Saturday, August 08, 2020

Use of alternative digital medium during COVID 19

 

I liked reading this report. There is a lot of takeaways. Thank you for bringing innovation in our work. Good to see use of technology by JMN in connecting project team, community and stakeholders during this pandemic. "

Note of Lenin Raghuvanshi on report prepared by Shruti Nagvanshi

Use of alternative digital medium during COVID 19

वैकल्पिक मिडिया यथा वाट्सएप, रेडियो, अन्य डिजिटल मंच का उपयोग

वाट्सएप का परिणाम आधारित उपयोग के सन्दर्भ में

कोविड19वैश्विक महामारी में वाट्सएप के उपयोग के सन्दर्भ मेंपरियोजना टीम ने मीटिंग में अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि, यदि आज हम वाट्सएप का उपयोग करना नही जानते तो लाकडाउन में इतना प्रभावशाली काम नही कर पाते और समुदाय को समय से राहत नही मिल पाता | वास्तव में वाट्सएप के द्वारा परियोजना टीम आपस में लगातार सम्पर्क में रही, कोरटीम द्वाराउन्हें लगातार दिशानिर्देश दिया जाता रहा, टीम अपने किए गए कार्यो का अपडेट भी समय-समय पर भेजती रही साथ ही किसी प्रकार की समस्या एवं चुनौतीयों को भी साझा करती रही | जिसके सन्दर्भ में प्रोजेक्ट होल्डर, क्वाडनेटर एवं एड्वोकेसीक्वाडनेटरद्वारा अपने-अपने अनुभव के आधार पर हस्तक्षेप करते हुएत्वरित सुझाव दिया जाता रहा |विदित हो की कोविड19 के सन्दर्भ में विभिन्न प्रकार के शासनादेश विशेषकरमहामारी अधिनियम 1897, खाद्य एवं रसद विभाग के शासनादेश, लाकडाउन के निर्देश, विभिन्न समाचार अपडेट्स आदि समय-समय पर वाट्सएप के माध्यम से प्राप्त होते रहें जो टीम तक भी पहुंचाया जाता रहा |वंही लाकडाउन से प्रभावित वंचित परिवारों, प्रवासियों, सरकारी अधिकारीयों, कर्मचारियों,नागर समाज, जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क का स्रोत रहा |वास्तव में   टीम में सभी वाट्सएप फ्रेंडली हैं समय-समय पर सभी को प्रोत्साहित करते हुए पिछले काफी वर्षो से उन्हें इस सन्दर्भ में सक्रिय किया गया था, एक मात्र यही कारण था कि जिससे राहतकार्य मानक अनुरूप एवं आकस्मिक जरूरत के समय में समय से संचालित हो पाया |

A.      परियोजना गतिविधियों सहित कोविड19 सुरक्षा सम्बंधी योजना निर्माण, रिपोर्टिंग एवं दिशानिर्देशन ----

·         22 मार्च जनता कर्फ्यू के शाम को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा23 - 25 मार्च को प्रदेश के 17 जिले में लाकडाउन का घोषणा कर दिया गया था, अत: 23 मार्च कोटीम को वाट्सएप के माध्यम से निर्देश दिया गया था कि, चूकिं लाकडाउन के पालन में हम सभी को घर से बाहर नही निकलना है, लेकिन इस समय वंचित समाज को हमारी जरूरत पहले से कंही अधिक है अत: सभी टीम मेम्बर्स अपने-अपने डायरी, सर्वे रजिस्टर, मोबाईल जिनमें भी लक्षित समुदाय का मोबाईल नम्बर दर्ज हो घर बैठकर उन नम्बरों पर बात करके उन्हें लाकडाउन के निर्देशों के पालन, कोविड19 महामारी के संक्रमण,बार-बार हाथ धुलने, शारीरिक दुरी बनाए रखने आदि के सन्दर्भ में जानकारी देवें |

·         निर्देशानुसार जानकारी देने के दौरान ही टीम को समुदाय के अनाज संकट से जूझने की जानकारियां मिलने लगी वंही कमाई बंद हो जाने के कारण साबुन के अभाव की समस्या भी संज्ञान में आया | जिस पर बार-बार हाथ धुलने के लिए वाशिंग पाउडर का घोल एक प्लास्टिक बोतल में बनाकर समय-समय पर बच्चे एवं परिवार के सदस्य प्रयोग करते रहें ऐसा सुझाव दिया गया |

