Thursday, July 26, 2018

Urgent Appeal: उत्तर प्रदेश मे घर से बेघर कर, बच्चे, वृद्ध, महिला, और पुरुष को अमानवीय तरीके से मारने पीटने के सम्बन्ध मे


उत्तर प्रदेश मे सोनभद्र जिले के चुर्क थानान्तर्गत चुर्क बाजार का दक्खिन टोला मे वन विभाग की पुलिस द्वारा बिना नोटिस के घर गिराकर उन्हें घर से बेघर कर, बच्चे, वृद्ध, महिला, और पुरुष को अमानवीय तरीके से मारने पीटने के सम्बन्ध मे-

4 मई, 2018 को मानवाधिकार जननिगरानी समिति की प्रशिक्षित मनोसामाजिक कार्यकर्ता की टीम पीडितो को टेस्टीमोनियल थेरेपी द्वारा सम्बल और मनोसामाजिक सहायता देने पहुची|  इससे पहले समिति के सोनभद्र जिला प्रभारी घटना का फैक्ट- फाइंडिंग और मौका का जायजा लिया था| वही घटना के बाद 15 दिन तक विस्थापित लोग को सुशील त्रिपाठी जन मित्र शिक्षण केंद्र पर  अल्पकालिक आश्रय दिया गया|

तथ्य विवरण

सोनभद्र जिले मे मकान न० 291 वार्ड न० -5 पोस्ट चुर्क बाजार जिनकी जनसंख्या लगभग 200 के आस पास 35 घर के लोग कई पुश्तो से इस बंजर जमीन खाता संख्या 00387 पर अपना घर बनाकर निवासरत थे उन्होंने मेहनत मजदूरी से अपनी गृहस्थी बसा ली थी |
बिना नोटिस दिये अचानक 4 सितम्बर 2017 को वन विभाग की पुलिस इनकी बस्ती मे जे.सी.बी के साथ आई और आकर गैर -कानूनी तरीके से तोड़ फोड़ करने लगी जब इसका विरोध समुदाय के लोगो ने किया तो वन विभाग की पुलिस गाली गलौज करने व अभद्रता पर उतर गयी सबसे ज्यादा अफ़सोस की बात यह है की बूढ़े, बच्चे, महिलाये और पुरुष सभी को बुरी तरह से मारा पिटा गया और अभद्र व्यवहार किया गया| वे लोग अपने साथ सभी के घर से सामान तक उठा ले गये जब समुदाय के लोगो ने इसका विरोध किया तो लोगो के अन्दर दहशत पैदा करने के लिये कुछ लोगो को जेल भेज दिया|
जबकि बस्ती के पास बहुत सारे लोग है जो बंजर जमीन पर पुश्तो से दुकान, घर पर काबिज है पर पुलिस और वन विभाग से उनको नहीं हटाया| वहा रहने वाले सभी निवासियों का उसी पते का निवास प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड सहित सभी दस्तावेज में वहीं का पता दर्ज है | कुछ लोगो का नाम कुटुंब रजिस्टर मे भी अंकित है |

पुलिस वालो ने घर से बेघर कर घनघोर जंगल की और खदेड़ दिया: ग्यास जान उम्र -52 वर्ष पुत्र श्री सजब निवासी- ग्राम- चुर्क बाजार, थाना- राबर्सगंज सोनभद्र का रहने वाला हूँ|  

4 सितम्बर, 2017 शाम को 13 थाना की पुलिस मेरे टोले मे आयी, मैंने सोचा की हो सकता है किसी मामले मे आये होगे गाँव मे जब बुलडोजर देखा तो मै चौक गया की ऐसी कौन सी बात है जो पुलिस वाले अपने साथ बुलडोजर भी लेकर आये है|

वो लोग आते ही तोड़ फोड़ शुरू कर दिये तब मैंने हिम्मत जुटाकर पूछा की साहब क्या बात है जो हम लोगो के मकान को आप बुलडोजर लगा कर क्यों गिरा रहे है इतना सुनते ही पुलिस वाले लाठी -डंडे से बेरहमी से मारने लगे और हमको उठाकर जमीन पर पटक दिये जिससे मेरे पीठ मे गिट्टी धस गया|  मै बहुत तेजी से चिल्लाया पर पुलिस वालो को जरा सा रहम नही आया मेरे ऊपर मै उस समय बहुत मजबूर था मै सिर्फ पुलिस का मार खाता रहा और चिल्लाता रहा|

