Friday, October 05, 2012

बन्धुआ मजदूरी मे फसे 56 लोंगो के मुक्त कराने के लिए – एक गश्त !


08 फरवरी, 2012 को मानवाधिकार जन निगरानी समिति, वाराणसी के मैनेजिंग ट्रस्ट्री सुश्री श्रुति नागवंशी के द्वारा कार्यलाय मे शीर्षक के सम्बन्ध मे छतीसगढ के किसी कार्यकर्ता द्वारा ई – मेल से भेजी गयी प्रार्थना – पत्र की प्रतिलिपि दी गयी, जिसमे “श्रीमान जिलाधिकारी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश को अनुसूचित जाति वर्ग के मजदूर परिवारो को ईट – भट्ठा मे दलाल लेबर ठेकेदार द्वारा बेचने / गिरवी रखकर फरार हो जाने व ईट भट्ठा मालिक द्वारा मारपीट  - प्रताडित कर जबरिया बन्धुआ मजदूरी कराये जाने से मुक्ति कार्यवाही बाबत आवेदन पत्र” था, जिसके नीचे विशेष उल्लेख – “सम्बन्धित ठेकेदार एवम ईट भट्ठा मालिको के नाम – पता को कार्यवाही मे गोपनीयता बनाए रखने के कारण नही लिखा गया है ! उचित सक्षम स्तर पर श्रीमान द्वारा कार्यवाही के आदेश / क्रियांवयन होने के समय आवेदको के हितचिंतक ( NGO कार्यकर्ता ) के मोबाईल न0 – 09301802425 मे सम्पर्क करने पर नाम – पता की जानकारी प्रकट कर दिया जाएगा – क्योकि हमे भय है कि सक्ष्म एवम मुक्ति कार्यवाही आदेश के पूर्व नाम – पता प्रकट हो जाने से हम लोंगो पर जानलेवा हमला हो सकता है !”  इस कवर प्रार्थना पत्र के साथ मजदूरो के नाम – पता अंगूठा निशान सहित ईट भट्ठा पर लिये गये तस्वीर संलग्न था ! आवेदक ने उसकी प्रतिलिपि माननीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली, मुख्यमंत्री – उ0प्र0, लखनऊ, केन्द्रीय गृह मंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली  6.2.12 को भी प्रेषित की गयी थी !
ईधर आवेदक समिति से लगातार फोन कर ईमेल द्वारा जिलाधिकारी को भेजे गये पत्र के सन्दर्भ मे कार्यवाही के बाबत पूछ रहे थे ! कार्यकर्ता द्वारा कई बार जिलाधिकारी महोदय वाराणसी से कार्यवाही से अवगत करने व कराने की बात रखने के सन्दर्भ मे मुलाकात कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन राज्य के विधान सभा चुनाव के कारण उनसे मुलाकत नही हो पा रही थी !
समिति के अधिशासी निदेशक / महासचिव डा0 लेनिन, जो जिला बन्धुआ निगरानी समिति के सदस्य है उनके लेटर पैड पर आवेदन लिख कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी महोदय से उपस्थित हो कर कार्यवाही की मांग रखने हेतु कार्यालय गये, वहा बताया गया की साहब से मुलाकत चुनाव भर होना मुश्किल है, वे अभी आयुक्त कार्यालय मे आयोजित बैठकी मे भाग लेने गये है, इसलिए आप लोंग ADM – प्रशासन से मिले ! वहा से ADM प्रशासन के कार्यलय गये, वे भी उसी बैठकी मे शामिल थे ! वहा पहुचने पर देखा गया की जिला के सभी अधिकारी गण बैठकी मे भाग लेने आये है ! वहा कई घण्टो इंतजार के बाद अधिकारी गण अपने – अपने गाडी से विदा होने लगे ! काफी नज़र रखने के बाद भी जिलाधिकारी महोदय नज़र नही आये, तभी ADM -  प्रशासन को अपने गाडी मे बैठते हुए देख दौडकर उनके पास पहुंचे ! उन्होने देखते बोला – “क्या है,” कार्यकर्ताओ ने कहा – आपके से अनुरोध है सर की इस मामले मे जल्द कार्यवाही हो और जैसे ही बोला गया की 56 लोंगो को बन्धुआ मजदूर बनाकर ईट भट्ठे पर शारीरिक शोषन के साथ मारपीट किया जा रहा है और वहा अवैध शराब बनाने का काम भी करवाया जा रहा है ! इतना सुनते ही वे बोले – “तुमलोंग श्रम विभाग क्यो नही जाते, वही जाओ, श्रमायुक्त ही कार्यवाही करेंगे, हम इसमे क्या कर सकते है, यह सब मामला वही देखते है”  सर – सर आप निर्देशित कर दे, उन्होने कहा – वहा कहना मेरे द्वारा भेजे गये हो, और कहते हुए आवेदन लेने से इंकार कर गाडी मे बैठ चल दिए !