·         लाकडाउन के दौरान जब संस्था कार्यकर्ता लक्षित कार्यक्षेत्र में नही पहुंच सकते थे, ऐसे में उन्होंने संस्था द्वारा तय योजना अनुसार राहत सामग्री यथा अनाज, तेल-मसाला, सब्जी, साबुन, मास्क आदि पैरवी करके समुदाय को उपलब्ध करवा पाए, उन सभी का फोटो प्रमाण हेतु वितरणकर्ता से

आग्रह करके अपने मोबाईल नम्बरों पर मंगवाया जिससे राहत वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच पाया यह सुनिशिचित हो पाया | जिसे समय-समय पर रिपोर्ट सहित सोशल मिडिया में साझा किया गया | 

 

B.      कोविड19 महामारी सम्बंधी समाचार अपडेट्स तक टीम की पहुंच एवं उनका प्रसार ---

 

·         कोविड19 का पश्चिमी देशों में संक्रमण की स्थितियों पर टीम के सोशल मिडिया फ्रेंडली मेम्बर्स वाट्सएप के माध्यम से आ रही जानकारियों पर मार्च महीने के शुरुआत से ही निगरानी रखे हुए थे, यह तथ्य तब उभरकर सामने आया जब 9 मार्च को जर्मनी से आए दो विजिटर हेनरिक और पीटर से टीम के सभी मेम्बर्स ने स्वयं पहल करते हुए हाथ जोडकर अभिवादन किया, किसी ने भी हाथ नही मिलाया | 11 मार्च को हेनरिक और पीटर रायतारा पिंडरा विजिट के लिए जब फिल्ड गए तब भी फिल्ड के टीम मेम्बर्स ने हाथ मिलाने से पहले ही हाथ जोडकर अभिवादन किया |

 

·         17 मार्च से सोशल मिडिया पर आ रहे कोविड19 के सम्बंध में विस्तृत जानकारियां यथा- बीमारी का संक्रमण, लक्षण, प्रसार एवं बचाव व सुरक्षा सम्बंधी वीडियो एवं सूचना सामग्री (IC), अख़बार में प्रकाशित होने वाले खबर सहित पश्चिमी देशों में संक्रमण के प्रसार की सम्बंधी स्थितियों की सूचनाएं साझा किया जाने लगा जिससे टीम को जानकारी उपलब्ध हो पाए |

 

·         महामारी अधिनियम 1897 के सन्दर्भ में 17 मार्च 2020 को कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट, वाराणसी द्वारा निर्गत आदेश को एक्टविस्ट सुश्री. संध्या द्वारा ग्रुप में पोस्ट किया गया जिससे टीम मेम्बर्स शासन-प्रशासन द्वारा जारी निषेधाज्ञा से अवगत होकर उनका पालन करें |( आदेश लिंक देखें )

 https://drive.google.com/drive/folders/14P7aCM8Jm18670e7h5KC-CTRDb5vzIL5?usp=sharing

 

·         25 मार्च से सम्पूर्ण देश में लाकडाउन की धोषणा के बाद निश्चित रूप से सभी विभिन्न प्रकार के मनोदशाओं से घिर गए थे | बेहद असमंजस कि स्थिति थी क्योंकि अब लम्बी अवधी के लिए लाकडाउन था | किसी के पास इस प्रकार का कोई पुर्व अनुभव नही था ऐसे में किस प्रकार काम किया जा सकेगा यह स्वयं में बड़ा प्रश्न था |लेकिन इस परिस्थिति में भी टीम के वाट्सएप फ्रेंडली होने से काम आसन हो गया | वे “Work from Home” (घर से काम) कर सकते थे | उन्हें एक बार फिर निर्देश दिया गया कि, सभी मेम्बर्स अपना मोबाईल सस्ते प्लान के साथ रिचार्ज रखें एवं बैटरी भी चार्ज रखें एवं वाट्सएप ग्रुप से बराबर अपडेट रहते हुए पुर्व योजना अनुसार काम करते रहें | (पुर्व योजना-सभी टीम मेम्बर्स अपने-अपने डायरी, सर्वे रजिस्टर, मोबाईल जिनमें भी लक्षित समुदाय का मोबाईल नम्बर दर्ज हो घर बैठकर उन नम्बरों पर बात करके उन्हें लाकडाउन के निर्देशों के पालन, कोविड19 महामारी के संक्रमण, बार-बार हाथ धुलने, शारीरिक दुरी बनाए रखने आदि के सन्दर्भ में जानकारी देवें |)

