की गई। वीडियो और फोटोग्राफ भी साक्ष्य के रूप में दिए गए। रविवार दोपहर उसे कोर्ट में पेश कर दिया गया। छात्र के मुंह में पेशाब की घटना की जानकारी पुलिस को बाद में मिली।'

दलित हितों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट डॉ.लेनिन ने कहा है कि "दलित समुदाय के लोगों के साथ मारपीट और मुंह पर पेशब किए जाने की घटना बेहद शर्मनाक है। ये घटनाएं दलित विरोधी और सामंती मानसिकता की द्योतक हैं। इस तरह की घटनाएं योगी सरकार की इमेज पर बट्टा लगा रही हैं। सरकार को चाहिए कि वो अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति तत्काल रोके। ग्राम पंचायतों की बैठक में दलित समुदाय के हितों के बनाए गए कानूनों और योजनाओं का संवेदीकरण किया जाए। जातिवाद का कलंक मिटाने के लिए शिक्षण संस्थाओं में कहानियों के साथ पिछड़े, दलित और आदिवासी समुदाय के समाजसेवियों, साहित्याकारों व महान पुरुषों की जीवनगाथा पढ़ाई जानी चाहिए। जनमानस को यह भी बताया जाना चाहिए कि शिवाजी का स्वराज और उत्कृष्ट मौर्य व गुप्त काल बहुजन समाज की देन है।"

Saturday, November 18, 2023

Countering Cultural Cleansing: The Role of Tolerance in Preserving Minority Rights

 https://www.youtube.com/watch?v=E85_ftnZefI

International Webinar: Countering Cultural Cleansing: The Role of Tolerance in Preserving Minority Rights

Held on: 8, November, 2023

Speakers:

1. Shruti Nagvanshi, Founder and Managing Trustee of Peoples’ Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR), India

2. Sujatha Surepally Professor and Dean Faculty of Social Sciences, Satavahana University, Activist and Academecian, India

3. D.B. SAGAR President and Founder, International Commission for Dalit Rights (ICDR International), USA

Moderator: K. Zehra, Senior Research Associate, SARIM

Concluding Remarks: Rimsha Shahid, Senior Research Analyst, SARIM

Please visit for details: 

https://sarimwatch.org/17442/

#ToleranceDay #DiversityMatters #GlobalUnity

Saturday, November 11, 2023

"Empowering Change: Mr. Heman Das Appointed as Advisor for Minority Rights in South Asia"



We are delighted to announce a significant milestone in our commitment to human rights and social justice. Mr. Heman Das has been appointed as an advisor for minority rights in South Asia within the People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR). This pro bono appointment reflects Mr. Das's steadfast dedication to advancing the cause of human rights in the region.

Background and Dedication:

Mr. Heman Das, residing in Omega Heights, Block A, Gulistan-e-Johar, Pakistan, has consistently demonstrated a deep commitment to human rights and social justice throughout his career. His passion for inclusivity and leadership is underscored by his academic achievements, notably a Masters of Education from the University of Karachi, where he graduated with honors.

Professional Journey:

Mr. Das's professional journey includes a rich tapestry of experiences, such as his role as a Senior Research Associate at the South Asia Research Institute for Minorities. Here, he contributed significantly to advancing minority and human rights by analyzing research reports, conducting interviews and webinars, and providing valuable data to decision-makers.

His expertise extends to roles in content consultancy, content executive positions, and valuable contributions to organizations such as TelebuCommunications, The SoftCube, Olive Digital Private Ltd, and SERP Research Center Ptv Ltd. Through these roles, Mr. Das showcased his skills in content creation, social media management, digital marketing, and critical thinking.

Volunteering and Advocacy:

Beyond his professional endeavors, Mr. Das has actively engaged in volunteering experiences, participating in events such as Signify exposure in Islamabad, serving as an ambassador for the Youth of Umerkot, and contributing to the Pakistan Hindu Youth Council and the Hyderabad Youth Summit.

Appointment as Advisor:

The Board of PVCHR recognizes Mr. Heman Das's outstanding dedication and expertise, appointing him as an Advisor for Minority Rights in South Asia, effective from November 10, 2023. This pro bono position signifies his voluntary commitment to furthering the cause of human rights, aligning seamlessly with PVCHR's mission and values.

Acknowledgment:

We extend our heartfelt gratitude to Mr. Heman Das for his unwavering dedication and commendable achievements. His insights, skills, and passion will undoubtedly contribute significantly to PVCHR's ongoing efforts to protect and promote minority rights in South Asia.

Conclusion:

Mr. Heman Das's appointment as an advisor is a testament to the pivotal role individuals can play in shaping a more inclusive and just society. We look forward to the positive impact he will bring to PVCHR and the broader community. Congratulations to Mr. Das on this well-deserved achievement, and we are excited about the positive change that lies ahead.

Please stay tuned for updates and insights as we embark on this journey together.

#HumanRights #PVCHR #MinorityRights #SocialJustice #Dedication #Congratulations

Thursday, November 02, 2023

The Big Musahar LEAP: From being beggars to earning via kitchen gardens | ABP LIVE

For most urban denizens, a kitchen garden means a piece of green in the backyard or on the terrace of their tenements, bungalows or even flats where they often grow some vegetables and offer to guests with pride as something homegrown. The concept has found favour, and also business, in an unlikely surrounding — the Musahar colonies, at least in some of them. Musahars, literally translated as rat killers and rat eaters, mostly live in certain regions of eastern Uttar Pradesh and the adjacent Bihar districts. 

Even among the Scheduled Castes, they are considered the lowest‚ to the extent even other Dalits see them as 'untouchables' and their colonies are only politically seen as part of certain villages. The Musahars live in ‘tolis’, or ghettos, outside their designated villages. Musahars, estimated at some 30 lakh in Bihar and 10 lakh in Uttar Pradesh, in most areas are landless labourers who work at agricultural farms and brick kilns along with their children. They remain without work more than half a year. The community has now found an innovative solution at self-empowerment — kitchen gardens. "They are landless, yes, but they have spare pieces of land available around their homes, in the form of weeds or dumpyards. We made them cultivate the land. We provided seeds for seasonal vegetables. This took care of two things. One, they often slept hungry and when they started getting some wheat and rice as part of the public distribution system (PDS), there was nothing to accompany this. So, the vegetables we helped them grow helped them immensely. By now, many of them are not only growing vegetables to eat for themselves but also sell in the market,” says Shruti Nagvanshi of the People’s Vigilance Committee for Human Rights (PVCHR), a civil rights organisation working towards elevating the living standards of the Musahar community. 

Most Musahars, including their children, are severely malnourished. “But wherever they have developed their own vegetable gardens, one can see a marked change not only in their health but also in their outlook. There is (now) a sense of hope. Otherwise, most Musahars you speak to would appear resigned to their fate,” says Nagvanshi. As a catalytic effect, the children have more enthusiasm to attend schools, according to her. “Another big impact is that Musahars who are self-employed this way have acquired more social respectability. There are cases where they distribute extra vegetables even to their high-caste villagers and Muslims. Otherwise, none of the latter would touch them. We discovered how even a small piece of useless land can bring about economic as well as social recovery,” explains Nagvanshi, who runs #PVCHR with husband Lenin Raghuvanshi. For those who haven’t seen the state of the Musahars, this may not sound a big deal unless they know that most Musahars have no job cards under the Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee (MGNREGA), or even Aadhaar cards. And even for those who have the job cards, it mostly doesn’t get them any work. #ABPLIVE #ABPLIVEChannel #Musahar#Varanasi 

https://www.youtube.com/watch?v=mrJlKbs0xyI