लखनऊ। दबंगों और माफियाओं के लिए पुलिस का इस्तेमाल कितना आसान हो गया है और कानूनों के बारे में खुद पुलिस ही कितनी अनजान है इसका सबूत विख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ताओं डा. लेनिन और श्रुति ने किया है। इनका आरोप है की बनारस की पुलिस नियमो की अवहेलना करके उन्हें प्रताड़ित कर रही है और मुख्य चिकित्साधिकारी के नाम दिए गए प्रार्थना पत्र पर ऍफ़ आई आर दर्ज कर ली जा रही है। वास्तविक मुजरिम के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। डा0 लेनिन व श्रुति ने 169 सी0आर0पी0सी के तहत साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा दाखिल दफ्तर करने के साथ, फर्जी मुकदमा दायर करने के खिलाफ 182 आई0पी0सी0 के तहत सुनील गुप्ता पर मुकदमा दर्ज करने की अपील की हैं। ज्ञातव्य है की इन दोनों द्वारा एक प्रताड़ित महिला सपना की मदद करने के बाद से ही इनको धमकिया मिल रही हैं और डा . लेनिन पर जानलेवा हमला हो चूका है। मगर बनारस के भेलूपुर थाने की पुलिस ने अपराधी पर कायवाही करने के बाजए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर ही मुकदमे लगा दिए हैं।
अब डा . लेनिन और श्रुति ने नये संशोधित कानून 166 ए आईपीसी के तहत मुख्य चिकित्साधिकारी, पुलिस अधिकारी व भेलूपुर थाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है । उन्होंने कहा कि महिला पर अत्याचार जारी रखने के लिए पुलिस अधिकारी के आदेश पर भेलूपुर थाना ने 19 जून, 2013 को 199/13 धारा 342, 384, 498 आई0पी0सी0 के अन्तर्गत लेनिन और श्रुति नागवंशी के खिलाफ मुकदमा लिखा है। विदित हो कि इसी आरोप पर सुनील गुप्ता नाम के व्यक्ति ने पहले भी शिकायत की थी, जिस पर पुलिस ने जाँच कर आरोप को झूठा माना एवं इन्ही आरोपों के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय में सुनील कुमार गुप्ता ने याचिका (हेवियस कारपस रिट पेटीशन नम्बर-8753/2013) दायर की। जिस पर पीडिता सपना व उसके भाई श्याम ने उच्च न्यायालय मे जाकर अपने बयान दिये। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए सपना चैरसिया को स्वतंत्र घोषित करते हुए सुनील गुप्ता को सपना के शान्तिपूर्ण जीवन में किसी तरह के हस्तक्षेप पर रोक लगा दी।
मामला तब शुरू हुआ जब शातिर दिमाग के सुनील गुप्ता ने सपना को जबरिया पत्नी घोषित कर जब उसका उत्पीडन शुरू किया तब वह भाग कर मानवाधिकार के लिए काम करने वाली संस्था मानवाधिकार जन निगरानी समिति के पास आई और संस्था ने उसका केस देखना शुरू किया। 13 मार्च, 2013 को सुनील गुप्ता के ऊपर सपना द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 1280/2002 धारा 328, 511, 498ए, 323, 504, 506 आई0पी0सी0 के तहत दर्ज किया गया है। इस मामले की पैरवी जब डा . लेनिन और श्रुति द्वारा की जाने लगी तब सुनील ने उनको जान से मरने की धमकी दी और फर्जी फेस बुक पेज बना कर श्रुति को बदनाम करने की धमकी दी। सुनील ने आरोप लगाया है कि सपना 13 नवम्बर, 2012 को पैसा लेकर भाग गयी हैं। फेसबुक बनाकर सुनील गुप्ता द्वारा श्रुति नगावंशी की मर्यादा पर हमला करने पर कैण्ट थाना में मुकदमा अपराध संख्या 418/13 आई0टी0 एक्ट की धारा 66ग, 66घ, 66बी के अन्तर्गत दर्ज है। डा. लेनिन व श्रुति ने कहा कि भेलूपुर थाना ने सुनील गुप्ता की पहली पत्नी की मौत के पोस्टमार्टम में हैंगिंग से मौत (पोस्टमार्टम संख्या-1280/2002) होने पर हुए मुकदमे में पैसे के लेन-देन पर मुकदमा दाखिल दफ्तर कर दिया और वही सुनील गुप्ता द्वारा 13 नवम्बर, 2012 का गुमशुदगी दर्ज करवाई गई। इसके बाद सपना अनेकों अधिकारियों व उच्च न्यायालय में प्रस्तुत हुई और उसका बयान लिया गया। इसके बाद 24 अप्रैल, 2013 को डा0 लेनिन पर जान लेवा हमला हुआ। जिसपर भी उच्च अधिकारी के पहल पर मुकदमा संख्या 359/13 धारा 307, 452, 341, 323 के अन्तर्गत दर्ज हो सका । इन सबके बावजूद माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना करते हुए पुलिस ने में भेलूपुर थाना ने डा. लेनिन व श्रुति नागवंशी के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया है। इससे पता चलता है कि भेलूपुर थाना सपना के साथ हुई हिंसा को दबाना चाहता है। इसलिए भेलूपुर थाना के खिलाफ आई0पी0सी0 की धारा 166ए के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए। यह कार्यवाही मुख्य चिकित्साधिकारी के खिलाफ भी होनी चाहिए, क्योंकि जो प्राथमिकी दर्ज हुई है वह मुख्य चिकित्साधिकारी वाराणसी के नाम पर हैं।
यहाँ यह भी जान लेना उचित है की पीडिता सपना को लखनऊ में उसके संघर्षों के लिए सांसद माननीया डिम्पल यादव एवं अभिनेत्री माननीया शबाना आजमी के हाथों से सम्मानित किया जा चूका है।
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