वहा से निराश हो तुरंत श्रमायुक्त कार्यालय पहुचा गया, क्योकि दोपहर  का समय लगभग 3 बज चुके थे ! वहा पहुचने पर देखे की लगभग सभी कार्यालय कमरा बन्द था, केवल लिपिक कमरा खुला हुआ था ! उस कार्यालय से पता चला की चुनाव बाद ही किसी भी अधिकारी से मिल सकते है, इस दौरान कार्यवाही सम्भव नही है ! दुबारा पूछने पर की कल मुलाकत हो सकता है, वे लोंग बोले – सम्भव तो नही है, अगर आप लोंग परेशान होना चाहते है तब आप पर निर्भर करता है, क्योकि सभी लोंगो की ड्यूटी चुनाव मे है, इसलिए कार्यालय मे मुलाकत नही ही मान कर चले !
इस तरह से कही भी कुछ सुनवाई नही होने पर 10 फरवरी, 2012 को जिलाधिकारी के आवास गये, लेकिन वहा भी चुनाव की व्यस्तता बतालाकर मिलने नही दिया गया, कार्यकर्ताओ द्वारा उनके आवासीय कार्यालय मे आवेदन की प्रति दी गयी ! फिर दिनांक 08 फरवरी, 2012 का आवेदन पत्र पंजीकृत डाक द्वारा 10 फरवरी, 2012 को शाम समय 6:14 बजे जिलाधिकारी को आवेदन भेजा गया !
11 फरवरी, 2012 को इस सन्दर्भ मे विषयक – “ईट – भट्ठा से अनुसूचित जाति वर्ग के मज़दूर परिवारो को बन्धुआ मजदूर को कई बार शिकायत के बाद भी चुनाव मे व्यस्त होने के कारण बताकर अवमुक्त न कराया जाने के सन्दर्भ मे !” मुख्य चुनाव आयुक्त को भी पंजीकृत डाक द्वारा भेजा गया, लेकिन किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही हुयी !
जिलाधिकारी महोदय को आवेदन भेजने के बाद भी कार्यवाही नही होने पर 12 फरवरी, 2012 को दुबारा आवास पर गये, वहा से DM साहब का फोन न0 मिला और बताया गया की सोमवार, वृहस्पतिवार एवम शुक्रवार को रायफल क्लब मे मुलाकात करे, वे अभी वही मिलेंगे, नही तो फोन पर सम्पर्क कर ले ! वहा से लौटते समय कचहरी से DM साहब के मो0 न0 – 9454417579 पर सम्पर्क कर परिचय देते हुए कहा गया – सर, आप से मिलना था आवेदन पर कार्यवाही के लिए जो ईट भट्ठा से बन्धुआ मजदूरी से मुक्ति हेतु है, इसपर उन्होने कहा – आज छुट्टी है, मै नही मिल पाऊगा, फिर भी आवेदन आप मेरे PRO कार्यालय मे दे दे, वह खुला होंगा ! जब मिलने की बात नही बनी तब कहा गया की सर 10 तारीख को डाक द्वारा आपके नाम प्रेषित की गयी है ! आवास पर भी गये थे लेकिन मुलाकात नही हो सका !  इस पर वे बोले  - मै आवस पर अभी नही हू, ठीक है मै देखता हू !
14 फरवरी, 2012 को फिर DM साहब से मिलने का प्रयास किया गया, लेकिन चुनाव के कारण मुलाकत नही होने पर उनके कार्यालय मे आवेदन पत्र के सन्दर्भ मे पता लगाया गया ! वहा के डिस्पैच विभाग मे पत्र देखा गया जो उस समय उसे ADM प्रशासन को भेजने की तैयारी हो रही थी, जिसका डिस्पैच न0 – 2903 है ! यहा भी सम्बन्धित कर्मचारी से जल्द भेजने हेतु कहा गया और सामने ही उसे ADM प्रशासन के नाम से भेजा गया ! बाद मे फिर वहा से SDM सदर को, वहा से दुसरे दिन शाम तक डिस्पैच नही किया गया था ! अगले दिन जाने पर पता चला की 22/22.2.12/46/TAC आयोग 21.2.12 डिस्पैच रजिस्टर पर देखा गया, जो तहसीलदार सदर के नाम भेजा गया था !
फिर अगले दिन तहसीलदार सदर के पास गये, उनका वहा नही रहने पर कार्यालय मे सम्बन्धित कर्मचारी से पूछा गया, उन्होने SDM सदर का किसी भी प्रकार के पत्र मिलने की बात को अस्वीकारते हुए बोले – आज अभी तक नही आया है, हो सके शाम तक आये, आप लोंग कल मिल सकते है !
