भारत : उत्तर
प्रदेश में कानून का राज या
पुलिस व दबंग के सांठ गाँठ का राज ?
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मुद्दा : उत्तर
प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर थाने में तैनात होमगार्ड संतोष शुक्ला
से तूफानी मुसहर (अनुसूचित जाति) द्वारा अपनी मजदूरी मांगने पर जीभ काट लिए जाने
की घटना में पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश के बावजूद भी मुंगराबादशाहपुर
थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा पंजीकृत न किये जाने के सन्दर्भ में |
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23 सितम्बर, 2015
प्रिय साथियो,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
के कार्यालय में हमारे एक कार्यकर्ता के परिचित से यह सुचना मिली कि उत्तर प्रदेश
के जौनपुर जिले के थाना मुंगराबादशाहपुर थानान्तर्गत गाँव गरियांव में एक मुसहर
द्वारा अपनी बकाया मजदूरी माँगने पर मालिक ने उसकी जुबान (जीभ) काट ली | जिसकी
सुचना पुलिस को देने व पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा मुकदमा पंजीकृत करने व
मेडिकल कराने के लिखित निर्देश के बावजूद भी मुंगराबादशाहपुर थानाध्यक्ष द्वारा आज
तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया बल्कि पीड़ित व उसके घरवालो को धमकी दे रहे है कि इस
केस में कोइ कार्यवाही न करे वरना किसी केस में फसा कर जेल भेज देंगे, जिसके कारण
पीड़ित व उसका छोटा भाई आज तक छुपकर रहने को मजबूर है |
केस का विवरण :
पीड़ित : तूफानी मुसहर
पुत्र मल्लू मुसहर
पता : ग्राम
गरियांव, थाना मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |
आरोपीगण : संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला (होमगार्ड) पुत्र
श्री राम आधार शुक्ला
पुटटन
सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर सरोज
पप्पू
सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर सरोज
पता : ग्राम
गरियांव, थाना
मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर
प्रदेश), भारत |
घटना स्थल एवं घटना का दिनांक : 05-सितम्बर
2015 की रात, नहर की
पुलिया के पास, ग्राम गरियांव, थाना – मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर
प्रदेश), भारत |
घटना का विवरण:
05 सितम्बर 2015 की रात उत्तर प्रदेश के
जौनपुर जिले के अंतर्गत थाना मुंगराबादशाहपुर ग्राम गरियांव के निवासी तूफानी
मुसहर की जीभ संतोष शुक्ला ने सिर्फ इस वजह से काट दिया, क्योंकि तूफानी मुसहर
संतोष शुक्ला से अपनी बकाया मजदूरी माँग रहा था | यह घटना रात के लगभग 1 बजे के
समय की है, जब संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर को जन्माष्टमी का मेला दिखाने के बहाने
घर से ले जाकर वापसी में आते समय रास्ते में अपने दो अन्य साथियों पुटटन सरोज और पप्पू
सरोज के साथ मिलकर तूफानी मुसहर से मारपीट की और जीभ खींचकर धारदार चाकू से काट
दिया जिससे तूफानी घटनास्थल पर ही बेहोश हो गया | भोर में तूफानी को जब होश आया तब
खून से लथपथ हाल में किसी तरह घर पहुंचा | 6 सितम्बर, को दिन में लगभग 10 बजे थाना
मुंगराबादशाहपुर पहुचे तब आरोपी संतोष शुक्ला जो पहले से ही थाने पर मौजूद था उसने
थाने के गेट पर ही इन लोगो को गंदी गंदी गाली और धमकी देते हुए भगा दिया और कहा कि
यदि कही और शिकायत करोगे तो जान से हाथ धो बैठोगे | जिसके बाद पीड़ित और उसका
परिवार डर कर थाने से चुपचाप चले गए | जिसके पश्चात पीड़ित और उसके परिजन
मुंगराबादशाहपुर के सरकारी अस्पताल में गए परन्तु वहाँ पर भी संतोष शुक्ला उनके