 

C.      अनाज संकट का सामना कर रहे परिवारों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराना एवं अन्य तात्कालिक मुद्दों की पैरवी----

 

·         श्री. ओमप्रकाश वर्मा विशेष सचिव ऊ० प्र० शासन के द्वारा 24 मार्च 2020 को सभी जिलाधिकारी को शासनादेश जारी करके अन्तोदय ग्रामीण क्षेत्र, अन्त्योदय शहरी क्षेत्र, मनरेगा जाबकार्ड धारक, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को एक माह का निःशुल्क राशनएवं दिहाड़ी मजदूर जिनके पास राशनकार्डनही है उनका राशनकार्ड बनाए जाने का आदेश दिया गया |25 मार्च को इस आदेश की जानकारी वाट्सएप पर एक्टविस्ट श्री. विनोद कुमार द्वारा साझा किया गया | यह आदेश संज्ञान में आने के बाद टीम द्वारा अपने कार्यक्षेत्र के कोटेदारों से चर्चा किया जिनमें से कुछ नेइस प्रकार के आदेश की प्राप्ति और 26 मार्च से राशन वितरण करने का अपना प्लान बताया जबकि कई कोटेदारों ने इस प्रकार का कोई आदेश नही मिलने की बात कही | ( आदेश लिंक देखें )

https://drive.google.com/drive/folders/1DA2tDYk_hcw_UQ6cYJyzHJHIdbw0WFZZ?usp=sharing

  


    25 मार्च को लक्षित परियोजना क्षेत्र में बडागांव ब्लाक के निकट ग्राम कोईरीपुर में मुसहर परिवारों के अनाज संकट का सामना करने की खबर प्रमुख अख़बार में प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी वाराणसी के द्वारा त्वरित हस्तक्षेप एवं उपजिलाधिकारी तहसील पिंडरा द्वारा सभी सप्लाई इंस्पेक्टर को कोटेदारों द्वारा इस सुनिशिचित कराने का निर्देश दिया गया कि, सभी मुसहर या अन्य गरीब राशनकार्ड लाभार्थियों को कोटे की दुकान पर बुलाकर या उनके बस्ती में जाकर अगले महीने का आधा राशन निःशुल्क उपलब्ध कराते हुए उनकी सूची विभाग को उपलब्ध कराए, अन्यथा उनके विरुध विभागीय कार्यवाही किया जाएगा | इन आदेशों को वाट्सएप के माध्यम से ग्रुप में प्रसारित करके सभी लक्षित क्षेत्र में राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू कराया गया | इसी कारण 98% मुसहर परिवारों को 26 से 28 मार्च के बीच अगले महीने यानि अप्रैल महीने का एडवांस राशन मिल पाया जिससे समुदाय का अनाज संकट की चुनौतियां कम हुईं |

 

·         अत: एडवोकेसी क्वाडनेटर श्री. मंगला प्रसाद द्वारा उपजिलाधिकारी (SDM) (तहसील- पिंडरा, राजातालाब, सदर), तहसीदार, क्षेत्रीय सप्लाई इंस्पेक्टरके मोबाईल नम्बर विभागीय साइड से सर्च करके टीम को इस निर्देश के साथ उपलब्ध कराया गया कि, इन नम्बरों को समुदाय को बोलकर लिखवाया जाय या समुदाय में जिनके पास स्मार्टफोन हैं उन पर भेजा जाए, औरसमुदाय स्वयं SDM और तहसीलदार एवं सप्लाई इंस्पेक्टर को काल करके राशन दिलाए जाने की मांग करें और टीम समुदाय को प्रेरित करके उनसे जो भी जानकारी मिले उसका अपडेट ग्रुप में देते रहें जिससे जरूरत पड़ने पर उन्हें सुझाव दिया जा सके |