कल जाने पर वहा से उस पत्र को नायब तहसीलदार - कटेहर को भेजा गया है, उनके कार्यालय जाकर पता किया गया, आवेदन वहा था, लेकिन नायब साहब नही आये थे ! वहा कर्मचारी से पूछने पर पता चला की वे 12 बजे तक आयेंगे, थोडा इंतजार करे ! वहा कार्यकर्तागण 11:00 से 12:45 तक रहे ! नायब साहब से बातचीत हुआ, वे बोले – हम सदर साहब से बात करके आपको सूचित कर देंगे, हो सके तब आप मेरे मो0 न0 – 9454417053 पर कार्यवाही के बाबत पूछ सकते है ! जब कहा गया की सर जल्द कार्यवाही की जरूरत है, अगर आप के स्तर से हो जाये तब आज ही कार्यवाही कर ले ! इसपर वे बोले – देखिए यह मेरे स्तर का बात नही है, जब तक हम अपने ऊपर वालो से बात न कर ले, कुछ नही किया जा सकता है ! अब हमारे पास यह मामला भेजा गया है, हम आज नही तो कल आपसे सम्पर्क कर सूचना देंगे ! जब उन्हे 8 तारीख से आज तक की पूरी भाग – दौड की बात सामने रखी गयी तब उन्होने आवेदन को ध्यान से पढते हुए बोले – इसमे तो कही नाम व पता है ही नही, कैसे जानेंगे की कौन सा भट्ठा है ! इस पर आवेदन मे दिए गये फोन न0 और उसमे लिखी गयी बातो की ओर पुन: ध्यान खींचा गया ! फिर वे बोले  - ठीक है, उस न0 पर सम्पर्क कर हम आपलोंगो को भी सूचित कर देंगे !
दुसरे दिन उनके फोन का दोपहर तक इंतजार करते रहे, फोन नही आने पर उनसे सम्पर्क किया गया तब वे कहे – अभी तो मै जेल मे हू, यहा किसी कैदी की मृत्यु होने पर पंचनामा मे व्यस्त हू, यहा से फुर्सत मिलने पर बताता हू !
अगले दिन भी उनके द्वारा फोन नही आया, फिर अगले 25.25.2.12 को अचानक पता चला की राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के टीम इस मामले मे कार्यवाही हेतु आये है, उन्होने समिति, श्रम विभाग और SDM सदर के साथ बैठकी कर दोपहर मे ईट – भट्ठा पर छापा मारने के लिए निकले ! आगे आगे श्रम विभाग की गाडी और सबसे पीछे समिति की गाडी अख्ता रोड से होते हुए अजगरा पहुंचे, वहा से आगे जाने के बाद अचानक श्रम विभाग की गाडी रोड से नीचे कच्ची सडक और बगीचे से होते हुए भट्ठा पर जाकर रूकी ! वहा पहले से स्थानीय थाना के पुलिसकर्मियो के साथ ही साथ भट्ठा मालिक, मुंशी और कुछ मज़दूर उपस्थित थे ! वहा NHRC के टीम से आये पीएस राव और एसएन मिश्रा, SDM सदर, नायब तहसीलदार – कटेहर, श्रम विभाग के इंस्पेकटर व कर्मचारी ने भट्ठा पर यहा – वहा मालिक, मज़दूरो व मुंशी से पूछ्ताछ करते हुए भट्ठा के चाहुओर जाकर स्थिति मुआयना किये ! भट्ठा मालिक ने स्वीकार किये की हा यहा छतीसगढ के माज़दूर थे, वे चार – पांच दिन पहले ही हिसाब कर घर चले गये ! तब NHRC टीम द्वारा छतीसगढ के मज़दूरो के निवास स्थलो की मुआयना किया गया, जहा उनके झोपडियो, खाना बनाने की जगहो, बिजली की सुविधा तथा पानी की सुविधा को देखा गया और तस्वीर लिया गया !
फिर वहा के उपलब्ध दस्तावेजो को उलटा – पलटा गया, तभी कार्यकर्ता उसकी तस्वीर खींच रहा था, जिसे डिलिट भट्ठा मालिक द्वारा डिलिट करवा दिया गया ! SDM सदर ने सभी दस्तावेजो की प्रतिलिपि कार्यालय पहुचाने की बात कहे तथा वहा कुछ मज़दूरो का बयान लिया गया ! दुसरे दिन भी NHRC टीम द्वारा चाही गांव, चोलापुर थाने स्थित भट्ठा के मालिक पर SDM सदर ने बाल श्रम अधिनियम के तहत  प्राथमिकी दर्ज कराया और एक परिवार को बन्धुआ मुक्ति प्रमाण पत्र दिये !
अगले दिन फिर NHRC टीम द्वारा कार्यकर्ताओ की बयान लिया गया !
बाद मे मामला मे छतीसग़ढ के 36 लोंगो को बन्धुआ मुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान कराय गया है !    
 From Desk of Upendra Kumar

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