“26 जून अंतर्राष्ट्रीय यातना विरोधी दिवस पर यातना के विरुद्ध संघर्ष करने वाले यातना पीडितो को सम्मान-समारोह में सम्मानित किया गया”
26 जून, 2021 वाराणसी | मानवाधिकार जननिगरानी समिति,जनमित्र न्यास,यूनाइटेड नेशन वोलंटरी फण्ड फॉर टार्चर विक्टिम्स और इंटरनेशनल रिहैबिलिटेशन कौंसिल फॉर टार्चर विक्टिम्स के संयुक्त तत्वाधान में वाराणसी के पांडेयपुर स्थित मावाधिकार जननिगरानी समिति के केन्द्रीय कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय यातना विरोधी दिवस के रूप में मनाया गया और इस विशेष दिवस के अवसर पर यातना पीडितो के द्वारा लगातार न्याय और कानून के राज को स्थापित करने के लिए उनके संघर्ष के जज्बे की हौसला अफजाई के लिए “सम्मान-समारोह” का आयोजन किया गया जिसमे यातना से पीड़ित संघर्षरत 10 पीडितो को सम्मानित किया गया जो पुलिस यातना के शिकार हुए है |
कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए मानवाधिकार जननिगरानी समिति के संयोजक डा0 लेनिन रघुवंशी ने बताया कि हमेशा से यह देखा गया है की जिसके साथ भी अन्याय होता है वह एकदम हाशिये पर चला जाता है | इसके साथ ही उसे अपने घर, परिवार और समाज का समर्थन तो मिलता नहीं बल्कि पीड़ित को ही दबाने का प्रयास किया जाता है वो भी खासतौर पर तब जब उत्पीड़क पुलिस या राज्य हो | ऐसे में हम ऐसे बहादुर पीडितो का सम्मान कर यह सन्देश समाज में देना चाहते है कि लड़ाई अगर संवैधानिक तरीके से लगातार लड़ी जाय तो न्याय अवश्य मिलता है | जिसका उदाहरण आज यहाँ इस कार्यक्रम में उपस्थित ये पीड़ित है | जिन्होंने अनेको चुनौतियों के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार कानूनी प्रक्रिया के तहत संघर्ष कर अपने आप में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है |
कार्यक्रम में आयोजित लोक विद्यालय में पुलिस यातना के पीडितो की स्व-व्यथा कथा को साझा किया गया और उनके संघर्षो के लिए उनका हौसला अफजाई के लिए उन्हें सम्मानित किया गया | इसके साथ ही लोक विद्यालय में अन्य उपस्थित लोगो ने अपनी बात रखी और बताया कि इस पीड़ा से निकलने के लिए हमें पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर कितना संघर्ष करना पड़ा | साथ ही यह भी बताया कि न्याय की इस लड़ाई में हमें इस सम्मान के मिलने से एक आत्म संतुष्टि और आत्म विश्वाश जो हमें प्राप्त हुआ उसने पिछले किये गए संघर्षो को एक सुखद क्षण में परिवर्तित कर दिया |
कार्यक्रम में उपस्थित संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने कहा कि आज के वर्तमान परिस्थिति में यह सम्मान ऐसे पीडितो को दिया जा रहा है जो लगातार अपने परिवेश और संघर्षो के बावजूद न्याय के लिए लगातार संघर्ष करते रहे है | यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ऐसे लोग भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था में अपना विश्वास रखते है |
यातना पीड़ित 12 पीडितो को उनकी स्व-व्यथा कथा और एक दुशाला देकर उन्हें सम्मानित किया गया | इसके साथ ही न्यूजीलैंड हाईकमीशन के सहयोग से पीडितो को पोषणयुक्त राशन किट भी वितरित किया गया |
इस कार्यक्रम में पीड़ित पूजा जायसवाल, विमला, जैनब, मुज्जमिल अंसारी, धन्नो, मोहम्मद कैश, राजू, अंजना मिश्र, मोहम्मद सलीम, कुसुम के आलावा संस्था एवं नागर समाज के शिरीन शबाना खान, जै कुमार मिश्र, राकेश, रिंकू, शुशील, आनंद, छाया कुमारी, फरहत, अनूप, अरविन्द, ज्योति, आनंद, दीपक, मुकेश, घनश्याम आदि लोग उपस्थित थे |