·         26 मार्च को सूचना के अनुसार बडागांव, पिंडरा, हरहुआ, अराजीलाइन ब्लाक के केवल उन ग्रामों में राशन वितरण शुरू हुआ जंहा से समुदाय द्वारा राशन की मांग के लिए कॉल किया गया था |जानकारी के अनुसार जिन स्थानों पर राशन की मांग SDM, तहसीलदार या सप्लाई इंस्पेक्टर से नही हुआ उन स्थानों पर 1 अप्रैल से राशन मिलना शुरू हुआ जैसे बजरडीहा और बघवानाला आदि | जबकि समुदाय द्वारा कॉल करना इतना सहज नही था वंही कॉल आसानी से कनेक्ट नही हो रहे थे | जिससे समुदाय के लोग अगुआ कई बार निराश भी होजा रहे थे ऐसे में टीम द्वारा कॉल उनको प्रेरित किया गया |

 

·         समुदाय की चुनौती कोविड19 से कंही बढ़कर खाद्य असुरक्षा थी जो टीम द्वारा उनसे की बातचीत के दौरान प्रकाश में आया, संस्था का पुर्व कार्यानुभव भी कुछ ऐसा ही था कि, रोज कुंआ खोदने और रोज पानी पीने वाले परिवारों के लिए यह खाध्य असुरक्षा का समय था संस्था बेहद चिन्त्तित थी | ऐसे में समुदाय के मदद के लिए पूरी टीम हमेशा तत्पर रही | खाद्य असुरक्षा से बचने के लिएग्रोसरी दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ने की खबरें देश भर से आने के कारण ऐसा पूर्वानुमान हुआ कि,राशन वितरण के समय कोटे के दुकानों पर कंही भारी भीड़ उमड़ पड़ेगा और ऐसी स्थिति में उनके ऊपर भीड़ लगाने का दोषारोपण करते हुए कोटेदार राशन वितरण से मना ना कर देवें | क्योंकि शुरूआती दौर में कोविड संक्रमण का डर शिक्षित तबके में बहुत अधिक था | अत: टीमकोअख़बार में प्रकाशित महाराष्ट्र की बेस्ट प्रेक्टिस की फोटो को वाट्सएप के माध्यम से ग्रुप में भेजा गया और बताया गया कि, वे लक्षित समुदाय के कोटेदारों को वाट्सएप नम्बर पर भेजकर उन्हें भी गेरू, चूना या पक्के फर्श पर चौक/खड़िया से ऐसा घेरा बनाकर दूरी बनाकर ही राशन वितरण करें और अपनी तरफ से साबुन पानी का बाल्टी भी रखें | हालांकि शासन से फिंगर प्रिंट नही लेने का छूट कोटेदारों को दिया गया था | समुदाय के अगुआ के फोन नम्बर पर कॉल करके समुदाय को भी दुरी बनाते हुए राशन लेने का सुझाव दिया गया | कोटेदारों से ऐसे प्रयास के फोटो भी वाट्सएप पर टीम द्वारा माँगा गया जो जंहा भी सम्भव हो पाया उनके द्वारा भेजा गया जिससे यह सुनिश्चित किया जा सका की दिया गया सुझाव व्यवहार में लाया गया |विदित हो कि, इस सन्दर्भ में सरकारी GO 30 मार्च को आया जब तक परियोजना क्षेत्र में यह व्यवहार में लाया जा चुका था |( आदेश लिंक देखें )

https://drive.google.com/drive/u/0/folders/1QQehL1YOeH1SK7MsSKwuuKXjoJXYwQNR


 

 

 