पहुचने से पहले ही वहाँ पहुच गया जिससे वहाँ पर डाक्टरों ने पीड़ित का इलाज नहीं
किया बल्कि उसको जौनपुर जिला अस्पताल या इलाहाबाद में इलाज करवाने हेतु रिफर कर
दिया | संतोष शुक्ला की पहुँच को देखते हुए पीड़ित डर के मारे फिर सरकारी अस्पताल
में नहीं गए बल्कि पीड़ित के परिजनों ने एक प्राईवेट अस्पताल में तूफानी का इलाज
करवाया जहाँ उसकी जीभ में 10 टाँके लगे |
उसके पश्चात्
पीड़ित व उसका छोटा भाई न्याय के आस में एक वकील से मिलकर कानूनी कार्यवाही हेतु
शिकायत पत्र तैयार करवाया चूँकि तूफानी ने आठवीं तक स्कूल पढाई की थी सो वकील को
लिखकर आपबीती बताया |
7 सितम्बर 2015 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर से शिकायत करने पर उनके द्वारा
शिकायत पत्र पर थाना को एफ० आई० आर० दर्ज करने और मेडिकल कराने के
लिए मार्क किया | लेकिन थाने जाने पर थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें बहुत गंदी गंदी व
जाति सूचक गाली देते हुए यह कह कर भगा दिया कि साले झूठी शिकायत लिखवाते हो तुम्हे
चोट एक्सीडेंट होने के कारण लगा है और फिर दुबारा थाने ना आने की हिदायद देते हुए
वहाँ से भगा दिया | साथ ही यह भी धमकी दी कि अब यदि कही और शिकायत करोगे तो तुमलोग
को केस में फसा कर जिन्दगी भर जेल में सडा दूंगा |
बार-बार थाने से भगा दिए जाने से निराश
होकर वकील की राय से तूफानी मुसहर अपने भाई अनिल मुसहर के साथ मानवाधिकार
जननिगरानी समिति के केन्द्रीय कार्यालय वाराणसी पहुंचे |
12 सितम्बर,
2015 को समिति के कार्यकर्ताओं के सहयोग से तूफानी और उसके भाई अनिल मुसहर पुलिस
महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र से उनके कार्यालय में मिलकर शिकायत की गयी | जिस
पर उनके पेशकार द्वारा मुंगराबद्शापुर थाने में फोन कर इस सन्दर्भ में जानकारी
मांगी गयी तब थाना से उन्हें बताया गया कि पीड़ित थाना में आया ही नही | जिसके बाद
पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र महोदय द्वारा इस घटना में एफ०आई०आर० दर्ज
करते हुए पीड़ित का मेडिकल कराने का निर्देश दिया | लेकिन आज तक घटना में न ही
एफ०आई०आर० दर्ज किया गया न ही मेडिकल हुआ | 14 सितम्बर, 2015 को संस्था के सहयोग
से पीड़ित द्वारा प्राईवेट स्तर पर वाराणसी जिले के श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय
सरकारी अस्पताल में मेडिकल परिक्षण कराया |
तूफानी मुसहर पुत्र मल्लू मुसहर अनुसूचित
जाति का राजगीर मिस्त्री का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था | तूफानी
ने आठवीं तक की पढ़ाई गाँव के ही सरकारी विद्यालय में की है | पीड़ित के परिवार में
उसके पिता मल्लू मुसहर, माता मुन्नी देवी, दो छोटे भाई सोनू मुसहर, अनिल मुसहर एवं
पत्नी – रचना, 4 बच्चियाँ – राधा, दीपा, ख़ुशी, रौशनी है | आरोपी संतोष शुक्ला उर्फ़
पप्पू शुक्ला पुत्र श्री राम आधार शुक्ला ग्राम गरियांव के सवर्ण जाति के दबंग व्यक्ति
हैं और काफ़ी बड़े काश्तकार हैं | संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला वर्तमान में
होमगार्ड के पद पर मुंगराबादशाहपुर थाना में ही नियुक्त हैं और जो ऊँची
विरादरी का और पुलिस की वर्दी का रौब दिखा कर गरीब वंचित लोगों को प्रताड़ित करता
है | राजगीर मिस्त्री तूफानी मुसहर ने संतोष के घर में प्लास्टर का काम किया था,
काम समाप्त होने के बाद जब संतोष शुक्ला से तूफानी मुसहर ने अपनी नौ सौ
रूपये (900/-) बकाया मजदूरी माँगी तो वो टाल गए |
इसी तरह कई बार मजदूरी माँगने पर संतोष शुक्ला उसे बार-बार टालते रहे और माँ-बहन
की भद्दी-भद्दी गाली देने लगते | 5 सितम्बर 2015 को भी तूफानी ने संतोष के घर जाकर
