From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
Date: 2011/8/30
Subject: मानवाधिकार जन निगरानी समिति द्दारा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन विधेयक २०११ (प्रारूप) पर प्रतिवेदन
To: landacquisition.comments@gmail.com
मानवाधिकार जन निगरानी समिति (पी.वी.सी.एच.आर.) वायस ऑफ पीपुल(वी.ओ.पी.) का सहयोगी संगठन है. भूमि अधिग्रहण,पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन विधेयक २०११ (प्रारूप) मे निम्नवत बिन्दुओ को शामिल करे :
· भूमि अधिग्रहण में उन किसानो को, जो जमीन के मालिक है को रखा जाता है, किन्तु भुमिहीन खेतिहर मजदूरों व भुमिहीन मजदुरो को शामिल नहीं किया जाता है जिनकी आजीविका किसानी, बिनकारी व दस्तकारी होती है. इन्ही तबको के बच्चो व महिलाओ की मौत कुपोषण एवं भूखमरी से होती है. अतः भूमि अधिग्रहण अधिनियम में भूमिहीन खेतिहर मजदूरों, दस्तकारो व बुनकरों के विस्थापन एवं पुनर्वास को शामिल किया जाय.
· दलित व आदिवासी महिलाओ पर जाति, लिंग व वर्ग के आधार पर तिहरी मार होती है. तीन चौथाई काम करने के बाद भी महिलाओ को किसान नहीं समझा जाता है. अतः विस्थापन एवं पुनर्वास में महिलाओ एवं विशेषकर दलित व आदिवासी महिलाओ की भागीदारी निर्णय में अनिवार्य किया जाय.
· बाल अधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौते के इस घोषणा पत्र पर भारत ने भी हस्ताक्षर दिए है. इसका मतलब यह है कि भारत घोषणा पत्र में दी गई बातो का पालन करने के लिए बाध्य है. अनुच्छेद १२ तो यह बिल्कुल ही साफ़ करता है कि राष्ट्रीय कानून बनाते समय बच्चो कि भागीदारी का ख्याल रक्खा जायेगा. इसके मद्दे नजर भूमि अधिग्रहण के पुनर्वास में बल व महिला कल्याण को केन्द्र में रक्खा जाय एवं विस्थापन व पुनर्वास का निर्णय लेने कि प्रक्रियाओ में बच्चो व महिलाओ के साथ परामर्श बैठक का आयोजन एवं उससे निकले निर्णयों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाय.
डॉ लेनिन श्रुति
महासचिव ई.सी. सदस्य, वायस ऑफ पीपुल
मानवाधिकार जननिगरानी समिति संयोजिका -सावित्री बाई फूले महिला पंचायत
सम्पर्क – एस.ए. 4/2 ए, दौलतपुर – वाराणसी (उत्तर प्रदेश ) मो. 99355-99333,
इमेल – pvchr.india@gmail.com www.pvchr.net
No comments:
Post a Comment