·         जनमित्र न्यास की टीम न केवल वाराणसी बल्कि जौनपुर एवं सोनभद्र जिले, सहित लाकड़ाउन के कारण उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे हुए छतीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों एवंखाद्य असुरक्षा झेल रहे परिवारों के साथपुर्वनिर्धारित तय कार्यविधि के अनुसार वाट्सअप से सूचना यथा पीड़ितों की सूची, स्थान जंहा वे रुकें या फंसे हुए हैं, उनकी जरूरत की स्थिति आदि सभी जानकारी विस्तार से प्राप्त करते हुए त्वरित राहत के उन तक पहुंचाया गया जो राहत प्रदान कर सकते थे और ऐसे केशों का फालोअप भी किया गया | उदाहरनार्थ जो फंसे हुए थे या किसी भी कारण से खाद्य संकट झेलने को विवश थे उन जरुरतमन्द व्यक्तियों की सूची एवं अन्य जरूरी जानकारी वाट्सअप के माध्यम से प्राप्त करते हुए पुलिस प्रशासन नम्बर 112, नागर समाज, संस्था, संगठन,ऐसे दानदात्री संस्था जो कच्चा या पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहे थे उन तक पहुंचाकर उनके लिए पैरवी करते हुए खाद्य सामग्री, साबुन, तेल-मसाला आदि का राहत उपलब्ध कराया गया |

·         उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के द्वारा जरुरतमन्द परिवारों का राशनकार्ड बनाया जाय इस घोषणा के पुर्व ही संस्था द्वारा काफी लोगों का राशनकार्ड बनाए जाने की पैरवी ईमेल के माध्यम से किया गया | ऐसे जरुरतमन्द परिवारों की सूची संस्था को वाट्सएप के माध्यम से ही प्राप्त होता रहा जिसके बाद ईमेल से पैरवी किया गया, संस्था द्वारा अब तक 500 परिवारों के राशनकार्ड की पैरवी किया गया है जिनमें से कुछ का राशनकार्ड विभाग द्वारा बनाया जा चुका है वंही कई में विभागीय प्रक्रिया संचालित है |

·         सोनभद्र के प्रवासी मजदूर जो बागपत जिले और छतीसगढ़ राज्य के 3 जिलों के प्रवासी मजदूर जो लाकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिले में फंस गए थे उन सभी के वापसी की व्यवस्था के लिए विभिन्न स्तरों यथा CM पोर्टल, पर पैरवी के साथ ही ट्विट किया गया |

  विदित हो कि जनमित्र न्यास में संचालित चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY) प्रोजेक्ट टीम का वाट्सएप ग्रुप नवम्बर 2016 से चाइल्ड राइट्स टीमके नाम से संचालित हैं, जिसमें इस प्रोजेक्ट के सभी साथी जुड़ें हैं | ग्रुप में कुछ साथी शुरूआती समय से वाट्सएप फ्रेंडली रहें हैं कुछ विभिन्न चुनौतियों के कारण दुरी बनाएं हुए थे लेकिन समय-समय पर दुसरे साथियों के प्रोत्साहन से सभी साथी वाट्सएप पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने लगे थे | यही वजह है कि, हम परियोजना की गतिविधियों पर पैनी नजर रख पाते हैं जिससे कम समय में त्वरित दिशा निर्देशन के कारण प्रभावशाली परिणाम प्राप्त हो पाता है | विदित हो कि, बंदायूं चाइल्ड लाइन प्रोजेक्ट का सफल संचालन JMN मैनेजमेंट टीम के दिशा निर्देशन में संचालित है | संस्था में विभिन्न मुद्दों, उद्देश्यों एवं कार्यक्रम के लिए अन्य कई ग्रुप का गठन 2014 से संचालित है, जिससे काफी कम समय में सफलतापूर्वक कार्य संचालित किया जाता रहा है|