अपनी मजदूरी फिर से मांगी, लेकिन उस दिन भी उन्होंने उसकी मजदूरी देने से मना कर
दिया | उसी दिन रात करीब नौ बजे संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर के घर आये और तूफानी से बोले की
पिछली सारी बातें भुला दो चलो जन्माष्टमी का मेला देखने चलते हैं वापसी में
तुम्हारे बकाया पैसे भी दे दूँगा । रात करीब 1 बजे जब संतोष और तूफानी
जन्माष्टमी का मेला देखकर वापस लौट रहे तो रास्ते में नहर की पुलिया के पास संतोष
ने बाइक रोक दी । यहां संतोष के अन्य दो दोस्त पुटटन सरोज और पप्पू सरोज पहले
से ही वहां मौजूद थे । वहां पहुँचते ही बाइक रोकने के साथ जैसे संतोष का रूख ही
बदल गया | संतोष सहित उसके दोस्तों ने तूफानी मुसहर को अचानक बुरी तरह
मारने पीटने लगे और जातिसूचक गालियाँ देते हुए बोले कि, साले मुसहर तेरी इतनी औकात
हो गयी है कि तुम हमलोगों से तगादा करने लगे हो बहुत चलती है तुम्हारी जुबान आज
इसे काट ही देते हैं | यह कहते हुए तीनों मिलकर जमीन पर गिराकर लात-घूसों से और
बुरी तरह पिटाई करने लगे | इसी बीच पुटटन सरोज और पप्पू सरोज ने तूफानी मुसहर को
पकड़ लिया और संतोष शुक्ला ने रिवाल्वर दिखाकर तूफानी को जान से मार देने की धमकी
देते हुए कहा कि चिल्लाओगे तो तुरन्त गोली तुम्हारे सीने में उतार दूंगा | यह कहते
हुए एक छोटा सा तेज धार वाला चाक़ू निकालकर तूफानी की जीभ पकड़कर खींचते हुए बीच से
फाड़ दिया और तूफानी को उसी हालत में तड़पते छोड़कर भाग निकले | तीनों ने मिलकर तूफानी
को इतनी बुरी तरह पीटा था कि उसके आगे के तीन दांत टूट गये चेहरे में भी काफी
गंभीर चोट आई | थानाध्यक्ष महोदय ने पुलिस अधीक्षक के
निर्देश पर भी कोई कदम नही उठाया नहीं FIR दर्ज की गयी ना ही
पीड़ित का मेडिकल परिक्षण हुआ | अंत में चिकित्सीय सहायता के लिए पीड़ित के परिवार
ने पीड़ित को एक प्राइवेट डाक्टर को दिखाया जहाँ तूफानी के जीभ में दस टांके लगाये
गए | 12 सितम्बर, 2015 को मानवाधिकार जननिगरानी
समिति ने पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी
परिक्षेत्र, पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिदेशक उत्तर
प्रदेश, प्रधानमंत्री भारत सरकार और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से लिखित शिकायत की
है । इसके बावजूद अभी तक जौनपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं
किया है । इस कारण दबंग के हौसले और बुलंद हैं और पीड़ित अपना घर-बार और बाल-बच्चों
को छोड़कर दूसरी जगह रह रहा है । इस घटना में कोई क़ानूनी पहल न करने के लिए पीड़ित
कि माँ को लगातार धमकी दी जा रही है | जबकि मुंगराबादशापुर थाना द्वारा आरोपियों
के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही किये जाने से उनके हौसले बुलंद हैं |
पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, के निर्देशों
के बाद भी थाना मुंगराबादशाहपुर में आज तक घटना की प्राथमिकी (एफ०आई०आर०) दर्ज नही
की गयी | जिससे थानाध्यक्ष पर आरोपियों का गहरा प्रभाव और थानाध्यक्ष द्वारा कानून
के उल्लंघन और अपने वरिष्ठों के निर्देशों की अनदेखी करना आरोपी और थाना के गठजोड़
को स्वयं उजागर कर रहे हैं | थाना मुंगराबादशाहपुर बिना मुकदमा दर्ज किये ही इस निष्कर्ष पर पहुंच
गया है कि पीड़ित को चोट लगी है उसकी पिटाई नही हुई और ना ही जीभ काटी गयी है |
अत: इस मामले में अविलम्ब उचित क़ानूनी कार्यवाही करते हुए जांच-पड़ताल
उपरान्त विभिन्न महत्वपूर्ण धाराओं में आरोपियों के खिलाफ़ कार्यवाही किया जाए | पीड़ित के साथ न्याय किया जाये |
उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि –
1- आरोपियों के खिलाफ़ महत्वपूर्ण गंभीर धाराओं के साथ SC/ST अधिनियम के
अंतर्गत भी मुक़दमा दर्ज किया जाए और तत्काल आरोपी व
दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही अविलम्ब किया जाय |
2- पीड़ित व उसके परिजनों की आरोपियों से सुरक्षा प्रदान किया जाए |
3- यातना पीड़ित व उसके परिवार को पुनर्वास हेतू 10 लाख रुपया मुआवज़ा प्रदान
किया जाए |
4- इस महत्वपूर्ण व संवेदनशील केस को किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी
सी०बी०आई०/सी०बी०आई०डी० से कराया जाए |
भारत सरकार से अनुरोध है कि –
1- राज्य सभा में लंबित PTB/UNCAT को अविलम्ब लागू किया जाए |
2- यातना व संघठित हिंसा रोकथाम के लिए मज़बूत क़ानून बनाया जाए |
3- पुलिस सुधार की सभी संस्तुतियों को अविलम्ब लागू किया जाए |
Please
see the following link :
http://www.pvchr.net/2015/09/blog-post.html
http://beyondheadlines.in/2015/09/threat-to-kill/
https://www.saddahaq.com/the-first-assault-on-labor-demand-then-tried-to-bite-the-tongue-now-threatens-to-kill
Please watch video :
https://www.youtube.com/watch?v=7-8hwfU4dt0
पत्र का नमूना
सेवा,
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विषय : उत्तर
प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर थाने में तैनात होमगार्ड संतोष शुक्ला
से तूफानी मुसहर (अनुसूचित जाति) द्वारा अपनी मजदूरी मांगने पर जीभ काट लिए जाने
की घटना में पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश के बावजूद भी मुंगराबादशाहपुर
थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा पंजीकृत न किये जाने के मामले में कृपया त्वरित
कार्यवाही करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
मुझे
यह सुचना मिली है कि निम्नवत केस में कृपया त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे |
पीड़ित : तूफानी मुसहर
पुत्र मल्लू मुसहर
पता : ग्राम
गरियांव, थाना मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |
आरोपीगण : संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला (होमगार्ड) पुत्र
श्री राम आधार शुक्ला
पुटटन सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर
सरोज
पप्पू सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर
सरोज
पता : ग्राम
गरियांव, थाना
मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर
प्रदेश), भारत |
घटना स्थल एवं घटना का दिनांक : 05-सितम्बर
2015 की रात, नहर की
पुलिया के पास, ग्राम गरियांव, थाना – मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर
प्रदेश), भारत |
घटना का विवरण:
05 सितम्बर 2015 की रात उत्तर प्रदेश के
जौनपुर जिले के अंतर्गत थाना मुंगराबादशाहपुर ग्राम गरियांव के निवासी तूफानी
मुसहर की जीभ संतोष शुक्ला ने सिर्फ इस वजह से काट दिया, क्योंकि तूफानी मुसहर
संतोष शुक्ला से अपनी बकाया मजदूरी माँग रहा था | यह घटना रात के लगभग 1 बजे के
समय की है, जब संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर को जन्माष्टमी का मेला दिखाने के बहाने
घर से ले जाकर वापसी में आते समय रास्ते में अपने दो अन्य साथियों पुटटन सरोज और पप्पू
सरोज के साथ मिलकर तूफानी मुसहर से मारपीट की और जीभ खींचकर धारदार चाकू से काट
दिया जिससे तूफानी घटनास्थल पर ही बेहोश हो गया | भोर में तूफानी को जब होश आया तब
खून से लथपथ हाल में किसी तरह घर पहुंचा | 6 सितम्बर, को दिन में लगभग 10 बजे थाना
