'नये संशोधित कानून 166 ए आईपीसी के तहत मुख्य चिकित्साधिकारी, पुलिस
अधिकारी व भेलूपुर थाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए''
... यह वक्तव्य मानवाधिकार जननिगरानी समिति के संस्थापक महासचिव डा. लेनिन
व मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने प्रेसवार्ता में दिया। उन्होंने कहा
कि महिला पर अत्याचार जारी रखने के लिए पुलिस अधिकारी के आदेश पर भेलूपुर
थाना ने 19 जून, 2013 को 199/13 धारा 342, 384, 498 आई0पी0सी0 के अन्तर्गत
लेनिन और श्रुति नागवंशी के खिलाफ मुकदमा लिखा है।
विदित हो कि इसी आरोप पर सुनील गुप्ता ने पहले भी शिकायत की थी, जिस पर
पुलिस ने जाँच कर आरोप को झूठा माना एवं इन्ही आरोपों के आधार पर माननीय
उच्च न्यायालय में सुनील कुमार गुप्ता ने याचिका (हेवियस कारपस रिट पेटीशन
नम्बर-8753/2013) दायर की। जिस पर सपना व उसके भाई श्याम ने उच्च न्यायालय
मे जाकर अपने बयान दिये। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते
हुए सपना चैरसिया को स्वतंत्र घोषित करते हुए सुनील गुप्ता को सपना के
शान्तिपूर्ण जीवन में किसी तरह के हस्तक्षेप पर रोक लगा दी।
इस आदेश की छाया प्रति सपना ने भेलूपुर थाना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी
भेजा। सपना ने शहर में प्रेसवार्ता की। सपना को लखनऊ में उसके संघर्षों के
लिए सांसद माननीया डिम्पल यादव एवं अभिनेत्री माननीया शबाना आजमी के हाथों
से सम्मानित किया गया। इसके विरोधी शहर के याज्ञवल्यी अपपरम्परा के महिला
विरोधी, महिलाओं का अधिकार छीनकर वाराणसी का नाम बदनाम करने की कोशिश कर
रहे हैं। सुनील ने आरोप लगाया है कि सपना 13 नवम्बर, 2012 को पैसा लेकर भाग
गयी हैं। जबकि जुलाई, 2012 को परिवारिक न्यायालय में सपना के विदा विदाई
का मुकदमा सुनील गुप्ता ने किया है। सपना की जबरदस्ती शादी 2005 में होती
है, जबकि मनोचिकित्सको के दस्तावेजों में इसे दिखाया जाता है 2010 में।
इससे पता चलता है कि सुनील गुप्ता एक शातिर महिला विरोधी अपराधी प्रवृत्ति
का व्यक्ति हैं। जिसके साथ इस शहर में दलाली करने वाले लोग साठ-गांठ में
लगे हैं।
डा. लेनिन प्रेस वार्ता में सुनील गुप्ता द्वारा उसके रिश्तेदार द्वारा
बातचीत का आडियो टेप भी प्रस्तुत किया जिसमें सुनील गुप्ता ने फेसबुक बनाकर
संस्था बरबाद करने, गैंगवार होने के साथ धमकी देने वाले शब्दों में काफी
अपशब्द बोला हैं। यह आडियो टेप अब यूट्यूब
http://www.youtube.com/watch?v=yxiQqVQHWP0 पर उपलब्ध है।
फेसबुक बनाकर सुनील गुप्ता द्वारा श्रुति नगावंशी की मर्यादा पर हमला करने
पर कैण्ट थाना में मुकदमा अपराध संख्या 418/13 आई0टी0 एक्ट की धारा 66ग,
66घ, 66बी के अन्तर्गत दर्ज है। इसके बाद सुनील गुप्ता ने अपने फेसबुक में
अपने को कृष्ण और अपनी पत्नी को द्रौपदी दिखाकर हिन्दू धर्म का अपमान किया
है, जिसके खिलाफ मैंने पुनः विभिन्न अधिकारियों को पत्र लिखा हैं। डा.