लाकडाउन में रेडियो एवं टीवी के माध्यम से जानकारियों की प्राप्ति को प्रोत्साहन

विशेषकर बडागांव एवं पिंडरा के ब्लाक के लक्षित परियोजना क्षेत्र टीम द्वारा समुदाय के साथ मोबाईल कॉल के द्वारा सम्पर्क के दौरान उन्हें रेडियो एवं टीवी पर समाचार सुनने के लिए प्रेरित किया गया, विदित हो कि, आज के समय में मोबाईल द्वारा मनोरंजन का प्रचलन अधिक है | मोबाईल में FM में समाचार सुनने की आदत बहुत कम ही है धीरे- धीरे रेडियों कंही विलुप्त हो गया है | जबकि मुसहर समुदाय में टीवी 4 – 5 परिवारों के बीच किसी एक परिवार में उपलब्ध है अत: उनके घर में सभी इकट्ठा होकर टीवी देखते हैं | ऐसे में समय में सूचना प्राप्त करने का मुख्य साधन टीवी ही था | लाकडाउन के समय टीम द्वारा समुदाय के जो नम्बर उपलब्ध रहे उन पर कॉल करके उन्हें महामारी से बचाव के लिए WHO एवं भारत सरकार के गाइडलाईन के अनुरूप दिशा निर्देश एवं सुझाव दिए गए जिनका पालन करना सुरक्षा के दृष्टि से अतिआवश्यक था | टीम द्वारा उनसे फालोअप के लिए बराबर कॉल किया गया साथ उनसे यह भी आग्रह किया गया कि वे लोग अपने आसपास के दुसरे परिवारों को भी यह सब बताएं अन्यथा किसी भी व्यक्ति के लापरवाही बरतने से परेशानी सभी को झेलना पड़ेगा |

समुदाय में कुछ लोग जो स्मार्टफोन का प्रयोग करते रहे उनके नम्बरों पर कोविड19 महामारी सम्बंधी जानकारियां यथा वीडियो, सूचना सामग्री, सरकारी अधिकारीयों के नम्बर आदि उपलब्ध कराया गया और कहा गया कि, वे दूसरों को भी सभी जानकारी अपने स्तर से देवें और सभी सुरक्षा बरते | फालोअप कॉल के दौरान समुदाय ने टीम को बताया कि, आप लोग जिस प्रकार हाथ धोने, मुंह ढककर बाहर जाने आदि के बारे में बता रहें हैं यही बात टीवी में भी बार-बार बताया जा रहा है |

केश स्टडी 1 ---

मारुडीह निवासीमुसहर समुदाय के राजेश पुत्र गुलाब और मालती पत्नी मुन्ना को पहले लाकडाउन के समय टीम मेम्बर विनोद कुमार द्वारा कोरोना संक्रमण के सन्दर्भ में जानकारी देने के लिए कॉल किया गया तब उन्होंने उनसे कोरोना महामारी की दवा के सन्दर्भ में जानकारी माँगा, विनोद द्वारा WHO एवं भारत सरकार की गाइड लाईन के अनुरूप दिशानिर्देशों के सन्दर्भ में विस्तार से बताया और समझाया गया | ये दोनों परिवार स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं अत: फालोअप कॉल में इनके द्वारा बताया गया कि, भैया आप जो कुछ बताए वही जानकारी टीवी में भी दे रहा है, जबकि मोबाईल में कई अफवाह की जानकारी आ रहा है जैसे धूप, गर्म पानी, अदरक से कोरोना खत्म हो जाएगा जबकि टीवी में साफ बता रहा है कि यह सब गलतफहमी है औरहाथ धुलाई, आपस में दुरी रखना मुंह ढककर रखना ही कोरोना का बचाव है |

 