मुंगराबादशाहपुर पहुचे तब आरोपी संतोष शुक्ला जो पहले से ही थाने पर मौजूद था उसने
थाने के गेट पर ही इन लोगो को गंदी गंदी गाली और धमकी देते हुए भगा दिया और कहा कि
यदि कही और शिकायत करोगे तो जान से हाथ धो बैठोगे | जिसके बाद पीड़ित और उसका
परिवार डर कर थाने से चुपचाप चले गए | जिसके पश्चात पीड़ित और उसके परिजन
मुंगराबादशाहपुर के सरकारी अस्पताल में गए परन्तु वहाँ पर भी संतोष शुक्ला उनके
पहुचने से पहले ही वहाँ पहुच गया जिससे वहाँ पर डाक्टरों ने पीड़ित का इलाज नहीं
किया बल्कि उसको जौनपुर जिला अस्पताल या इलाहाबाद में इलाज करवाने हेतु रिफर कर
दिया | संतोष शुक्ला की पहुँच को देखते हुए पीड़ित डर के मारे फिर सरकारी अस्पताल
में नहीं गए बल्कि पीड़ित के परिजनों ने एक प्राईवेट अस्पताल में तूफानी का इलाज
करवाया जहाँ उसकी जीभ में 10 टाँके लगे |
उसके पश्चात्
पीड़ित व उसका छोटा भाई न्याय के आस में एक वकील से मिलकर कानूनी कार्यवाही हेतु
शिकायत पत्र तैयार करवाया चूँकि तूफानी ने आठवीं तक स्कूल पढाई की थी सो वकील को
लिखकर आपबीती बताया |
7 सितम्बर 2015 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर से शिकायत करने पर उनके द्वारा
शिकायत पत्र पर थाना को एफ० आई० आर० दर्ज करने और मेडिकल कराने के
लिए मार्क किया | लेकिन थाने जाने पर थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें बहुत गंदी गंदी व
जाति सूचक गाली देते हुए यह कह कर भगा दिया कि साले झूठी शिकायत लिखवाते हो तुम्हे
चोट एक्सीडेंट होने के कारण लगा है और फिर दुबारा थाने ना आने की हिदायद देते हुए
वहाँ से भगा दिया | साथ ही यह भी धमकी दी कि अब यदि कही और शिकायत करोगे तो तुमलोग
को केस में फसा कर जिन्दगी भर जेल में सडा दूंगा |
बार-बार थाने से भगा दिए जाने से निराश
होकर वकील की राय से तूफानी मुसहर अपने भाई अनिल मुसहर के साथ मानवाधिकार
जननिगरानी समिति के केन्द्रीय कार्यालय वाराणसी पहुंचे |
12 सितम्बर,
2015 को समिति के कार्यकर्ताओं के सहयोग से तूफानी और उसके भाई अनिल मुसहर पुलिस
महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र से उनके कार्यालय में मिलकर शिकायत की गयी | जिस
पर उनके पेशकार द्वारा मुंगराबद्शापुर थाने में फोन कर इस सन्दर्भ में जानकारी
मांगी गयी तब थाना से उन्हें बताया गया कि पीड़ित थाना में आया ही नही | जिसके बाद
पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र महोदय द्वारा इस घटना में एफ०आई०आर० दर्ज
करते हुए पीड़ित का मेडिकल कराने का निर्देश दिया | लेकिन आज तक घटना में न ही
एफ०आई०आर० दर्ज किया गया न ही मेडिकल हुआ | 14 सितम्बर, 2015 को संस्था के सहयोग
से पीड़ित द्वारा प्राईवेट स्तर पर वाराणसी जिले के श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय
सरकारी अस्पताल में मेडिकल परिक्षण कराया |
तूफानी मुसहर पुत्र मल्लू मुसहर अनुसूचित
जाति का राजगीर मिस्त्री का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था | तूफानी
ने आठवीं तक की पढ़ाई गाँव के ही सरकारी विद्यालय में की है | पीड़ित के परिवार में
उसके पिता मल्लू मुसहर, माता मुन्नी देवी, दो छोटे भाई सोनू मुसहर, अनिल मुसहर एवं
पत्नी – रचना, 4 बच्चियाँ – राधा, दीपा, ख़ुशी, रौशनी है | आरोपी संतोष शुक्ला उर्फ़
पप्पू शुक्ला पुत्र श्री राम आधार शुक्ला ग्राम गरियांव के सवर्ण जाति के दबंग
व्यक्ति हैं और काफ़ी बड़े काश्तकार हैं | संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला वर्तमान
में होमगार्ड के पद पर मुंगराबादशाहपुर थाना में ही नियुक्त हैं और जो ऊँची
