बनारस के बहुलतावादी समावेशी संस्कृति के लिए आज जितना साम्प्रदायिक फासीवादी ताकतें खतरा हैं, अवसरवादी अराजक राजनीति करने वाले भी उतने ही खतरनाक हैं | यह याद रखना जरूरी है कि जो दिखाई देता है वही सच नही होता है | जैसे दिखाई देता है कि सूर्य पृथ्वी के चारों ओर घुमता है जबकि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घुमती है | ऐसे में बनारस व् बनारसीपन को बचाने के लिए मोदी और केजरीवाल दोनों को शिकस्त देनी होगी |
Please read:
No comments:
Post a Comment