केश स्टडी 2 ---

सलीम पुत्र स्व. जलालू मीराशाह फकीर बस्ती ब्लाक पिंडरा के निवासी हैं, जो पेशे से दर्जी हैं और  पुरुषों के कपड़ों की सिलाई करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं | सलीम पढ़े लिखे नही हैं लेकिन वे एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमेशा सक्रिय रहें हैं | पास पड़ोस के लोग कई मामलों में उनसे सलाह लेने आते रहते हैं | उन्होंने ग्राम विकास के कार्यों के कई मामलों में उत्तर प्रदेश के हेल्पलाइन 1076 पर मोबाईल काल से शिकायत भी दर्ज कराया है | अत: एक्टविस्ट संजय द्वारा लाकडाउन के समय उन्हें फोन इस उद्देश्य से किया गया कि, उनके मार्फत सूचनाओं का प्रसार जल्दी हो पाएगा पास पडोस के लोग उनसे राय भी लेते हैं, लोगों का उन पर विश्वास भी बना है | सलीम सिलाई के काम के दौरान अपना रेडियों हमेशा ऑन रखा करते हैं यह उनकी आदत में शुमार हैं | एक्टविस्ट संजय द्वारा सलीम को सुझाव दिया गया कि, भैया आप हमेशा रेडियो सुनते हैं तो आप कोरोना महामारी सम्बंधी जानकारी यथा संक्रमण से बचाव के उपाय, लाकडाउन पालन, सरकार की राहत धोषणाएं इत्यादि रेडियो से जानकारी प्राप्त करते रहे और पास पडोस के लोगों को देते रहे |फालोअप काल के दौरान बातचीत में यह जानकारी मिला की सलीम भाई द्वारा काफी लोगों को कोरोना महामारी, लाकडाउन एवं सरकारी घोषणाओं की जानकारी दिया जाता रहा जिससे समुदाय में जानकारियां समय से पहुंचती रहीं | सलीम द्वारा आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती एवं लेखपाल को फोन करके प्रवासियों के आने का खबर भी लगातार देते रहें | यह शुरुआत समय था जब प्रवासी बिना किसी प्रकार के जाँच और रजिस्ट्रेशन के घर वापस आकर रहने लगे थे |

जूमकॉल से जुडाव एवं उपयोग ----

जनमित्र न्यास में निदेशक और मैनेजमेंट शुरू से सोशल मिडिया फ्रेंडली रहे हैं और इनका उपयोग पैरवी के काम में करते रहें हैं | दुसरे लाकडाउन के बाद जमीनी स्तर पर कार्यरत सभी टीम मेम्बर्स ने इन माध्यमों के उपयोग को बहुत ही सहजता से लेते हुए Zoom Call पर meetings, Workshops पर भागीदारी किया, यह बहुत ही रोचक और उत्साहित करने वाला अनुभव रहा जब सोशल मिडिया, स्मार्टफोन, इंटरनेट से दूरी बनाकर रखने वाले साथी भी समय को देखते हुए तुरंत इस माध्यम का उपयोग करना आपने आसपास के युवाओं एवं बच्चों के सहयोग से सीख गए | कोविड19 के समय टीम नेSphere India, National media Confederation(NMC) New Delhi, एवं अन्यके द्वारा आयोजित Child Protection Needs and Psycho social Support to Children during covid-19,  Wash-Health Inter linkages Context of covid-19,  Role of Media Human Rights and Social Activities during Lockdown,  Gender   इत्यादि विषयों पर ऑनलाईन प्रशिक्षण लेते हुए परिप्रेक्ष्य का विकास करके सर्टिफिकेट प्राप्त किया |

DELHI PUBLICSCHOOLMHESANA के द्वारा आयोजित Zoom Workshop में उनके छात्रों से कोविड19 सुरक्षा सम्बंधी विषयों पर संस्था के निदेशकडा.लेनिन रघुवंशी से 16 मई 20 एवं मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी से 13 जून 20 को आमंत्रित किया गया |

 समाचार पत्रों के उपयोग को प्रोत्साहन ----

विदित हो कि लाकडाउन की घोषणा के साथ ही अख़बार/समाचार पत्रों के माध्यम से संक्रमण फैलने सम्बंधी भ्रम अफवाह व्यापक स्तर पर व्याप्त था जबकि आज भी कुछ लोगों के लिए सूचना प्राप्त करने का एक मात्र साधन दैनिक समाचार पत्र है | किन्तु इस सन्दर्भ में अफवाह के कारण कई लोग समाचार पत्रों को लेना बंद कर दिया था दुसरी तरफ प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने इस भ्रम को तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सहित विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तियों का फोटो समाचार पढ़ते हुए प्रकाशित करते रहे | ऐसे में एक्टविस्ट शोभनाथ द्वारा युवाओं को समाचार पत्रों को पढकर जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया | संस्था द्वारा भी ऐसी सूचनाओं को वाट्सएप पर फोटो खींचकर शेयर किया जाता रहा जिससे टीम की पहुंच सूचनाओं तक हो सके |

https://pvchr.blogspot.com/2020/07/glimpse-of-media-collaboration-with.html

 #JMN #CRY #PVCHR #COVID19 

No comments: