Wednesday, December 05, 2012

भारत : सभ्य समाज में पुलिसिया प्रश्रय के कारण दरिंदा अधेड़ उम्र के पति द्वारा नवयुवति पत्नी का बाल काटकर जबरदस्ती पागलों वाली दवा खिलाकर तथा सार्वजनिक तौर पर नंगा कर हवस का शिकार बनाने के संदर्भ में


भारत : सभ्य समाज में पुलिसिया प्रश्रय के कारण दरिंदा अधेड़ उम्र के पति द्वारा नवयुवति पत्नी का बाल काटकर जबरदस्ती पागलों वाली दवा खिलाकर तथा सार्वजनिक तौर पर नंगा कर हवस का शिकार बनाने के संदर्भ में। 
मुद्दे : पुलिस यातना, धनपशु (पति) की दबंगता, हैवानियत व दरिन्दगी, स्थानीय पुलिस – प्रशासन के प्रश्रय से पति द्वारा हैवानियत की शिकार पत्नी को सुरक्षा नही देना और प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही नही करने के सन्दर्भ मे !  
05 दिसम्बर, 2012
प्रिय मित्र,
मानवाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) कार्यालय मे मदद के लिए आयी 23 वर्षीय नीलम (काल्पनिक नाम) अपने पति हबसी और हैवान किस्म के आदमी जो बात-बात में गाली देने, ताना देने और शारीरिक दुव्यर्वहार के अलावा पति-पत्नी के बीच प्रेम भरा व्यवहार न कर सार्वजनिक यौन उत्पीडन और MMS बनाना जैसी अत्याचारो को सहती रही है ! जब कभी तंग आकर अपनी माँ के पास जाने को कहती तो वे नही आने देते। उन्हे परिवार, रिश्तेदार पड़ोसियों किसी से बात करने की मनाही थी, पति  सभी को धमकाकर रखते थे कि कोई मुझे बातचीत ना करें।
दरिन्दा पति के पूर्व पत्नी ने भी सम्भवतः इसी प्रकार के व्यवहार से तंग आकर घर में ही आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद उनके मैके वालों से सुलह हो गया। कोई कानूनी कार्यवाही नही होने से इनका मन बढ़ा है। वे कई बड़ेनामी माफियाओं का जिक्र अक्सर करता है और उनके नाम से सभी को डरा धमकाकर रखते हैं। पीडिता ने एक बार खोजवा पुलिस चौकी में अपने उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस वाले उल्टा उन्हे ही समझाने और डराने लगे।
एक बार जब वे अपने पति के मार-पीट से तंग आकर अपनी माँ के घर चली आयी थी तब उसने उसके घर पर रखे कपडों को बुरी तरह काटकर उसका कतरन किसी आदमी के हाथ भेजवाया और कहा जिस तरह तुम्हारे कपड़ों की कतरन काटकर भेजा हूँ उसी तरह तुम्हारे बच्चे को भी काटकर तुम्हारे माँ के घर भेजवा दूँगा। अगर बच्चे की सलामती चाहती हो तो घर वापस चली जाओं।  जब पीडिता लौट कर नही आयी तब उनके भाई श्याम सुन्दर को कई घंटे थाने में बंद रखवाया ! मज़बूर होकर वापस सुनील के साथ जाने को तैयार हुई तब श्याम सुन्दर को छोड़ा गया


प्रकरण विस्तार :
‘‘मैं जिन्दा रहना चाहती हूँ....!!’’
मेरा नाम नीलम (काल्पनिक नाम), उम्र-23 वर्ष है। मेरी माँ मुन्नी देवी और पिता स्व0 रामनारायण चैरसिया, निवासनी सामने घाट (शिवाजी नगर कालोनी), थाना-लंका, वाराणसी, उत्तर प्रदेश है। हम दो भाई और चार बहनें है, जिसमें मैं सबसे छोटी हूँ।
मेरे माँ के घर के पास शिवाजी नगर कालोनी में रहने वाली एक महिला किरन जिनका मेरे घर आना जाना था, उनके साथ मेरी माँ ने शादी के लिए फोटो खिचवाने भेजा था। फोटो खिचवाने के बाद किरन मुझे संदेश रेस्टोरेन्ट में कुछ खिलाने-पिलाने के बहाने ले गयी और कुछ ही देर में ही वहाँ सुनील चौरसिया, पुत्र-कन्हैया गुप्ता, निवासी B24/151, कश्मीरी गंज, राम मंदिर, खोजवां, थाना-भेलूपुर, वाराणसी और उनके कुछ दोस्त (विनोद, धोबी, बन्टी, लम्बू) वकील सहित पहुँच गये और मुझसे जबरी किसी पेपर पर हस्ताक्षर करने को कहे। मैं बुरी तरह घबरा गयी कि यह क्या हो रहा है ? मैं रोने लगी और कहाँ कि इस तरह मैं कैसे शादी कर सकती हूँ ? मेरे घरवाले मेरी माँ यहाँ नही है, लेकिन किरन ने मुझसे जबरी हस्ताक्षर करवा लिया। यह घटना 26 जून, 2005 की है।
तकरीबन चार दिन बाद मुझे अगवा कर शिव मन्दिर में शादी कर घर ले गये। मेरी माँ अकेली है और इसकी दबंगई से डर कर कुछ भी नही कर पायी, लेकिन वहाँ जाने के तुरन्त बाद मेरे पति ने मेरे साथ सभी अपने परिवार वालों के सामने अपमानजनक व्यवहार करना शुरू कर दिया। मेरे मना करने पर मुझे वही चांटा जड़ दिया। मुझे सुनील और उनके परिवार के बारे में पहले से कुछ भी पता नही था। ससुराल पहुँचकर पता चला उनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है (जो आज क्रमशः 17 और 15 साल के है।) मुझे यह सब पहले से कुछ भी नही पता था। मेरा तो माथा ठनक गया शाम होते होते मैने मना कर दिया कि मैं आपके साथ नही रह सकती मुझे मेरी माँ के पास पहुँचा दिजिये तो बिमारी का नाटक कर मुझे समझा लिया, मैने भी यही किस्मत समझ वहाँ रहने का प्रयास किया।
लेकिन मेरे पति हबसी और हैवान किस्म के आदमी है, मेरे साथ बात-बात में गाली देने, ताना देने और शारीरिक दुव्यर्वहार के अलावा जैसे पति-पत्नी के बीच प्रेम भरा व्यवहार तो जैसे मेरे साथ कभी भूलकर भी नही किया, मैं चुपचाप सहती रहती। जब कभी तंग आकर अपनी माँ के पास जाने को कहती तो वे नही आने देते। मुझे उनके परिवार, रिश्तेदार पड़ोसियों किसी से बात करने की मनाही थी, वे सभी को धमकाकर रखते थे कि कोई मुझे बातचीत ना करें।
वे खुद मुझसे कभी बातचीत करते ही नही और न उनके घरवाले मुझे बहु समझकर बहु जैसा व्यवहार किया, ऐसा मुझे याद भी नही है। मैं हमेशा इंसानों जैसे व्यवहार के लिए तरसती रहती। मेरे मायके वालों को भी मेरे घर आने की इजाजत नही थी।
मेरे पति ने मेरे साथ अपने शारीरिक सम्बन्धों के MMS भी बनाया था, जब कभी उनके साथ नही रहने की बात करती तो वे मुझे डराते की मैं तुम्हें बदनाम कर दूँगा। वे मुझे मेरे भाई को जान से मारने की धमकी देते रहते।
उनकी पूर्व पत्नी ने भी सम्भवतः इसी प्रकार के व्यवहार से तंग आकर घर में ही आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद उनके मैके वालों से सुलह हो गया। कोई कानूनी कार्यवाही नही होने से इनका मन बढ़ा है।
मेरे पति कई गैर कानूनी कार्यो में लिप्त है। कई बड़ेनामी माफियाओं का जिक्र करते है और उनके नाम से सभी को डरा धमकाकर रखते हैं। मैने एक बार खोजवा चौकी में उनके उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस वाले उल्टा मुझे ही समझाने और डराने लगे।
एक बार जब मैं अपने पति के मार-पीट से तंग आकर अपनी माँ के घर चली आयी थी तब उसने उसके घर पर रखे मेरे कपडों को बुरी तरह काटकर उसका कतरन किसी आदमी के हाथ भेजवाया और कहा कि जिस तरह तुम्हारे कपड़ों की कतरन काटकर भेजा हूँ उसी तरह तुम्हारे बच्चों को भी काटकर तुम्हारे माँ के घर भेजवा दूँगा। अगर बच्चे की सलामती चाहती हो तो घर वापस चली जाओं। मेरी वजह से उन्होंने मेरे भाई श्याम सुन्दर को भी कई घंटे थाने में बंद रखवाया और जब मैं वापस अपने घर सुनील के साथ जाने को तैयार हुई तो उन्होने मेरे भाई को छोड़ा।
सुनील मुझे मानसिक रूप से कमजोर करने के लिए एक साल तक दवाईया और इंजेक्शन भी देता रहा जिससे मेरा चेहरा सूख गया था। मैं हर समय नशे में रहती थी अपने बच्चे की देखभाल भी नही कर पाती थी मेरा 5 साल का छोटा बच्चा अंश उन्हीं लोगों के पास है। दवाईयों के असर से ज्यादा बीमार होने पर उन्होंने मुझे काशी हिन्दू विश्वविध्दालय (BHU) के प्रतिष्ठित मानसिक डाक्टर के अंडर में भर्ती भी किया। वहाँ काउंसलर ने मुझे अपने पति के साथ न रहने का कारण पूछा लेकिन मैं डरकर उन्हें कुछ सच्ची स्थिति नही बता पायी, जिससे वे मुझे समझाते रहे। सुनील ने वहाँ पहले से बताया था कि मेरी पत्नी मेरे साथ नही रहना चाहती है वह कहीं मेरे साथ नही जाना चाहती, मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ।
यह सच भी था कि कोई भी सुनील के दिखावे व्यवहार में आ जाता था। वह डाक्टर के सामने मुझसे बहुत ही प्यार दिखाने वाला व्यवहार करते रहे जिससे वे भी धोखे में थे।
सुनील लगातार मुझे पागल, मानसिक रूप से कमजोर करने का प्रयास करते रहे और कहते भी कि तुम मर जाओगी तो मुझे बहुत पैसा मिलेगा। उनके द्वारा मेरा बीमा भी कराया गया था।
एक बार जब दवा के असर से मैं नशे में बेपरवा थी उन्होने मेरा बेतरीब ढंग से बाल काट दिया और सबको बुलाकर दिखाया कि देखो पागल हो गयी है अपना बाल काट ली है। मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करू और मेरे साथ क्या हो रहा है घ् आज भी सबकुछ सोचकर दिल डर से कांपने लगता है।
हम अगर अपने पति के यहा वापस घर जायेगें तो वह हमें जान से मार डालेगा। हम अपने बच्चे से बहुत प्यार करते है और उसके लिए जिन्दा रहना चाहते है। मेरी सभी से यह गुहार है कि यदि मुझे जिंदा रहना चाहते है तो मेरे पति के घर मुझे वापस न भेजा जाए, मै किसी भी किमत पर उसके साथ नही रह सकती। मुझे उससे तलाक और मेरा और मेरे बच्चे कि जान-माल की सुरक्षा चाहिए।