विरादरी का और पुलिस की वर्दी का रौब दिखा कर गरीब वंचित लोगों को प्रताड़ित करता
है | राजगीर मिस्त्री तूफानी मुसहर ने संतोष के घर में प्लास्टर का काम किया था,
काम समाप्त होने के बाद जब संतोष शुक्ला से तूफानी मुसहर ने अपनी नौ सौ
रूपये (900/-) बकाया मजदूरी माँगी तो वो टाल गए |
इसी तरह कई बार मजदूरी माँगने पर संतोष शुक्ला उसे बार-बार टालते रहे और माँ-बहन
की भद्दी-भद्दी गाली देने लगते | 5 सितम्बर 2015 को भी तूफानी ने संतोष के घर जाकर
अपनी मजदूरी फिर से मांगी, लेकिन उस दिन भी उन्होंने उसकी मजदूरी देने से मना कर
दिया | उसी दिन रात करीब नौ बजे संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर के घर आये और तूफानी से बोले की
पिछली सारी बातें भुला दो चलो जन्माष्टमी का मेला देखने चलते हैं वापसी में
तुम्हारे बकाया पैसे भी दे दूँगा । रात करीब 1 बजे जब संतोष और तूफानी
जन्माष्टमी का मेला देखकर वापस लौट रहे तो रास्ते में नहर की पुलिया के पास संतोष
ने बाइक रोक दी । यहां संतोष के अन्य दो दोस्त पुटटन सरोज और पप्पू सरोज पहले
से ही वहां मौजूद थे । वहां पहुँचते ही बाइक रोकने के साथ जैसे संतोष का रूख ही
बदल गया | संतोष सहित उसके दोस्तों ने तूफानी मुसहर को अचानक बुरी तरह
मारने पीटने लगे और जातिसूचक गालियाँ देते हुए बोले कि, साले मुसहर तेरी इतनी औकात
हो गयी है कि तुम हमलोगों से तगादा करने लगे हो बहुत चलती है तुम्हारी जुबान आज
इसे काट ही देते हैं | यह कहते हुए तीनों मिलकर जमीन पर गिराकर लात-घूसों से और
बुरी तरह पिटाई करने लगे | इसी बीच पुटटन सरोज और पप्पू सरोज ने तूफानी मुसहर को
पकड़ लिया और संतोष शुक्ला ने रिवाल्वर दिखाकर तूफानी को जान से मार देने की धमकी
देते हुए कहा कि चिल्लाओगे तो तुरन्त गोली तुम्हारे सीने में उतार दूंगा | यह कहते
हुए एक छोटा सा तेज धार वाला चाक़ू निकालकर तूफानी की जीभ पकड़कर खींचते हुए बीच से
फाड़ दिया और तूफानी को उसी हालत में तड़पते छोड़कर भाग निकले | तीनों ने मिलकर
तूफानी को इतनी बुरी तरह पीटा था कि उसके आगे के तीन दांत टूट गये चेहरे में भी
काफी गंभीर चोट आई | थानाध्यक्ष महोदय ने
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर भी कोई कदम नही उठाया नहीं FIR दर्ज की गयी ना ही पीड़ित का मेडिकल परिक्षण हुआ | अंत में
चिकित्सीय सहायता के लिए पीड़ित के परिवार ने पीड़ित को एक प्राइवेट डाक्टर को
दिखाया जहाँ तूफानी के जीभ में दस टांके लगाये गए | 12 सितम्बर, 2015 को मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री भारत
सरकार और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से लिखित शिकायत की है । इसके बावजूद अभी तक
जौनपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है । इस कारण दबंग के
हौसले और बुलंद हैं और पीड़ित अपना घर-बार और बाल-बच्चों को छोड़कर दूसरी जगह रह
रहा है । इस घटना में कोई क़ानूनी पहल न करने के लिए पीड़ित कि माँ को लगातार धमकी
दी जा रही है | जबकि मुंगराबादशापुर थाना द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कोई
कार्यवाही नही किये जाने से उनके हौसले बुलंद हैं |
पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, के निर्देशों
के बाद भी थाना मुंगराबादशाहपुर में आज तक घटना की प्राथमिकी (एफ०आई०आर०) दर्ज नही
की गयी | जिससे थानाध्यक्ष पर आरोपियों का गहरा प्रभाव और थानाध्यक्ष द्वारा कानून
के उल्लंघन और अपने वरिष्ठों के निर्देशों की अनदेखी करना आरोपी और थाना के गठजोड़
को स्वयं उजागर कर रहे हैं | थाना मुंगराबादशाहपुर बिना मुकदमा दर्ज किये ही इस निष्कर्ष पर पहुंच
