वाराणसी. डायन एक ऐसा शब्द जो किसी भी महिला के लिए अभिशाप से कम नहीं है। आधुनिकता की चादर ओढ़े हम कितनी भी तरक्की कर ले, लेकिन समाज में आज भी महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं।
पूर्वांचल के अति पिछड़े जिले सोनभद्र में आज भी कई महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। इस गांव में उनको डायन की संज्ञा देकर किसी की जुबान काट ली गई तो किसी का मुहं काला कर पूरा गांव घुमाया गया।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरों के मुताबिक 2008 में अलग-अलग जगहों पर करीब 800 महिलाओं को डायन बताकर उनपर जुल्म ढाया गया। ऐसी ही पांच महिलाओं की कहानी हम बता रहे हैं, जिन्हें डायन बताकर समाज और ग्रामीणों ने जुल्म की इंतेहा कर दी।
जागेसरी- हैवानों ने इनकी जुबान काटकर इन्हें बेजुबान बना दिया...
जागेसरी देवी अब बोल नहीं सकती, क्योंकि जालिमों ने उन्हें डायन की संज्ञा देकर 2011 में पूरी पंचायत के सामने उनकी जुबान काट दी। उनकी मदद करने वाली संस्था मानवाधिकार जन निगरानी समिति की संयोजिका श्रुति रघुवंशी ने बताया कि हम लोगों को जब पता चला तो हमारी टीम करहिया गांव पहुंची। उनके पति रमाशंकर ने बताया कि आठ बीघे जमीन के विवाद को लेकर रिश्तेदारों ने पत्नी को डायन बताकर जुबान काटवा दी। चचेरी बहन और बहनोई सहदेव के पांच बच्चे थे। बीमारी के कारण तीन बच्चों की मौत हो गई। सहदेव ने मेरी पत्नी को कुलटा और डायन बताकर पूरी पंचायत बुला ली। भरी पंचायत में ओझा के सामने जीभ को ब्लेड से काट दिया। श्रुति ने बताया कि यह गांव इतना पिछड़ा है कि लोग पुलिस के पास भी नहीं जाते। फ़िलहाल पंचायत के दबाव और सहदेव के आतंक को अगूंठा दिखाते हुए जागेसरी आज भी उसी जमीन पर खेती कर रही है।
मन्नी- डायन बताकर लोगों ने मुहं पर कालिख पोती...
मन्नी सारनाथ के पास छोटे से गांव में रहती हैं। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर 2012 को गांव के कई लोग रास्ते में मुझपर डायन चुड़ैल का आरोप लगाते हुए टूट पड़े। मैं कुछ समझ पाती, तब तक कई लोग मुझे पीटने लगे, एक ने मुंह पर कालिख भी पोत दी। मुझे डायन बताकर बहुत पिटा गया। दूसरे दिन थाने पहुंची, कुछ पुलिस वालो ने पूछताछ की और मामला रफा दफा हो गया। श्रुति ने बताया गांव के दबंगों की नजर हमेशा गरीबों की जमीन पर रहती हैं। मन्नी भी उसी का शिकार हुई हैं। फ़िलहाल इसकी पूरी रिपोर्ट महिला आयोग को भेजी गई है। उन्होंने बताया कि केस स्टडी में यही पाया गया कि दबंग पड़ोसी थे, जिन्होंने इलाके में दबदबा कायम करने और भ्रांति फैलाने के लिए मन्नी देवी को समाज के सामने डायन बताया। छोटे-छोटे विवाद को लेकर पड़ोसी अक्सर मन्नी पर डायन बताकर टूट पड़ते थे। संस्था की टीम ने गांव में जाकर लोगों को समझाया कि डायन जैसी कोई चीज नहीं हैं
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