सेवा मे,  
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विषय: सभ्य समाज में पुलिसिया प्रश्रय के कारण दरिंदा अधेड़ उम्र के पति द्वारा नवयुवति पत्नी का बाल काटकर जबरदस्ती पागलों वाली दवा खिलाकर तथा सार्वजनिक तौर पर नंगा कर हवस का शिकार बनाने के संदर्भ में। 
पीड़ितों के नाम : -
1.   नीलम (काल्पनिक नाम), उम्र- 23 वर्ष, पुत्री – स्व0 राम नरायन चौरसिया, पता – सामने घाट (शिवाजी नगर कालोनी), थाना – लंका, जनपद – वाराणसी – (उत्तर प्रदेश) – भारत !
2.   मुन्नी देवी, पत्नी - स्व0 राम नरायन चौरसिया, पता – सामने घाट (शिवाजी नगर कालोनी), थाना – लंका, जनपद – वाराणसी – (उत्तर प्रदेश) – भारत !
3.   अंश, उम्र – 5 वर्ष, पुत्र – नीलम (काल्पनिक नाम), उम्र- 23 वर्ष, पुत्री – स्व0 राम नरायन चौरसिया, पता – सामने घाट (शिवाजी नगर कालोनी), थाना – लंका, वर्तमान पता - B24/151, कश्मीरी गंज, राम मंदिर, खोजवां, थाना-भेलूपुर, जनपद – वाराणसी – (उत्तर प्रदेश) – भारत !
4.   श्याम सुन्दर, उम्र – लगभग – 26 वर्ष, पुत्र - स्व0 राम नरायन चौरसिया, पता – सामने घाट (शिवाजी नगर कालोनी), थाना – लंका, जनपद – वाराणसी – (उत्तर प्रदेश) – भारत !   


