मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास, बुनकर दस्तकार अधिकार मंच, सावित्री बा फूले महिला पंचायत, बाल पंचायत के बैनर तले एवं टाटा ट्रस्ट, डिग्निटी के सहयोग से “संयुक्तराष्ट्र द्वारा 26 जून को यातना पीड़ितो लोगों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के अवसर पर आज 26 जून, 2016 को वाराणसी के ऐतिहासिक मूलगादी कबीर मठ में मनाया गया | जिसमे एक बार फिर बनारस व आस-पास के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जमीनी जनप्रतिनिधियों एवं शिक्षा जगत के लोगों के साथ ही विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओ का जमवाड़ा हुआ | जिसमे सभी सम्मानित जन ने अंतर्राष्ट्रीय यातना मुक्ति दिवस-26 जून पर राज्य सभा में लंबित यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने की पुरजोर अपील एवं हस्ताक्षर अभियान द्वारा इसे जल्द से जल्द लागू कराये जाने के लिए प्रधानमंत्री एवं महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपने का निश्चय किया | जिसमे काशी के गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूती प्रदान करने के लिए सर्वधर्म सम्भाव के तहत रोज़ा अफ़्तार का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया |
कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए मानवाधिकार जननिगरानी समिति के सीईओ डा0 लेनिन रघुवंशी ने कहा कि समाज में मानवाधिकार संरक्षण एवं मज़बूतीकरण के लिये पूरे विश्व में यातना मुक्ति हेतू 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय यातना मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है | यातना मुक्त समाज निर्माण हेतू सरकार को यातना विरोधी क़ानून बनाकर अधिक जवाबदेह एवं संवेदनशील बनाया जाना चाहिये | यातना विरोधी कन्वेंशन (UNCAT/PTB) क़ानून को भारत में अविलम्ब लागू कराने में सभी राजनैतिक पार्टियों को अपनी महती भूमिका अदा करना चाहिये |
वरिष्ठ इस्लामिक विद्वान एवं मुफ़्ती मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने कहा कि आज जरूरत है कि कौमी यकजहती और भाईचारा के नज़रिए से यातना विरोधी बिल को अवाम के हक़ में जल्द ब जल्द लागू किया जाए | ताकि ग़रीब,मज़लूमों के साथ इंसाफ हो सके और बनारस इस तरह के पहल के लिए हमेशा आगे रहा है |
मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव जै कुमार मिश्रा ने कहा कि भारत में बढ़ते हुए मानवाधिकार हनन की घटनाओं एवं विभिन्न हिंसात्मक गतिविधियों से प्रभावित पीड़ित लोगों को जोड़ते हुए हम लोग यह वर्ष “यातना मुक्ति एवं सामाजिक एकता व अंतर्धार्मिक सौहार्द स्थापना वर्ष” के रूप में मना रहे है |
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता डा0 मोहम्मद आरिफ़ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के यातना विरोधी कन्वेंशन (UNCAT) पर हस्ताक्षर तो किया गया है, किन्तु “यातना विरोधी बिल” राज्य सभा में लम्बित है | जिसके कारण भारत में यातना के विभिन्न स्वरूप से रोकथाम एवं पुनर्वास का कोई मज़बूत व प्रभावशाली नीति-नियम नहीं है | जिसे राज्य सभा में लागू कराये जाने के लिए हमारा यह अभियान जारी रहेगा |
विख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता व प्रसिद्द इतिहासकार डा0 महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विश्व पटल पर लोकतांत्रिक मानवीय क़ानून एवं संविधान के प्रति सरकार को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से यातना विरोधी कन्वेंशन (UNCAT) क़ानून को यू०एन० द्वारा सभी देशों के लिए अनिवार्य किया गया है | जिस पर भारत ने भी हस्ताक्षर किया है| लेकिन यह बिल अभी राज्य सभा में लंबित है, जिस पर हम सभी की मांग है कि उसे अविलम्ब लागू किया जाए |
समाजसेवी व वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी ने कहा कि पुलिस व संगठित यातना जैसे गंभीर मुद्दे पर यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने हेतू सभी राजनैतिक पार्टियों से अपील की है | उन्होंने कहा कि रोज़ा अफ़्तार जैसे पवित्र कार्यक्रम से इसकी शुरुआत निश्चय ही फलदायक होगी |
समाजसेवी व वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी ने कहा कि पुलिस व संगठित यातना जैसे गंभीर मुद्दे पर यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने हेतू सभी राजनैतिक पार्टियों से अपील की है | उन्होंने कहा कि रोज़ा अफ़्तार जैसे पवित्र कार्यक्रम से इसकी शुरुआत निश्चय ही फलदायक होगी |
प्रोफ़ेसर शाईना रिजवी ने कहा कि ज़ुल्म व ज्यादती का कोई भी तरीका इंसानी हक़ व हुकूक को पामाल करता है और आज के दौर में अकलियत तबके के लोग इसके सबसे ज्यादा शिकार है | आज मुल्क के सभी जेलों में मुस्लिमों व दलित कैदियों की तादाद सबसे ज्यादा है | ऐसे में यातना विरोधी बिल जैसे अहम विधेयक के लागू होने से जम्हूरियत व इंसाफ पसंदी को मज़बूती मिलेगी |
सुप्रसिद्ध समाज सेवी मुनीज़ा रफीक खान ने कहा कि आम जनमानस के परिपेक्ष्य में यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने की उपयोगिता व महत्त्व को रेखांकित किया और मौजूदा समय में बढ़ते मानवाधिकार हनन की घटनाओं की रोकथाम में इस विधेयक को प्रासंगित बताया |
सुप्रसिद्ध समाज सेवी मुनीज़ा रफीक खान ने कहा कि आम जनमानस के परिपेक्ष्य में यातना विरोधी बिल को पास कराये जाने की उपयोगिता व महत्त्व को रेखांकित किया और मौजूदा समय में बढ़ते मानवाधिकार हनन की घटनाओं की रोकथाम में इस विधेयक को प्रासंगित बताया |
बौद्ध धर्म के अनुयायी अशोक आनंद ने कहा कि समाज के सभी वर्ग के बुद्धिजीवियों के संयुक्त प्रयास से एक सामूहिक हस्ताक्षर अभियान व अपील कार्यक्रम चलाया जा रहा है | इसमें हम सभी लोगो को अपनी महती भूमिका निभाने की अति आवश्यकता है जिससे ये पैगाम आम जन मानस तक पहुच सके और सरकार पर दबाव बनाया जा सके |
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता बल्लभाचार्य पाण्डेय ने जोर देते हुए कहा कि क़ानून के अंतर्गत यातना के विभिन्न खतरनाक स्वरूप को समाप्त कर मानवाधिकार संपन्न समाज का निर्माण किया जाए और इस लोकतंत्र को और मजबूत बनाया जा सके |
इस कार्यक्रम के अंतर्गत शाम को पवित्र रमज़ान माह के रोज़ा अफ़्तार कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया | मुल्क में यातना मुक्ति और अमनो-अमान के लिए एतेहासिक कबीर मठ में रोज़ा अफ़्तार का भी किया गया और कबीर की इस ऐतिहासिक प्रांगण में रोजेदारो ने नमाज अदा की अपने रोज़े खोले |
लाल बहादुर राम, सिद्दीक हसन, इदरीश अंसारी, महंत गोपाल दास, देव शरण शाश्त्री, आफ़ताब आलम, फादर आनंद, प्रोफ़ेसर महेश विक्रम, प्रोफ़ेसर शैला परवीन, सागिर, बाबुदीन, मुख़्तार, महताब, इरशाद अहमद, रहमानी, अजय सिंह, उमेश, छाया, आनंद, रोहित, अरविन्द, शिव प्रताप चौबे, क्रांति, राजेंद्र, घनश्याम विभिन्न मदरसों के शिक्षक व प्रबंधक शामिल रहे | अंत में धन्यवाद ज्ञापन मानवाधिकार जननिगरानी समिति की प्रोग्राम डायरेक्टर सुश्री शिरीन शबाना खान ने किया |