पुलिस वाले बड़ी बेरहमी से मेरा घर बुलडोजर से तोड्वा दिये जिसमे घर का सारा सामान दब गया और जितना कीमती सामान था सब उठा ले गये और घर मे रखे हुये राशन को बाहर फेक दिये और मुर्गा का बच्चा व बकरी का बच्चा दबकर मर गया, मै पुलिस वालो का हाँथ पैर जोड़ता रहा पर पुलिस वालो को मेरे लिए कोई रहम नही आया, मेरा सब कुछ लुट गया हमे पुलिस वाले माँ बहन की भद्दी -भद्दी गाली देते हुये घसीटकर रोड पे ला दिये और रोड पे लाठी से मारने लगे मै उस समय हाँथ जोड़कर दुहाई देता रहा पर पुलिस वाले मुझ निहायत गरीब की बात एक न सुने मै व मेरे परिवार वहाँ से 10 किलोमीटर दूर घर से घनघोर जंगल मे चले गये पुलिस वाले सुबह का आये हुये थे शाम को 8 बजे गाँव से गये पर एक भी घर को नही छोड़ी पुलिस वालो ने सब घर बुलडोजर से गिरा कर शमशान बना दिये और वहाँ से हमे खदेड़ कर जंगली जानवर समझकर हमे जंगल मे हांक दिये घनघोर जंगल मे जाकर दर -दर भटक कर ठोकरे खा रहे है| जब पुरुआ हवा जब चलता है तो पुरे शरीर मे बहुत तेज दर्द होता है और हाँथ पैर कापने लगता है| जंगली जानवर से भी डर लगता है पर मेरी मजबूरी है की मै घनघोर जंगल मे रात दिन किसी तरह बिता रहा हूँ |

पुलिस वालों का खौफ इस तरह बैठ गया लोग काम पर जाना छोड़ दिए: सजब मेरा उम्र लगभग 60 वर्ष है मेरे  परिवार में चार लड़के तीन लड़कियां है मैं ग्राम चुर्क मकान न०-291 वार्ड न०-5 पोस्ट- चुर्क  बाज़ार जिला -सोंनभद्र का रहनें वाली  हूँ|  मैं आज भी बनी मजदूरी करके अपने बच्चों के सहयोग से परिवार चला रही हूँ |

पुलिस वालों ने भद्दी भद्दी गाली देते हुये  बोले  की यह जमींन यहाँ छोड़कर भाग जाओ पुलिस वालों की बात सुनकर हम सारे बस्ती के लोग उनके पैरों पर गिरकर दया की भीख मांगने लगे | पुश्तो से जिस जमींन पे अपने लहू पसीने से सींच कर जो घर बनवाई हम लोग कहा जायेंगे इतना कहते ही पुलिस वालों ने जबरदस्ती औरतों व बच्चियों का  हाथ पकड़ते हुए बेरहमी से घसीटते हुए घर से बाहर निकाल दिए|

उस समय हम लोग गुहार लगाते रहे सभी औरते बच्चे बिलखकर रो रहे थे | पुलिस वालो को उनके  आंसू पे भी रहम नही आया | वह बुलडोजर बुलवाकर पुरे घर को एक तरफ से वीरान करना शुरु कर दिये|यह देखकर हम लोगो का कलेजा बैठ रहा था | कई औरतों को चोट भी लगा व प्रसाशनिक विभाग को जरा सा रहम नही आया | हम लोग जो बनी मजदूरी करके जो अनाज बर्तन घर में रखे थे उसे भी उन लोगो ने तोड़ फोड़ दिया सारा अनाज बच्चों की किताबे व घर के और सामान सब कुछ बर्बाद कर दिया | मुझे भी चोट लगी मै भी दर्द से कराह रही थी फिर भी उनको मुझ पर  दया नही आयी |वहा से सांकल भठवा  टोला (जंगल) में परिवार ले कर गयी  वहा पुलिस वालों की खौफ  थी  वहाँ  भी हम लोगों को सिर छुपाने  की जगह नही मिल रही थी किसी तरह झुग्गी झोपडी बनाकर अपना जीवन गुजार रहे थे की वहाँ भी पुलिस वालों की लाठियों की कहंर टूट पड़ी| उनकी मार से मेरे अब्बा जौहर की मौत हो गयी | उससे हम लोग बिलकुल टूट गये|