प्रिय सर / मैडम,       
विषय: सभ्य समाज में पुलिसिया प्रश्रय के कारण दरिंदा अधेड़ उम्र के पति द्वारा नवयुवति पत्नी का बाल काटकर जबरदस्ती पागलों वाली दवा खिलाकर तथा सार्वजनिक तौर पर नंगा कर हवस का शिकार बनाने के संदर्भ में।
हम आपका ध्यान 23 वर्षीय नीलम (काल्पनिक नाम), पुत्री स्व0 राम नरायन चैरसिया व माता का नाम मुन्नी देवी, निवासनी सामने घाट (शिवाजी नगर कालोनी), थाना-लंका, वाराणसी, उत्तर प्रदेश की ओर आकृष्ट कराना चाहूँगा। जिनका आसुरी विवाह अपहरण तथा जबरदस्ती 26 जून, 2005 को वाराणसी शहर स्थित संदेश रेस्टूरेंट में वकील की उपस्थिति में शक्ति प्रयोग करके कागजातों पर हस्ताक्षर कराकर शादी की प्रक्रिया पूरी कर लिया गया। अधेड़ उम्र के दरिंदा पति सुनील गुप्ता, पुत्र-कन्हैया गुप्ता, निवासी B24/151, कश्मीरी गंज, राम मंदिर, खोजवां, थाना-भेलूपुर, वाराणसी द्वारा अपने असमाजिक तत्वों व स्थानीय गुण्डों के सहयोग से जबरदस्ती शादी किया गया, जिसमें किरन नामक महिला दोनों के बीच दलाली का काम की है।
विदित हो कि शादी के प्रक्रिया के तुरंत बाद सभी के सामने ही उक्त पति सुनील गुप्ता द्वारा कपड़ों का उतारा जाना और शारीरिक सम्बन्ध बनाने जैसी जबरदस्ती कृत्य की जाने लगी। वहाँ से किसी प्रकार लोक-लाज से बचकर पहली बार ससुराल आयी। वहाँ भी परिवार के अन्य सदस्यों के सामने भी उसी प्रकार का कृत्य किया जाता रहा है। विरोध करने पर शारीरिक मारपीट, जलाना तथा मायके के परिजनों जैसे भाई को थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा बंद करवा और जान से मारने जैसी धमकी दी जाती रही। सब कुछ सहते हुए वह एक बच्चा पैदा हुआ, जिसका उम्र लगभग 5 वर्ष है और नाम अंश है। लेकिन पति का व्यवहार और हैवानियत पर कोई फर्क नही पड़ा। वह पीडि़ता के भाई के सामने ही उसके साथ सम्बन्ध बनाने का जोर-जबरदस्ती करता तथा नही मानने पर मारपीट कर कपड़ों को उतार देता। इन सभी से तंग परेशान पीडि़ता मौका पाकर स्थानीय पुलिस चैकी खोजवा में गयी, जहाँ उल्टी पीडि़ता को ही चुप रहने को कहा गया।
एक बार वह भागकर अपने माँ के घर गयी, किन्तु उल्टे पुलिस उसके भाई को बन्द रखी, उसके सुनील के घर जाने के बाद उसके भाई को छोड़ा गया। उसके बाद पति का दुव्यर्वहार या दुर्भावना और बढ़ गया। पीडि़ता को जबरदस्ती पागलों वाली दवा खिलवाया गया और उसी दौरान इसके सिर के बाल कटवा दिया गया तथा घर मोहल्ला में पागल कहकर सार्वजनिक प्रदर्शनी की गयी। अब बच्चे भी पीडि़ता को देखकर उसे पागलों के जैसा व्यवहार करते है। जिससे उनकी मनोस्थिति सही में गम्भीर बनी हुयी है।
लगातार सार्वजनिक यौन-उत्पीड़न, नंगा करके शारीरिक उत्पीड़न तथा मनोवैज्ञानिक प्रताड़ना के कारण पीडि़ता किसी प्रकार से वहां से जान बचाकर भाग निकली। दूसरी तरफ स्थानीय पुलिस तथा दरिंदा पति उनके जान के पीछे पड़े हुए है। उनके मायके वालों को परेशान किया जा रहा है।
पीडि़ता किसी प्रकार जान बचाते-बचाते तथा छुपकर जिला मुख्यालय, कचहरी पहुँची। जहाँ मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और मानव संरक्षण के लिए संघर्षरत वकीलों ने उनकी आपबीती सुनने के बाद समिति के पास ले आये। जहाँ इनको स्व0 व्यथा-कथा (टेस्टीमनी) द्वारा मनोवैज्ञानिक उपचार किया गया, फिर भी इनकी मनोस्थिति दयनीय व घबड़ाहट बनी हुयी है।
महोदय, आज भी सभ्य समाज में असुरी प्रवृत्ति तथा महिलाओं को भोग की वस्तु समझते हुए निर्जीवता जैसी व्यवहार सार्वजनिक यौन शोषण से समाज कलंकित है। अगर इस दुराचारी पति तथा स्थानीय पुलिस कर्मियों पर कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही नही की गयी तब कुछ भी अनहोनी घटना घटित होने के साथ समाज दूषित होता रहेगा।
विदित हो कि इसके पूर्व पहली पत्नी को मार दिया और उसके मैके वालों से समझौता कर मामला दबा दिया तथा स्थानीय स्तर पर कई माफियाओं के साथ सम्बन्ध रखते हुए मोहल्ला के बदमाशों को पास में रखा है, जिससे कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ कुछ बोलने से डरते है। यह दरिंदा अपने प्रभाव से स्थानीय थाना के साथ क्षेत्राधिकारी स्तर के पुलिस अधिकारियों को प्रभावित करता है तथा उक्त पुलिसकर्मी उसका भरपूर सहयोग करते है।
उसी प्रकार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रतिष्ठित डाक्टर के यहां प्रभाव में पीडि़ता का जबरदस्ती मानसिक परेशानी का दवा चलवाता था, जिससे पागल घोषित किया जा सके और दरिंदा पति द्वारा शारीरिक सम्बन्धों का MMS भी बनाया गया है, जिसके आधार पर शोषण करते हुए बदनाम करने का धमकी दिया जाता था। पीडि़ता के अनुसार उसका बीमा कराया गया है और उसे जान से मारे जाने की पूरी आशंका है।
अतः आपसे अनुरोध है कि मामले में त्वरित हस्तक्षेप कर पीडि़ता व परिजनों को सुरक्षा प्रदान कराये और सम्भावित दोषियों व पुलिस अधिकारियों पर कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही हो। जिससे भविष्य में सबक स्वरूप उदाहरण हो सके। जो आपकी बड़ी कृपा होगी।
आपको धन्यवाद !                                       
भवदीय

