सारा (काल्पनिक नाम)
पत्नी अब्बास निवासी -कुन्द्र्की,बिलारी जिला
मुरादाबाद के तीन छोटे -छोटे बच्चे है| सारा का पति कुछ माह पूर्व किसी मामले मे जेल
चला गया उसी दौरान सारा अपने पति से मुलाकात करने जेल गयी तो वहा उसके पति ने
लियाकत नामक व्यक्ति से मुलाकात करायी जो मदद के नाम पर सारा को गढ तहसील के पीछे
एक मकान मे बंधक बनाकर जबरिया आठ माह तक लियाकत व उसके साथ 5-6 अन्य व्यक्ति
रोजाना शराब पीकर दुराचार किया करते थे, उसी दौरान उक्त लोगो ने सारा की डेढ़
वर्षीय पुत्री के रोने पर जमीन पर पटक कर मार डाला और दफन भी कर दिया|
सारा आठ माह बाद
किसी तरह उक्त लोगो के चंगुल से निकल पाई लियाकत हिस्ट्रीशिटर है उसका असमौली व
डीडौली आदि थाना क्षेत्रो मे काफी आंतक है तदुपरांत सारा अपने प्लाट पर आयी तो
दबंग शफीक खां उर्फ़ बंटी से बैनामा कराने को कहा तो उक्त शफीक ने सारा के समक्ष
एकरात गुजारने की शर्त दी जिसकी शिकायत सारा ने 20 जून 2011 को उच्च अधिकारीयों से
की जिस पर कुन्दर का दरोगा अख्तर अली सारा के पास आया और कार्यवाही करने के नाम
500 रूपये ले गया और सारा के पक्ष मे कोई कार्यवाही नही न कर विपक्षी को लाभ
पहुचाने का काम किया इस तरह से उक्त प्रकरण मे सारा को उसके पति अब्बास,लियाकत व कुन्दरकी के दरोगा अख्तर अली द्वारा
मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया जो अमानवीय कृत्य दंडात्मक है|
अख़बार में प्रकाशित
खबर पर मानवाधिकार जन निगरानी समिति ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,नई दिल्ली और पुलिस महानिदेशक को 1 अक्टूबर,
2011 को शिकायत की|
24 जनवरी, 2018 को अनु सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने पत्रांक संख्या
8/2018/105 आईआर/छ-मा०-1/17-3(467)/14 में अपर पुलिस महानिदेशक , उत्तर प्रदेश
पुलिस मुख्यालय, इलाहाबाद गृह (मानाधिकार)
– 1 में लिखा की उपर्युक्त विषयक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,नई दिल्ली के पत्र संख्या -43 290/24/56/2011
दिनांक 4-7-16 की छायाप्रति संलग्नक करते हुये मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है
संस्तुति के अनुपालन मे श्री राज्यपाल महोदय सारा श्री मती सारा,पत्नी अब्बास,निवासी ग्राम व थाना कुन्दरकी,जनपद मुरादाबाद हालपता निवासी ग्राम -बिचौला,थाना बिलारी,मुरादाबाद को रु0 1,00,000/-(रुo एक लाख मात्र )की धनराशी अंतरिम सहायता के रूप
मे भुगतान किये जाने की सहर्ष स्वीकृति इस प्रतिबंध के साथ प्रदान करते है की
धनराशी की प्रतिपूर्ति हेतु प्रकरण मे दोषी पुलिसकर्मियो के विरुद्ध नियमानुसार
विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करके तदनुसार दोषी पुलिसकर्मी पर वसूली का दंड
अधिरोपित करके नियमानुसार वसूली कर लेखा शीर्षक “0055-पुलिस -105 -राज्य मुख्यालय
पुलिस की प्राप्तिया -01 -राज्य मुख्यालय पुलिस की प्राप्तियां के अंतर्गत राजकोष
मे जमा करायी जाये एंव कृत कार्यवाही से शासन को शीघ्र अवगत कराया जाये |
2-उक्त धनराशी का भुगतान श्रीमती सारा को किया जायेगा |उक्त धनराशी के भुगतान से सम्बन्धित साक्ष्य
/रसीद 10 दिन के भीतर मा0 आयोग एंव शासन को उपलब्ध करायी जाये |
3-इस सम्बन्ध मे होने वाला व्यय चालू वित्तीय वर्ष 2017 -2018 के आय -व्यय मे
अनुदान संख्या -26 गृह विभाग (पुलिस)के अधीन लेखा शीर्षक “2235”-सामाजिक सुरक्षा
तथा कल्याण -60-अन्य सामाजिक सुरक्षा तथा कल्याण कार्यक्रम -200 -अन्य कार्यक्रम
आयोजनेत्तर -10 -पुलिस द्वारा मानवाधिकार हनन के प्रकरणों मे मृतक/घायल के
आश्रितों/ पीड़ितों को आर्थिक सहायता -42 -अन्य व्यय के नामे डाला जायेगा |
4 – यह आदेश गृह (मानवाधिकार)अनुभाग -1 के पत्र संख्या -3608/छ-मा0-1/14-21
(विविध)/13 दिनक 13-11-2014 मे प्राप्त वित्त विभाग की सहमति के आधार पर जारी किये
जा रहे है |
No comments:
Post a Comment