पुलिस वालों का खौफ इस तरह बैठ गया लोग काम पर जाना छोड़ दिए पता नही हमारे जाने के बाद हमारे परिवार का क्या हाल होगा डर से रात में नींद  नही आती भूख नही लगता| पानी काफी दूर से लाना पड़ता |कभी कभी कभी बिना खाये सो जातें थे जब बच्चे भूख से कराहते थे तो आँख से आंसू निकल पड़ता था उनके दर्द को बर्दास्त नही कर पाते थे यहाँ  तक की हम लोग कोई सामान बाज़ार से भी नही ले पाते थे | पुलिस वालों का बहुत बड़ा डर था कि कही हम लोगों पे फर्जी केस  लगाकर थानें में बंद न कर दे आज भी हम लोग असुरक्षित है| हमारे पास रहने को घर नही है | हम लोग किस तरह अपने परिवार के साथ  सुनसान जंगल व खतरनाक जानवरों के बीच अपना जीवन बिता रहें हैं| यह खुदा ही जानता है |

ताबड़ तोड़ पुलिस वालो ने लाठी डंडा से मारते हुये घर से बेघर कर घनघोर जंगल की ओर खदेड़ा  चुर्क गाँव के 35 घरो मे पुलिस के खौफ से लोग घर से बेघर हो गये साथ ही इमाम पिता मोहम्मद को भी पुलिस वालो ने तोड़ फोड़ करते हुये भद्दी -भद्दी गालिया देते हुये लाठी डंडे से इतना बेरहमी से मारे इमाम का दाया हाँथ टूट गया व घुटना मे भी बहुत चोट आ गया पुलिस की मार से आज तक इमाम अपाहिज हो गया घर से बेघर होने का दर्द व शरीर से अपाहिज होने का दर्द लोग सहने मे अक्षम हो गये इस समय अपने परिवार बच्चो को लेकर लोग खुले आसमान के निचे दर से बेदर भटक रहे है |यहा तक की प्रशासन ने इतनी हदे पार कर दी लोगो के पास मरहम तक नही था लगाने के लिये कई दिनों तक लोग भूखे प्यासे मरते रहे कई बच्चे भूखे मर गये यहा तक की लोग पानी भी पिने के लिये तडपते है आज समुदाय के लोग इस हालत मे जी रहे है प्रसाशन ने अपनी बड़ी चालाकी से साजिस चुर्क बस्ती के लिये की है इस तरह लोगो को घर से बेघर कर मारने के लिये ताकि लोग तडप-तडप कर मर जाये और प्रशासन बेदाग बच जाये इस घटना से करीब 35 घर प्रभावित हुये है

कृपया निम्नवत पते पर निम्नवत माँगो पर पत्र प्रेषित करे:
1 मामले का उच्च स्तरीय जाच स्वतंत्र एजेंसी या CBCID द्वारा करवाया जाय
2. पीड़ित परिवार को मुआवजा एवं विस्थापित परिवार का पुनर्वासन किया जाय

पता:
श्रीमान् अध्यक्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
मानव अधिकार भवन,
ब्लाक-सी.जी.पी.ओ. काम्पलेक्सआई.एन.ए.
नई दिल्ली -110023

मुख्यमंत्री
उत्तरप्रदेश सरकार
लाल बहादुर शास्त्री भवन
लखनऊ -226001

पुलिस महानिदेशक
1 बी० एन० लाहिरी मार्ग, तिलक मार्ग
लखनऊ -226001

PVCHR urgent appeal desk (pvchr.india@gmail.com)
#PVCHR #displacement #u4humanrights  

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