(डा0 लेनिन)
महासचिव
मानावाधिकार जन निगरानी समिति,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी 221002.
उत्तर प्रदेश भारत !
फोन न0. - +91-5422586688,
मोबाईल न0. - +91 9935599333.
बेबसाईट www.pvchr.asia

पत्र भेजें :
1.     Hon'ble President,
President of India,
Rashtrapati Bhawan,
New Delhi – 110001,
India.

2.     Hon'ble Vice – President,
(Shri M. Hamid Ansari)
Vice President of Inda,
Vice president House,
6, Maulana Azad Road,
New Delhi – 110011, India.
Tel - +91 – 11-23016422, 23016344.
Email – vpindia@nic.in



3.     The Registrar,
Supreme court of India,
Tilak marg, New Delhi – 110001 – India.
Tel -  +91-1123388922 – 24, 23388942 – 44,
Fax no. - +91-1123381508, 23381584,23384336 / 23384533 / 23384447.

4.     The prime minister,
Prime minister of India,
South block, Raisina hill,
New Delhi – 110011, India.
Tel - +91-1123012312,
Fax - +91-1123019545 / 23016857.

5.     The chairperson,
National Human Rights Commission,
Faridkot house, Copernicus Marg,
New Delhi – 110001, India.
Fax no. - +91-1123384863.

6.     The Chairperson,
National commission for backward classes,
Trikoot – 1, Bhikaji Kama Place,
New Delhi – 110066, India.

7.     Hon'ble Chief justice,
High court, Uttar Pradesh,
1, Lal Bahadur Shastri marg, Allahabad,
Uttar Pradesh – India.

8.     The Chief Minister,
Chief Minister of Uttar Pradesh,
Lal Bahadur Shastri Bhawan,
Lucknow – 226001, Uttar Pradesh – India.





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