लेनिन व श्रुति ने कहा कि भेलूपुर थाना ने सुनील गुप्ता की पहली पत्नी की
मौत के पोस्टमार्टम में हैंगिंग से मौत (पोस्टमार्टम संख्या-1280/2002)
होने पर हुए मुकदमे में पैसे के लेन-देन पर मुकदमा दाखिल दफ्तर कर दिया और
वही सुनील गुप्ता द्वारा 13 नवम्बर, 2012 का गुमशुदगी दर्ज करवाई गई। इसके
बाद सपना अनेकों अधिकारियों व उच्च न्यायालय में प्रस्तुत हुई और उसका बयान
लिया गया।
इन सबके बावजूद माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना करते हुए अभी हाल में
भेलूपुर थाना ने डा. लेनिन व श्रुति नागवंशी के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज
किया है। इससे पता चलता है कि भेलूपुर थाना सपना के साथ हुई हिंसा को दबाना
चाहता है। इसलिए भेलूपुर थाना के खिलाफ आई0पी0सी0 की धारा 166ए के तहत
कार्यवाही की जानी चाहिए। यह कार्यवाही मुख्य चिकित्साधिकारी के खिलाफ भी
होनी चाहिए, क्योंकि जो प्राथमिकी दर्ज हुई है वह मुख्य चिकित्साधिकारी
वाराणसी के नाम पर हैं।
विदित है कि 13 मार्च, 2013 को सुनील गुप्ता के ऊपर सपना द्वारा मुकदमा
अपराध संख्या 1280/2002 धारा 328, 511, 498ए, 323, 504, 506 आई0पी0सी0 के
तहत दर्ज किया गया है। जिसपर महिला थाना लीपापोती व हीला हवाली कर रहा है,
इसपर भी आई0पी0सी0 की धारा 166ए के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए। 24 जनवरी,
2013 को अर्जेन्ट अपील जारी कर हमने एवं अपने परिवार की हत्या के साथ
फर्जी मुकदमे में फसाने की आशंका की अपील कर उच्च अधिकारियों को पत्र लिख
कर बताया, साथ ही उच्चस्तरीय जाँच की मांग की।
http://www.pvchr.net/2013/01/india-threats-to-human-rights-defenders.html
24 अप्रैल, 2013 को डा0 लेनिन पर जान लेवा हमला हुआ। जिसपर भी उच्च
अधिकारी के पहल पर मुकदमा संख्या 359/13 धारा 307, 452, 341, 323 के
अन्तर्गत दर्ज हैं। 13 मई, 2013 को इस सिलसिले में मैने वरिष्ठ पुलिस पुलिस
अधीक्षक को पत्र भेजा हैं। डा0 लेनिन व श्रुति ने बताया कि लोहता थाने पर
दलित महिला रावड़ी देवीे (नाम परिवर्तित) के यौन उत्पीड़न पर एक पुलिस
कर्मी को सजा हुई है, और एक पिटाई के मामले में भी एक पुलिस कर्मी को
न्यायालय ने नोटिस जारी की है। जिसकी पैरवी संस्था द्वारा की गई है। जिसके
चलते कुछ पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मी मुझसे नाराज है। जिसके कारण यह पेश
बन्दी कुछ दलालों के दबाव में की जा रही है। जबकि 16 जनवरी, 2013 को मिली
धमकी और अभी 20 जून, 2013 को मिली मोबाइल की धमकी पर और जान लेवा हमले व
सपना द्वारा दायर केस में भी पुलिस द्वारा अभी कोई ठोस कार्यवाही नही हुई
हैं।
उन्होने बनारस की जनता से आह्वान किया कि याज्ञवल्यी अपपरम्परा के खिलाफ
खडे होकर महिलाओं के सम्मान को खडाकर मातृ सम्मान को स्थापित करें। डा0
लेनिन व श्रुति ने 169 सी0आर0पी0सी के तहत साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा
दाखिल दफ्तर करने के साथ, फर्जी मुकदमा दायर करने के खिलाफ 182 आई0पी0सी0
के तहत सुनील गुप्ता पर मुकदमा दर्ज करने की अपील की हैं।
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