गया है कि पीड़ित को चोट लगी है उसकी पिटाई नही हुई और ना ही जीभ काटी गयी है |
अत: इस मामले में अविलम्ब उचित क़ानूनी कार्यवाही करते हुए जांच-पड़ताल
उपरान्त विभिन्न महत्वपूर्ण धाराओं में आरोपियों के खिलाफ़ कार्यवाही किया जाए | पीड़ित के साथ न्याय किया जाये |
उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि –
1- आरोपियों के खिलाफ़ महत्वपूर्ण गंभीर धाराओं के साथ SC/ST अधिनियम के
अंतर्गत भी मुक़दमा दर्ज किया जाए और तत्काल आरोपी व
दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही अविलम्ब किया जाय |
2- पीड़ित व उसके परिजनों की आरोपियों से सुरक्षा प्रदान किया जाए |
3- यातना पीड़ित व उसके परिवार को पुनर्वास हेतू 10 लाख रुपया मुआवज़ा प्रदान
किया जाए |
4- इस महत्वपूर्ण व संवेदनशील केस को किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी
सी०बी०आई०/सी०बी०आई०डी० से कराया जाए |
भारत सरकार से अनुरोध है कि –
1- राज्य सभा में लंबित PTB/UNCAT को अविलम्ब लागू किया जाए |
2- यातना व संघठित हिंसा रोकथाम के लिए मज़बूत क़ानून बनाया जाए |
3- पुलिस सुधार की सभी संस्तुतियों को अविलम्ब लागू किया जाए |
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see the following link :
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धन्यवाद
आपका
अपना
कृपया आप सभी मित्रो
से निवेदन है कि कृपया इस न्याय की लड़ाई को जारी रखने और न्याय दिलाने हेतु कृपया निम्न
पते पर अपना पत्र भेजें
या ईमेल करें :
1. Mr. Akhilesh Singh Yadav,
Chief Minister
Chief Minister's Secretariat, Lucknow
Uttar Pradesh - INDIA
Fax: + 91 522 223 0002 / 223 9234
2. Chairperson,National Commission for
Scheduled Castes
5th Floor, Lok Nayak Bhawan, Khan Market
New Delhi 110 003INDIA
Fax + 91 11 2463 2298
3. The Prime Minister
Government of India,
Prime minister office,
New Delhi - 110101 - INDIA
4. Chairperson, National Human Rights
Commission
Manav Adhikar Bhawan Block-C,
GPO Complex, INA, New Delhi, Delhi 110023
5. The Registrar
Supreme court of India,
Tilak Marg, New Delhi - 110001 - INDIA.
6. District Magistrate,
Jaunpur - Uttar Pradesh – 222002, India.
7. Ministry of Labour and Employment
Minister Labour and Employment,
120, A-Wing, Shram Shakti Bhawan,
New Delhi-110001 INDIA
Tel: +91 11 2371 0240/ 2371 751
8. Superintendents of Police
Jaunpur- Uttar Pradesh – 222002, India.
9. Director General of Police
1-B.N., Lahari Marg / Tilak Marg,
Lucknow - 226001 - Uttar Pradesh - INDIA
10. Shri Atul, IPS
Commandant General Home Guards
Jail Road, Lucknow- 226 005 (Uttar Pradesh)
0522- 2451388(O)/0522- 2451412(O)
Please
see the following link :
http://www.pvchr.net/2015/09/blog-post.html
http://beyondheadlines.in/2015/09/threat-to-kill/
https://www.saddahaq.com/the-first-assault-on-labor-demand-then-tried-to-bite-the-tongue-now-threatens-to-kill
http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx?noredirect=true
Please watch video :
https://www.youtube.com/watch?v=7-8hwfU4dt0
Urgent
Appeal Desk (pvchr.india@gmail.com
)
Peoples'
Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)
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Telephone - +91-5422586688,
Cell. - +91 –
9935599333.
E
mail – pvchr.india@gmail.com
Website – www.pvchr.asia