Thursday, June 21, 2012

आज़मगढ जिले के तर्ंवा थाने के पर्वतपुर गाव की 8 वर्षीय बच्ची गुडिया का शांती भंग के शंका मे दरोगा द्वारा चालान किये जाने के सन्दर्भ मे.



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Date: 2012/6/20
Subject: आज़मगढ जिले के तर्ंवा थाने के पर्वतपुर गाव की 8 वर्षीय बच्ची गुडिया का शांती भंग के शंका मे दरोगा द्वारा चालान किये जाने के सन्दर्भ मे.
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20 जून, 2012

सेवा में,                                                                                                            
श्री योगेश दूबे,
सदस्‍य,
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग,
नई दिल्‍ली।

विषय : आज़मगढ जिले के तर्ंवा थाने के पर्वतपुर गाव की 8 वर्षीय बच्ची गुडिया का शांती भंग के शंका मे दरोगा द्वारा चालान किये जाने के सन्दर्भ मे.

महोदय,

आपका ध्यान 20 जून, 2012 के जनसन्देश टाइम्स दैनिक अखबार के इस खबर की तरफ कराना चाहती हू कि आज़मगढ जिले के तरवा थाने के पर्वतपुर गाव के रहने वाले सुभाष पुत्र बागेश्वर का उसकी पडोसन प्रेमा पत्नी नन्हकू के साथ आबादी के जमीन का पिछले चार सालो से विवाद चला आ रहा था जिसमे पिछले वर्ष समझौता भी हो चुका है। 25 मई, 2012 को प्रेमा ने थाने मे शिकायत किया कि उसके पडोसी सुभाष और उसका परिवार उसका उत्पीडन कर रहा है। बस फिर पुलिस ने बिना मौके की हकीकत जाने ही थाने मे बैठे बैठे शिकायतकर्ता से सुभाष और उसके परिवार वालो का नाम पूछकर नोट किया और 107/116 मे भर उनके विरूद्ध चालान कर दिया।

       इसकी सूचना सुभाष को तब हुयी जब 15 जून, 2012 को पुलिस नोटिस लेकर उसके घर पहुची। तब उसे पता चला कि उसकी पत्नी पार्वती, उसकी बडी बेटी वन्दना 16 वर्ष, सरिता 12 वर्ष और गुडिया 8 वर्ष के विरूद्ध 107/116 की कार्यवाही की गयी है। जिसके बाद उसने सबका जमानत करवया।

ये मामला कोई पहला मामला नही है अक्सर चुनाव के समय इस तरह कई निर्दोष लोगो पर पुलिस द्वारा य कार्यवाही जान बूझ कर की जाती है जिससे आम आदमी परेशान होता है।

अतः आपसे अनुरोध है कि इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये दोषियो के खिलाफ कडी कार्यवाही का आदेश दे और पीडिता के परिवार को मुआवजा दिलवाने की कृपा करे। जिससे बालाधिकार हनन करने वालो को सजा और पीडितो को न्याय मिल सके।

सलग्नक : अखबार की खबर ।

http://www.scribd.com/doc/97638243/Azamgarh-8-Years-Girl-was-facing-police-atrocity

 

भवदीया

श्रुती

मैनेजिंग ट्रस्टी





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